नई पीढ़ियों में सेवा भाव की कमी वेस्टर्न कल्चर का दुष्परिणाम :डा. रणजीत सिंह

राष्ट्रीय सेवा योजना के सात दिवसीय शिविर का हुआ समापन


सुइथाकला,जौनपुर।। राष्ट्रीय सेवा योजना के विशेष शिविर  का समापन समारोह 16 मार्च को गांधी स्मारक पीजी कॉलेज समोधपुर स्थित श्री सर्वेश्वरी समूह संस्थान परिसर में आयोजित हुआ।समापन समारोह का शुभारंभ स्काउट गाइड के जिला मुख्यायुक्त एवं श्री गांधी स्मारक इंटर कॉलेज समोधपुर के पूर्व प्रधानाचार्य  डा.रणजीत सिंह ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं पूजा अर्चना करके बतौर मुख्य अतिथि के रूप में किया। सर्वप्रथम स्मृति दुबे,प्रगति मिश्रा व अंतिमा गुप्ता द्वारा सरस्वती वंदना व स्वागत गीत खुशी पांडेय, प्रीति सिंह प्रीति तथा गुंजा ने प्रस्तुत किया। मुख्य अतिथि का माल्यार्पण करके स्वागत किया गया।समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना का मुख्य उद्देश्य देश व समाज के प्रति  सेवा भाव जागृत करना है।आधुनिक पीढ़ियों में सेवा भावना के प्रति उदासीनता पर चिंता जताई। 

अपने उद्बोधन में उन्होंने बताया कि मां- बाप और समाज की निस्वार्थ सेवा भारतीय सनातन परंपरा का अंग रही है।उन्होंने कहा कि सेवा ही सर्वोपरि है इसलिए इसके लिए हमेशा हमें तत्पर रहना चाहिए। अपने हृदय के उद्गार व्यक्त करते हुए डा.सिंह ने कहा कि  आज की पीढ़ियां मां- बाप को वृद्ध आश्रम भेज देती हैं जो अत्यंत चिंताजनक है जबकि अपनी संतानों के प्रति इनके अलावा बड़ा त्याग कोई नहीं कर सकता।यह पश्चिमी सभ्यता का प्रभाव माना जा सकता है।अपने लिए तो हर कोई जीता है किंतु महान वही है जो परहित के लिए कार्य करे।दूसरों की भलाई  करने वाला ही  स्वयंसेवक कहलाने का हकदार हो सकता है। लड़के तथा लड़कियों को एक समान शिक्षा का अधिकार मिलना चाहिए क्योंकि महिलाओं की उन्नति के बिना देश का चौमुखी विकास असंभव है। मनुष्य के आपसी संबंधों में दरार पैदा करने के प्रमुख कारक मोबाइल के दुरुपयोग से होने वाले दुष्परिणाम हैं। उन्होंने कहा कि परिवार को समय देने के बजाय लोग मोबाइल को ही अधिक समय देते हैं जिससे संबंधों में दूरियां बढ़ रही है।इससे सामाजिक विघटन की स्थिति और असंतुलन की समस्या उत्पन्न हो रही है।पूर्व प्रधानाचार्य ने आम जनमानस तथा छात्र-छात्राओं से स्मार्टफोन के सदुपयोग का आह्वान किया। उन्होंने बताया कि महिलाएं महिला सशक्तिकरण की दिशा में आगे बढ़ रही हैं। 

अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य प्रो. रमेश चंद्र सिंह ने सप्त दिवसीय शिविर  कार्यक्रम को सफल बनाने में कार्यक्रम अधिकारियों की भूरि -भूरि प्रशंसा की। बहुत कम समय में कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए कार्यक्रम अधिकारियों और छात्र छात्राओं को बधाई दी। छात्र छात्राओं के उज्जवल भविष्य की कामना की।महिला सशक्तिकरण व मोबाइल के दुरुपयोग से होने वाले दुष्परिणाम के विषय पर एकांकी की शानदार प्रस्तुति से उपस्थित अतिथि एवं छात्र छात्राएं भाव विभोर हो उठे। स्वयंसेवकों द्वारा कव्वाली ,राष्ट्रीय गीत एवं विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए।कार्यक्रम अधिकारी डॉ आलोक प्रताप सिंह  विसेन ने  राष्ट्रीय सेवा योजना के इतिहास पर विस्तार से प्रकाश डाला।आभार एवं धन्यवाद ज्ञापन  कार्यक्रम अधिकारी डॉ इंद्र बहादुर सिंह ने किया। संचालन बीए के छात्र आर्यन श्रीवास्तव ने किया। इस अवसर पर  डॉ पंकज सिंह,डॉ .लालमणि प्रजापति, डॉ लक्ष्मण सिंह, डा.नीलमणि सिंह, जितेंद्र सिंह आदि उपस्थित रहे।

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