ह्रदय रोग से ग्रसित जिला के 7 बच्चे जांच के लिए जायेंगे पटना

पटना स्थित आईजीआईसी में बच्चों की होगी निशुल्क जांच 

मुख्यमंत्री बाल ह्रदय योजना के तहत ह्रदय रोग से ग्रसित बच्चों का होता है निशुल्क उपचार 

कार्यपालक निदेशक, राज्य स्वास्थ्य समिति, बिहार ने पत्र जारी कर दिए निर्देश  

भभुआ ।। स्वास्थ्य विभाग द्वारा ह्रदय रोग से ग्रसित बच्चों को आवश्यक जांच व इलाज के लिए उनके परिजनों के साथ पटना भेजा जायगा. ह्रदय में छेद के साथ जन्मे बच्चों को निःशुल्क उपचार उपलब्ध कराने के लिए बाल हृदय योजना की शुरुआत की गई है. जिसके तहत इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान में 20 एवं 21 मार्च को श्री सत्य साईं अस्पताल अहमदाबाद के सहयोग से बाल ह्रदय योजना के तहत निःशुल्क जांच शिविर का आयोजन किया जायगा. राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत चिह्नित बच्चों के साथ परिजनों को 102 एंबुलेंस के माध्यम से भेजने व वापस ले जाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी. साथ ही एक आयुष चिकित्सा फार्मासिस्ट को भी भेजने का निर्देश दिया गया, जो संस्था के साथ संबंध स्थापित कर जांच सुनिश्चित कराएंगे. जांच शिविर में गतिविधियां सुबह 8:00 बजे से प्रारंभ की जाएगी. इस बाबत सचिव, स्वास्थ्य सह कार्यपालक निदेशक राज्य स्वास्थ्य समिति,बिहार संजय कुमार सिंह ने पत्र जारी कर सिविल सर्जन को  निर्देश दिया है.

कैमूर जिला के 7 बच्चों की होगी जांच: 

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के जिला समन्वयक डॉ. इमरान ने बताया कि जिले से 7 बच्चों को पटना स्थित इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान में जांच के लिए भेजा जायेगा. ये बच्चे हैं भभुआ प्रखंड से 10 वर्षीय जूली कुमारी, 6 वर्षीय आर्यन राज, 10 माह की अनन्या कुमारी, रामगढ़ प्रखंड से 6 वर्षीय अजय कुमार एवं 6 वर्षीय आदित्य कुमार, कुदरा प्रखंड से 10 वर्षीय लक्ष्मीना कुमारी एवं भगवानपुर प्रखंड से 3 माह का शिशु आदित्य पांडेय. उन्होंने बताया कि सभी बच्चों को उनके अभिभावक के साथ 102 एंबुलेंस के माध्यम से भेजने व वापस ले जाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी.

क्या है बाल हृदय योजना:

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत बिहार सरकार बाल हृदय योजना संचालित कर रही है. इस योजना के तहत कुछ चिन्हित जटिल रोगों से ग्रसित 18 वर्ष तक के बच्चों का निःशुल्क इलाज कराया जा रहा है. वहीं ऑपरेशन की आवश्यकता पड़ने पर बच्चों को राज्य सरकार अपने खर्च पर अहमदाबाद भेजती है और वहां स्थित श्री सत्य साईं अस्पताल में ऑपरेशन किया जाता है. जिसका पूरा खर्च बिहार सरकार के द्वारा वहन किया जाता है.

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