भिवंडी पालिका का भर्ती घोटाला उजागर : दो लिपिकों ने रोका दो सौ कर्मचारियों का प्रमोशन आस्थापना विभाग प्रमुख ने बिना योग्यता के ही वरिष्ठता सूची में डाला अपना नाम

भिवंडी।। भिवंडी निजामपुर शहर महानगर पालिका प्रशासन में अनुबंध के आधार पर काम करने वाले एक विशिष्ट पद पर भर्ती किए गए दो कर्मचारियों को प्रशासन की आंखों में धूल झोंक कर महानगर पालिका की सेवा में घुसाने का मामला सामने आया है। यही नहीं आकृति बंध सूची में बिना योग्यता के ही अपना नाम वरिष्ठतम सूची में डालने से लगभग 200 कर्मचारियों के प्रमोशन पर खतरा मंडराने लगा है। पालिका के पूर्व स्थायी सभापति व शिवसेना भिवंडी उप जिला प्रमुख द्वारा आवाज़ उठाने पर पालिका आयुक्त ने इस मामले में जांच कमेटी गठित कर दी है। इस संबंध में विस्तृत जानकारी यह है कि सरकार ने महानगर पालिका क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग के प्रजनन एवं बाल स्वास्थ्य फेज 2 के लिए संविदा के आधार पर कर्मचारियों की नियुक्ति की थी। हलांकि सरकार ने 2007 में इस योजना को बंद कर दिया था। उस समय पालिका ने इस योजना को जारी रखने में रुचि दिखाई और एक विशेष तौर के रूप में सरकार ने 2008 में महानगर पालिका के प्रजनन और बाल स्वास्थ्य विभाग में अनुबंध के आधार पर 40 कर्मचारियों को अवशोषित कर लिया। लेकिन ऐसा करते हुए सरकार ने कर्मचारियों से करारनामा ( हमी पत्र) लिखवाया था कि महानगर पालिका की सेवा आस्थापना में सीधी पदोन्नति का लाभ नहीं मिलेगा, कर्मचारियों को स्पष्ट निर्देश दिया था। इसी आदेश में पालिका के प्रजनन व बाल स्वास्थ्य विभाग में सूचना शिक्षा व संपर्क अधिकारी तथा वरिष्ठ लिपिक एवं सांख्यिकी अधिकारी व वरिष्ठ लिपिक दो पद सृजित कर नितिन विजय पाटिल व अजय सीताराम पाटिल की नियुक्ति की गई थी। लेकिन दोनों कर्मचारी स्वास्थ्य विभाग में काम ना करते हुए पालिका के आस्थापना विभाग में काम करना शुरू कर दिया और महानगर पालिका की सेवा में शामिल हो गये। नितिन पाटिल ने राजकीय दबाव बनाकर विभिन्न विभागों में काम किया‌। यही नहीं कई विभागों में सहायक आयुक्त पद व कार्यालय अधीक्षक के रूप में भी काम किया। वही पर अजय पाटिल लेखा विभाग में कार्यालय अधीक्षक पद पर कई वर्षों से एक ही पद पर आसीन है। इस दौरान नितिन पाटिल का  सहायक आयुक्त (प्रशासन) विभाग पद नियुक्ति हुई। 30 नवंबर 2022 शासन ने आकृति सूची तैयार किया तो उक्त दोनों लिपिकों के पालिका के आस्थापना विभाग में वरिष्ठ लिपिक पद स्वीकृत हुई है। दरअसल इन दोनों कर्मचारियों को स्वास्थ्य विभाग में विशेष काम के लिए वरिष्ठ लिपिक पद की मंजूरी दी गई थी। किन्तु उस पद पर काम ना करते हुए दोनों आस्थापना विभाग में काम करते रहे और इसका फायदा उठाकर अपना नाम पदोन्नति सूची में डाल लिया। जिसके कारण लगभग 200 कर्मचारियों का प्रमोशन बाधित होने का आरोप संजय म्हात्रे ने लगाया है। शासकीय सेवा शर्तों के अनुसार लिपिक का पद सीधी सेवा से भरा जाना है।जबकि वरिष्ठ लिपिक का पद प्रोन्नति से भरा जाता है। जबकि इन दोनों कर्मचारियों के पास 2007 में जब ज्वाइन किया था, तब न तो कोई शैक्षणिक योग्यता थी और न ही प्रोन्नति के लिए इन्हें शासकीय सेवा में 10 वर्ष का अनुभव था। किन्तु दोनों को किसकी कृपा से यह अवसर प्राप्त हुआ। ऐसा आरोप स्थायी समिति के पूर्व सभापति संजय म्हात्रे अपने निवेदन पत्र में लगाया है। इसके साथ उन्होंने मांग किया है कि नितिन पाटिल और अजय पाटिल दोनों कर्मचारी 2022 के शासन मंजूरी के बाद महानगर पालिका के लिपिक पद पर होना चाहिए था। परन्तु ऐसा नही हुआ। दोनों ने मिलकर प्रशासन को मूर्ख बनाते हुए स्वयं का आर्थिक फायदा उठाया है और अन्य कर्मचारियों के साथ अन्याय किया है दोनों की नियुक्तियां गलत तरीके से पालिका सेवा में हुई है। दोनों के खिलाफ तत्काल चौकसी कर कार्रवाई की जानी चाहिए।

पिछले माह नितिन पाटिल को आस्थापना विभाग से हटा दिया है और उपायुक्त (मुख्यालय) की अध्यक्षता में एक जांच समिति नियुक्त की गई है और समिति को तीस दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट देने के लिए निर्देश दिया है। जांच रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी।   ----- पालिका प्रशासक व आयुक्त विजय कुमार म्हसाल शासन द्वारा किये लेखा परीक्षण में नितिन पाटिल व अजय पाटिल को स्वास्थ्य सेवा हेतु नियुक्ति की गई थी शासन के निर्णय का उल्लंघन करते हुए अन्य विभागों में नियम से हटकर सेवा दिये जाने एवं दिये गये वेतन श्रेणी को लेकर शिकायत दर्ज हुई है। किन्तु दोनों कर्मचारियों की पद पर नियुक्ति का आदेश बाबत मूल फाइल गायब है और इस संबंध में बहुत जल्द ही पुलिस थाना में मामला दर्ज करवाया जायेगा। 

----- सहायक आयुक्त ( प्रशासन) बालाराम जाधव


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