क्रासर:-कभी भी हो सकता है अमृतसर जैसा रेल हादसा.

भदोही जिले के कौवलापुर रेलवे लाइन से चंद कदम दूर हो रही रामलीला.

रिपोर्ट-राम मोहनअग्निहोत्री

ज्ञानपुर,भदोही।लगातार हो रहे रेल हादसों के बाद भी लोग सचेत नहीं हो रहे हैं। कभी रेलवे फाटकों के बंद होने पर उसके नीचे से गाड़ियां पार कराने लगते हैं तो कभी स्टेशनों पर पटरियों से गुजर कर प्लेटफार्मो पर जाते हैं।जनपद भदोही के जंगीगंज, ज्ञानपुर,अहिमनपुर,माधोसिंह,औराई के मेघीपुर रेलवे क्रासिंग, कटका और कवलापुर  आदि रेलवे फाटकों पर अक्सर इस तरह का नजारा देखने को मिलता है। यात्रियों की यह लापरवाही आए दिन हादसों का कारण बनती है। गोपीगंज कोतवाली अंतर्गत कवलापुर गांव के समीप छतमी रेलवे लाईन से चंद कदम की दूरी पर चल रहे रामलीले की थोड़ी सी चूक बड़ा हादसा करा सकती है। इधर, रेलवे प्रशासन लगातार अपनी जिम्मेदारी से भागता है। सब कुछ जानने के बाद भी कड़ी कार्रवाई नहीं की जाती है। 

        【ज्ञातव्य है कि यहां पर हर्षूबाबा ब्रम्ह रामलीला समिति की ओर से रेलवे लाईन से कुछ कदम की दूरी रामलीला का आयोजन किया जाता है। इस अवसर  पर यहां काफी भीड़ होती है। वाराणसी-इलाहाबाद मेन रूट होने के कारण लगभग अनेकों ट्रेने गुजरती है। इस ट्रैक पर पवन एक्स्प्रेस, विभूति एक्स्प्रेस,लिच्छवी, स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस आदि कई गाड़ियां तेज रफ्तार में दौड़ती है। इस रामलीले के दौरान सुरक्षा व्यवस्था का कोई इंतजाम रेल विभाग की ओर से नहीं किया जाता है। सीतामढ़ी, इलाहाबाद कुम्भ आदि को दर्शन करने वाले रेल यात्री भी होते हैं। सीतामढ़ी मंदिर में आस्था रखने वाले रेलयात्री भी प्लेटफार्म से उतरकर रेलवे लाइन को पार कर मंदिर में जाकर दर्शन करते हैं और पुन: लौटकर उसी रेल पटरी को पार कर प्लेटफार्म पर चढ़ते हैं। इस कारण अक्सर कोई न कोई ट्रेन की चपेट में आ जाता है।क्षेत्र के लोग का कहना है कि बिना रेल-प्रशासन के ऐसे आयोजन बेहद खतरनाक होकर अमृतसर मे बीते हुए हादसे की पुनरावृत्ति हो सकती है।जिला प्रशासन को भी इस ओर ध्यान देना चाहिए।

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