भिवंडी पालिका के आयुक्त म्हसाल का तबादला राजनीतिक षड्यंत्र ? आयुक्त की कुर्सी व पालिका की छवि खराब करने की कोशिश

भिवंडी।।भिवंडी निजामपुर शहर महानगर पालिका के आयुक्त विजय कुमार म्हसाल को शासन के नगर विकास विभाग के उप सचिव प्रियांका कुलकर्णी- छापवाले के हस्ताक्षर युक्त परिपत्रानुसार पिछले शुक्रवार 9 जून 2023 को तबादला कर दिया गया था उनके रिक्त स्थान पर राज्यकर के सहायक आयुक्त अजय विलास वैद्य जैसे संवर्ग अधिकारी को भिवंडी पालिका के आयुक्त पद पर नियुक्त कर दिया गया। म्हसाल के तबादले के बाद शहर में चर्चाओं का बाजार भी गरम था। सोशल मीडिया से लेकर वाट्शाप, फेसबुक पर तमाम प्रकार की चर्चाऐ चल रही थी। कुछ लोगों का मानना था कि विद्यमान प्रशासक एवं  आयुक्त विजय कुमार म्हसाल के नेतृत्व में भिवंडी पालिका की माली हालात में सुधार हो रहा था। पालिका का कामकाज भी ठीक ठाक चालू था। 19 जून 2022 को भिवंडी पालिका के आयुक्त पद पर विजय कुमार म्हसाल की नियुक्ति 2 साल के लिए होने के बावजूद एक साल एक माह कुछ दिनों में उनका तबादला कर दिया गया। इसके पीछे भी सफेद पोश राजनीतिक व्यक्तियों का षड्यंत्र है। जो अपने आर्थिक फायदे के ख़ातिर भिवंडी शहर का विकास रोकना चाहते है।

शनिवार व रविवार छुट्टी होने के कारण पालिका आयुक्त विजय कुमार म्हसाल का तबादला आर्डर शहर के सोशल मीडिया पर छाया रहा। परन्तु सोमवार यानी 12 तारीख को तबादले में नया मोड़ आया जब आयुक्त विजय कुमार म्हसाल ने शासन के इस तबादले आर्डर के खिलाफ मैट यानी प्रशासकीय सेवा न्याय प्राधिकरण में याचिका दाखिल की और न्याय की मांग किया। 13 जून मंगलवार को महाराष्ट्र राज्य मुख्य अधिकारी संघटना के अध्यक्ष गणेश देशमुख व सचिव प्रशांत रसाल ने विजय कुमार म्हसाल के तबादले के खिलाफ तथा उनके समर्थन में राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिदे को पत्र लिख कर मांग किया कि  महानगर पालिका के आयुक्त, अतिरिक्त आयुक्त, उपायुक्त, सहायक आयुक्त व नगर पालिका के मुख्याधिकारी पदों पर केवल शहरी प्रशासकीय सेवा के ( मुख्याधिकारी संवर्ग) अधिकारियों की नियुक्ति होनी चाहिए और इस पत्र के साथ तमाम शासनादेश व निर्णय हवाला दिया। हालांकि इस प्रकरण की मैट यानी प्रशासकीय सेवा न्याय प्राधिकरण ने सुनवाई के दरमियान 14 जून यानी मंगलवार तज आयुक्त विजय कुमार म्हसाल का तबादले पर स्टे दे दिया था। इसकी जानकारी होने के बावजूद नवनियुक्त आयुक्त अजय विलास वैद्य ने 14 जून मंगलवार शाम 6 बजे भिवंडी पालिका के मुख्यालय स्थित आयुक्त कक्ष में आ धमके और म्हसाल के ग़ैर मौजूदगी में आयुक्त की कुर्सी पर बिना पदभार ग्रहण किये ही बैठ गये तथा अधिकारियों व कर्मचारियों से मुलाकात करना शुरू कर दिया। इस दरमियान वाट्शाप पर नये आयुक्त वैद्य के साथ मीटिंग होने का मैसेज वायरल हुआ। घर जाने की तैयारी कर अधिकारियों ने आनन - फानन में आयुक्त कार्यालय में इकठ्ठा होना शुरू कर दिया था। कुछ के हौसले बुलंद थे तो कुछ के चेहरे पर मायूसी छाई हुई थी। कर्मचारियों में सिर्फ कानाफूसी चल रही थी। इसी दरमियान विद्यमान आयुक्त विजय कुमार म्हसाल का भी कार्यालय में आगमन हुआ और उन्होंने अजय वैद्य को मैट द्वारा दिया गया स्टे आर्डर की कापी देकर इसकी जानकारी दी। इस दरमियान दोनों में काफी मचमच भी हुआ। लगभग 20 मिनट बाद अजय विलास वैद्य पीछे वाले दरवाजे से निकल गये। क्योंकि इसकी खबर मीडिया को लग चुकी थी तमाम मीडियाकर्मी आयुक्त कार्यालय के सामने डटे  थे। हालांकि 14 जून को मैट यानी प्रशासकीय सेवा न्याय प्राधिकरण ने सुनवाई के दरमिया विजय कुमार म्हसाल के पक्ष में फैसला देते हुए उन्हें भिवंडी पालिका के आयुक्त पद पर बने रहने के लिए आदेश दिया और नवनियुक्त आयुक्त अजय विलास वैद्य को अपने राज्यकर के सहायक आयुक्त पद पर हाजिर होने के लिए निर्देश दिये है। 

आयुक्त कुर्सी के लिए हुई इस जंग में विद्यमान आयुक्त म्हसाल की गैर मौजूदगी में कुर्सी पर बैठना कुर्सी व पद दोनों की गरिमा मालिन हुई अनेक महत्वपूर्ण कामों पर ब्रेक लग गया। भिवंडी पालिका की छवि खराब करने के कोशिश की गयी। स्टे होने के बाद नवनियुक्त आयुक्त अजय विलास वैद्य सुबह ही एक बार भी कार्यालय में आ धमके और बिना चार्ज लिए कर्मचारियों को मीटिंग के लिए बुलाने लगे। यानी कुल मिलाकर देखा जाये तो आयुक्त विजय कुमार म्हसाल की जबरन कुर्सी छिनने की कोशिश की गई। इसके पीछे बड़े सफेद पोश राजनीतिक व्यक्ति होने से इनकार नहीं किया जा सकता है। हालांकि आयुक्त विजय कुमार म्हसाल की जहां जीत हुई। वही अजय विलास वैद्य अवमानना की डर से भिवंडी पालिका आयुक्त की कुर्सी छोड़ कर पीछे की दरवाजे से प्रस्थान कर चुके है.

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