असफलता ही सफलता की पहली सीढ़ी: अपूर्वा सिंह

प्राचार्य की बेटी का आईआईटी में चयन  होने पर प्रबंधक एवं शिक्षकों ने दी बधाई

सुईथाकला।। गांधी स्मारक पीजी कॉलेज समोधपुर के प्राचार्य प्रोफेसर रमेश चंद्र सिंह की बेटी अपूर्वा सिंह का  भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान( आईआईटी) धनबाद बिहार में चयन से विद्यालय परिवार पूर्ण रूप से गदगद है। बिटिया ने यह सफलता हासिल करके क्षेत्र,विद्यालय परिवार और अपने माता-पिता का नाम ही नहीं अपितु पूरे प्रदेश को राष्ट्रीय स्तर पर गौरवान्वित किया है।महिला सशक्तिकरण की दिशा में यह एक अनुपम उदाहरण है।उपरोक्त हृदय के उद्गार गांधी स्मारक विद्यालय संकुल के प्रबंधक हृदय प्रसाद सिंह रानू ने आईआईटी में चयन होने पर व्यक्त किए।श्री गांधी स्मारक इंटर कॉलेज समोधपुर के पूर्व प्रधानाचार्य डॉ. रणजीत सिंह ने खुशी जाहिर करते हुए हार्दिक बधाई दी है । उन्होंने कहा कि प्राचार्य के बच्चों में बचपन से ही मैंने झलकती हुई प्रतिभा देखी है।शिक्षा के साथ-साथ बच्चों को संस्कारित करना उनकी पारिवारिक परंपरा  का अभिन्न अंग रही है। आगे और अच्छा करने की शुभकामनाएं देता हूं। पिता  प्रो. सिंह ने कहा कि बेटियों को देखने का समाज का नजरिया इस तरह से हो  कि बेटों के बराबर अधिकार दिया जाए तो देश और अधिक सशक्त होगा। बालक और बालिकाओं को शिक्षित करने में किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं होना चाहिए तभी देश और समाज सकारात्मक दिशा में प्रगति कर सकता है। विद्यालय संकुल के समस्त प्रधानाचार्य तथा शिक्षकों ने भी बधाई दी है।अपूर्वा  ने  अपनी सफलता के पीछे परिवार के सभी सदस्यों तथा शिक्षकों का योगदान बताया।मम्मी अनीता सिंह तथा बड़े भाई अनुराग सिंह का विशेष योगदान  व मार्गदर्शन रहा है। उन्होंने कहा कि लाइफ का कोई शॉर्टकट नहीं होता बल्कि किसी भी विषय वस्तु की विस्तृत जानकारी रखनी चाहिए। कहा कि असफलता ही सफलता की पहली सीढ़ी है।शिक्षा में हमेशा अव्वल रहना उनकी खास पहचान रही है

रिपोर्टर

संबंधित पोस्ट