बिना नोटिस मुआवजा ध्वस्तिकरण करने गई टीम विरोध पर बैरंग वापस

वाराणसी- बसनी से सिहोरीबीर तक हो रहे सड़क चौड़ीकरण में आज दोपहर लोक निर्माण विभाग व राजस्व टीम ताड़ी बाजार में चिन्हित भवनों को तोड़ने हेतु पुलिस फोर्स, बुलडोजर के साथ पहुँची थी लेकिन वहां के व्यापारियों व स्थानीय लोगों द्वारा जबरदस्त विरोध किया गया। ताड़ी के 10-12 लोग माननीय उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल किए हैं जो कि लंबित है। व्यापारी नेता रामजियावन गुप्ता, रमाशंकर,संतोष आदि के याचिका में कहा गया है कि याची के मकान प्रभावित नहीं है और न हीं तोड़ा जा रहा है। माननीय उच्च न्यायालय द्वारा न तोड़ने के निर्देश के साथ याचिका निस्तारित हो गया। कुछ लोगों द्वारा जन सूचना मांगा गया है जिसका आज तक कोई जवाब नहीं दिया गया और न हीं नोटिस दिया गया ना ही मुआवजा दिया जा रहा है।अभिलेख में सड़क की चौड़ाई कितनी है यह भी नहीं बताया जा रहा है। जबकि ताड़ी पुराना बाजार है और चिन्हित मकान 50 से 80 वर्ष के बने हुए हैं।विरोध करने वाले मुख्य रूप से रामजीयावन गुप्ता ,अश्वनी,संतोष,हौसला आदि प्रमुख रूप से शामिल थे।

 इसके बाद टीम वापस कुआर बाजार आ पहुंच गई वहां भी स्थानीय दुकानदारों द्वारा टीम का जबरदस्त विरोध किया गया कुआर बाजार में 70-80 वर्ष पुराने मकान हैं आज तक लोक निर्माण विभाग द्वारा एक भी नोटिस नहीं दिया गया मुआवजे के लिए कहीं कोई सुनवाई नहीं है,जनसूचना का कोई जवाब नहीं दिया गया।मा0उच्च न्यायालय प्रयागराज में याचिकाकर्ता संजय कुमार गुप्ता के रिट पेटीशन में "अनुदेश पत्र" मांगे जाने पर राजस्व, लोक निर्माण विभाग निर्माण खंड-1 द्वारा जवाब दिया गया कि याची का कब्जा आराजीयात या उसका कोई भी अंश प्रभावित नहीं है और ना ही विभाग द्वारा तोड़ा जा रहा है। इस रिपोर्ट पर माननीय उच्च न्यायालय द्वारा इस निर्देश के साथ याचिका निस्तारित कर दिया गया कि रिपोर्ट के अनुसार याची इससे प्रभावित नहीं है और ना ही उसका ध्वस्तिकरण किया जाएगा इसलिए वह मुआवजा का पात्र नहीं है,रिकॉर्ड में सड़क की चौड़ाई के बारे में टीम द्वारा कुछ भी स्पष्ट नहीं किया गया विरोध करने वालों में मुख्य रूप से संजय कुमार गुप्ता (पूर्व प्रधान व समाजसेवी),अरविंद जायसवाल,मनोज मोदनवाल,काली प्रसाद,संतोष,संजय मोदनवाल सहित तमाम दुकानदार रहे टीम में मुख्य रूप से लोक निर्माण विभाग से सहायक अभियंता श्री जितेंद्र सिंह और अवर अभियंता श्री मनोज सिंह व ठेकेदार के लोग थे तथा राजस्व से नायब तहसीलदार श्रीमती श्वेता सिंह पटेल,क्षेत्रीय कानूनगो प्रदीप सिंह, लेखपाल कृष्ण मुरारी लाल,सुजीत आदि थे। व्यापारियों द्वारा बार-बार अनावश्यक दबाव बनाए जाने का भी विरोध किया गया।

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