टीबी मुक्त पंचायत अभियान की महत्वपूर्ण कड़ी है निक्षय मित्र

प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत कार्यक्रम को गति देने में लगा है जिला यक्ष्मा केंद्र

- लोगों को किया जा रहा है जागरूक, टीबी मुक्त पंचायतों को किया जाएगा सम्मानित

बक्सर ।।  जिले में प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत कार्यक्रम को गति प्रदान करने के लिए जिला यक्ष्मा केंद्र लगातार प्रयासरत है। जिसके तहत जिले के टीबी मुक्त पंचायतों को जल्द ही सम्मानित किया जाएगा। जिनमें बक्सर सदर प्रखंड के कमरपुर और जासो के साथ चौसा प्रखंड के सरेंजा पंचायत शामिल हैं। पहले वर्ष के लिए चयनित पंचाताओं को कांस्य प्रतिमा दी जा रही है। लगातार दो वर्षों तक यह दर्जा बरकरार रहने पर रजत और तीन वर्षों तक यह दर्जा बने रहने पर पंचायतों को गांधी जी की स्वर्ण प्रतिमा दी जाएगी। हालांकि, इसके लिए जिले के सभी प्रखंडों में दो-दो पंचायतों का चयन किया गया था, जिनको टीबी मुक्त बनाने की दिशा में कार्य किए जा रहे हैं। जल्द ही शेष बचे हुए पंचायतों में टीबी मुक्त पंचायत कार्यक्रम के तहत निर्धारित इंडिकेटर्स को पूरा कर उन्हें भी टीबी मुक्त पंचायत घोषित किया जाएगा।

एक वर्ष तक 85 फीसदी ट्रिटमेंट सेक्सस रेट होना चाहिए :

इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ. सुरेश चंद्र सिन्हा ने बताया कि टीबी मुक्त पंचायत के लिए सरकार ने कुछ इंडिकेटर निर्धारित किए हैं। जिनमें कार्यक्रम के तहत चयनित पंचायतों में एक हजार जनसंख्या पर एक या एक से कम मरीज होने चाहिए। इसी तरह उस इलाके में एक हजार लोगों में कम से कम 30 लोगों की बलगम जांच अनिवार्य है। एक वर्ष तक 85 फीसदी ट्रिटमेंट सेक्सस रेट होना चाहिए। साथ ही, डीबीटी के तहत पहली निक्षय पोषण का लाभ लेना जरूरी है। टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत मरीजों को पोषण कीट दी गई हो। यूनिवर्सल ड्रग्स सेंसिटिविटी टेस्ट भी अनिवार्य है। इन इंडिकेटर्स को पूरा करने वाले पंचायतों को 2023 के लिए एक साल के टीबी मुक्त ग्राम पंचायत का सर्टिफिकेट दिया जा रहा है।

पंचायतों को टीबी मुक्त घोषित करने के लिए बनाने हैं निक्षय मित्र :

जिला यक्ष्मा नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. शालिग्राम पांडेय ने बताया कि निक्षय मित्र टीबी मुक्त पंचायत अभियान की महत्वपूर्ण कड़ी है। इस योजना के माध्यम से जिले के टीबी के इलाजरत मरीजों को गोद लेकर इलाज अवधि तक फुड बास्केट उपलब्ध कराना है। ताकि, मरीजों की पोषण की कमी को दूर किया जा सके। उन्होंने बताया कि जिले में 2688 मरीज इलाजरत हैं। जिनमें 18944 मरीजों ने निक्षय मित्र योजना के तहत गोद लिए जाने के लिए कंसेंट फॉर्म भर दिया है। वहीं, पांच लोगों ने इसके लिए मना कर दिया है। जिनके लिए जिले में 63 निक्षय मित्र बनाए गए हैं। जिनमें से 59 सक्रिय है। साथ ही, उनके माध्यम से जिले में अब तक 297 फूड बास्केट का वितरण किया गया है। ज्यादा से ज्यादा टीबी मरीजों को गोद लिया जा सके इसके लिए हमें और निक्षय मित्र बनाने हैं।

रिपोर्टर

संबंधित पोस्ट