
भिवंडी पूर्व में ऑटो रिक्शा बनेगा बदलाव की सवारी
- महेंद्र कुमार (गुडडू), ब्यूरो चीफ भिवंडी
- Nov 06, 2024
- 251 views
शंकर मुटकिरी की चुनावी एंट्री से हलचल
भिवंडी। भिवंडी पूर्व विधानसभा सीट पर चुनावी माहौल इस बार बेहद रोमांचक हो गया है। पद्मशाली समाज के नेता और सामाजिक कार्यकर्ता भिवंडी विकास पार्टी पुरस्कृत शंकर मुटकिरी ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अपनी उम्मीदवारी दर्ज कराते हुए "ऑटो रिक्शा" चुनाव चिन्ह के साथ चुनावी मैदान में उतरने की घोषणा कर दी है। चुनावी अधिकारी द्वारा दिए गए इस निशान के साथ शंकर मुटकिरी का ऑटो रिक्शा अब क्षेत्र में दौड़ने लगा है और उनके अभियान ने सभी प्रमुख दलों में खलबली मचा दी है।
गौरतलब है कि भिवंडी पूर्व में तेलुगु समाज का पारंपरिक वोट बैंक आमतौर पर भाजपा के पक्ष में रहता आया है। लेकिन पहली बार तेलुगु समाज के एक प्रमुख चेहरे के रूप में शंकर मुटकिरी ने मैदान में उतरकर महाविकास आघाडी सपा और महायुति (शिवसेना+भाजपा) के समीकरणों को चुनौती दे दी है। करीब 70 हजार तेलुगु मतदाताओं के समर्थन के दावे के साथ, मुटकिरी ने कहा कि उनका जनाधार लगातार बढ़ रहा है और लोगों की उम्मीदें उनसे जुड़ी हैं।
शंकर मुटकिरी का कहना है कि कुछ असामाजिक तत्व उनके समर्थकों पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे है ताकि उनका प्रचार रुक सके। इसके बावजूद वे समाज और मजदूर भाई-बहनों के साथ मजबूती से खड़े हैं। उनका दावा है, "जीत हमारी तय है। मैं मजदूरों की आवाज हमेशा बुलंद करता रहूंगा। भिवंडी के लोग कैदियों से भी कम मजदूरी पर काम करने को मजबूर हैं, और इसका जिम्मेदार कौन है ?"
शंकर मुटकिरी के चुनावी एजेंडे में मजदूरों के हित सबसे ऊपर हैं। वे वादा करते हैं कि जीतने पर मजदूरों को हर महीने न्यूनतम 20 हजार रुपये पगार दिलाने के लिए वे पुरजोर कोशिश करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि उत्तर भारतीय समाज का भी उन्हें पूरा सहयोग मिल रहा है।
भिवंडी पूर्व के मतदाता लंबे समय से विकास की उम्मीद लगाए बैठे हैं। स्वास्थ्य, शिक्षा, और स्वच्छ पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं की स्थिति बेहद खराब है। आईजीएम अस्पताल खुद "वेंटिलेटर" पर है, और गर्भवती महिलाओं को प्रसव के लिए ठाणे के अस्पतालों में जाना पड़ता है। खस्ताहाल सड़कों पर चलना जोखिम भरा हो गया है, और वराला तालाब का दूषित पानी पीना नागरिकों की मजबूरी बना हुआ है। बीड़ी मजदूरों और पावरलूम श्रमिकों को कम मजदूरी की समस्या झेलनी पड़ रही है।
शंकर मुटकिरी का कहना है कि अगर वे चुने जाते हैं, तो इन समस्याओं का जल्द समाधान होगा। उनके अभियान की गूंज अब घर-घर तक पहुंच रही है और वे मतदाताओं की समस्याओं को सुनने और समाधान का भरोसा देने में जुटे हैं। क्या भिवंडी पूर्व के मतदाता इस बार "ऑटो रिक्शा" को अपनी सवारी बनाएंगे ? यह देखना दिलचस्प होगा।
रिपोर्टर