भिवंडी पालिका का शौचालय घोटाला उजागर अधिकारी-ठेकेदार गठजोड़ से जनता त्रस्त

भिवंडी। भिवंडी-निज़ामपुर शहर महानगर पालिका  का शौचालय विभाग भ्रष्टाचार की गहरी खाई में धंसा हुआ है। एक चौंकाने वाली रिपोर्ट के अनुसार, नगरसेवक, कुछ समाजसेवी और मनपा अधिकारियों की मिलीभगत से शहर के सार्वजनिक शौचालयों में खुलेआम अवैध वसूली का गोरखधंधा चल रहा है। नागरिकों को शौच जैसी मूलभूत आवश्यकता के लिए भी निर्धारित शुल्क से कहीं अधिक रकम चुकानी पड़ रही है, जबकि नियमानुसार यह सेवा लगभग मुफ्त होनी चाहिए।

शहर में संचालित कुल ३९२ सार्वजनिक शौचालयों में से २०२ का नियंत्रण विभिन्न संस्थाओं और ठेकेदारों के हाथों में है,जबकि शेष १९० शौचालय मनपा के सफाईकर्मियों द्वारा संचालित किए जाते हैं। इन शौचालयों की व्यवस्था और निरीक्षण के लिए २७८ सफाईकर्मी, ५ वाहन चालक, २५ मुकादम और दो मुख्य अधिकारियों – नितिन चौहान (प्रभाग १ व २) और हेमंत गुलवी (प्रभाग ३, ४ व ५) की नियुक्ति की गई है।

विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, "निर्मल फाउंडेशन" नामक संस्था को सबसे अधिक शौचालयों का ठेका दिया गया है। इसके अतिरिक्त, बहुजन विकास संस्था और आदर्श सामाजिक सेवा संस्था भी कई शौचालयों का संचालन कर रही हैं। हैरानी की बात यह है कि यह ठेकेदारी वर्ष २०१०-१२ की पुरानी शर्तों पर आधारित है, जो वर्तमान समय और बढ़ती जनसंख्या के लिहाज से पूरी तरह से अप्रासंगिक हो चुकी हैं।

ठेका शर्तों के अनुसार, ठेकेदारों को प्रति व्यक्ति शौच के लिए अधिकतम १ से २ रुपये शुल्क लेने की अनुमति है, वह भी इसे मुफ्त सेवा के तौर पर दर्शाने के निर्देश हैं। लेकिन वास्तविकता इसके विपरीत है। नागरिकों से खुलेआम ३ से ५ रुपये तक वसूले जा रहे हैं। अंदरखाने की खबरों की मानें तो कुछ पूर्व नगरसेवकों और समाजसेवियों ने इन शौचालयों पर अवैध कब्जा जमाकर इसे अपनी निजी कमाई का जरिया बना लिया है।

सबसे चिंताजनक बात यह है कि पालिका अधिकारियों को इस पूरे भ्रष्टाचार की जानकारी होने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है। गंभीर आरोप हैं कि शौचालय विभाग में महत्वपूर्ण पद पाने के लिए लाखों रुपये की 'बोली' लगती है। यही कारण है कि भ्रष्ट ठेकेदारों को अधिकारियों का खुला संरक्षण प्राप्त है और वे मनमानी वसूली कर रहे हैं।

शौचालय व्यवस्था में व्याप्त भ्रष्टाचार से त्रस्त शहर के नागरिकों का गुस्सा अब फूट पड़ा है। नागरिकों ने मांग की है कि  शहर के सभी सार्वजनिक शौचालयों की तत्काल और प्रभावी सफाई एवं रंगाई-पुताई कराई जाए।प्रत्येक शौचालय पर निर्धारित सेवा शुल्क की स्पष्ट जानकारी वाला बोर्ड लगाया जाए।

ठेकेदारों की अवैध वसूली पर प्रभावी निगरानी रखने के लिए एक समर्पित हेल्पलाइन नंबर जारी किया जाए। शौचालय विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार के लिए जिम्मेदार भ्रष्ट अधिकारियों को तत्काल उनके मूल पदों पर वापस भेजा जाए और इस पूरे मामले की निष्पक्ष विभागीय जांच की जाए।

नागरिकों ने चेतावनी दी है कि यदि महानगर पालिका प्रशासन ने उनकी मांगों पर शीघ्र ध्यान नहीं दिया और भ्रष्ट तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं की, तो वे शहर में व्यापक विरोध प्रदर्शन करने के लिए बाध्य होंगे। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि BNCMC प्रशासन इस गंभीर मामले पर कितनी तेजी से संज्ञान लेता है और नागरिकों को राहत दिलाने के लिए क्या कदम उठाता है।

रिपोर्टर

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