ओ रेलवे के जवाबदार कब मिलेगी वरिष्ठ नागरिकों की हक


रोहतास। एनडीए की सरकार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जहां वरिष्ठ नागरिकों की पेंशन 400 रूपए से बढ़ाकर 1100 रूपए कर एक कीर्तिमान स्थापित किया है। जिसमें समाज में बढ रहे व‌द्वाश्रम की  अनाथाश्रम में कमी जरूर होगी। लेकिन केंद्र सरकार में भी एनडीए की सरकार है। जहां वरिष्ठ नागरिकों के लिए बंद आंखें कब खुलेगी आंखे तुम्हारी,,सबसे ज्यादा पीड़ित है,वरिष्ठ नागरिक जिसने जिंदगी भर टैक्स दिया और वोट देकर जिताया भी,लेकिन उनके प्रति रेलवे का व्यवहार निंदनीय है,,पहले तो सरकार ने 50% की छूट खत्म कर उनके सिर पर आर्थिक भार पुनः लादा,,वरिष्ठ नागरिक उम्र के लिहाज से कम से कम सफर करते है,, दूसरा स्टेशन पर वरिष्ठ नागरिक के कोई हेल्प डेस्क नहीं,,नहीं एयरपोर्ट की तरह व्हील चेयर है,कुली मजबूरी का फायदा उठाकर मनमाने दाम वसूलते है,, कही कही दूसरे प्लेटफार्म पर जाने के लिए लिफ्ट और एक्सीलेटर भी है,लेकिन रखवाला कौन,,सब बंद पड़े है,,बेहद शर्मनाक और निंदनीय प्रबंधन है।

   एक वृद्ध सासाराम स्टेशन पर गया पता लगाने पर मालूम हुआ 2न, प्लेटफार्म पर गाड़ी आयेगी,कुली से बात की 300 रु,लूंगा और डब्बे का पास छोड़ दूंगा,,सामान जब गाड़ी आए तब आप रखना,,ये भी अधूरी सेवा,,इन पर कौन निगाह रखेगा?,अधिकतर वरिष्ठ नागरिक किसी न किसी बीमारी से ग्रसित होते है,,उनकी दुर्दशा का एनडीए की सरकार रेलवे के निर्णायक अधिकारी एकांत पर बैठकर अनुभव करें,इनके घर में भी दादा,दादी,,नाना,नानी,,माता पिता होंगे,,लेकिन उनको अन्य  वरिष्ठ नागरिक की रेलवे सफर की दुर्दशा का क्या अनुभव? उन्हें सब फ्री है।

    एक 80 साल का वरिष्ठ नागरिक हार्ड प्रेसेंट भी है।लेकिन सासाराम स्टेशन पर लाचार!,,रेलवे प्रबंध को कोसने का अलावा कोई चारा न था।

   काशी काव्य संगम रोहतास जिले के जिला संयोजक कवि सह साहित्यकार सुनील कुमार रोहतास ने बताया कि अभी तक के 60 साल के बाद से 80 साल तक रेलवे सफर को वरिष्ठ नागरिक के हित में निम्न सुझावों को कार्यान्वित किया जाय ताकि एनडीए सरकार एवं रेलवे प्रबंधन को दुआएं और आशीर्वाद मिलेंगे।

वरिष्ठ नागरिक के लिए सम्मान सहित 50% वापस लागू की जाय।

,स्टेशन के प्लेटफार्म के गेट पर हेल्प डेस्क वरिष्ठ नागरिक के लिए तुरंत व्यवस्था की जाय,,सभी स्टेशन पर "एयरपोर्ट" की तरह  वरिष्ठ नागरिक के लिफ्ट और एक्सीलेटर की व्यवस्था आवश्यक रूप से हो,

वरिष्ठ पुरुष,वरिष्ठ महिला के लिए व्हील चेयर पुरुष कुली और महिला कुली हो जिनके चार्जेस तय किए जाए व्हील चेयर पर प्रिंट हो।

ए,सी, कोच में "पानी की बोतल" आवश्यक रूप से देने का प्रोविजन करें।

     अतिरिक्त भार प्रति यात्री बढ़ाने के पक्ष में हूं,,परन्तु आवश्यक सुविधा जरूर से उपलब्ध हो।

    भारत के 60 से अधिक वरिष्ठ नागरिकों से इस "मार्मिक अपील" मानकर "अपने हक की लड़ाई के लिए एक अभियान चलाए जाने का निवेदन करता हूं।ताकि सरकार तुरंत बेसिक सुविधा "वरिष्ठ नागरिक" संबंधित विभाग को आदेशित कर "जीवन कुछ शेष वर्षों के लिए",उपहार देकर उन्हें गौरवान्वित करें। ताकि वरिष्ठ नागरिकों को घर से निकाल कर नहीं घर में रख कर आज की पीढ़ी गौरवान्वित हो न कि वृद्धाश्रम में अपने वृद्ध सदस्यों को भेजें। सरकारी पहल की सख्त ज़रूरत है।

रिपोर्टर

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