क्या आप जानते हैं बरहजिया ट्रेन के बारे में ?

पूर्वोतर रेलवे का सबसे छोटा रेलखंड हैं सलेमपुर- बरहज रेल खंड,इस पर मात्र एक ट्रेन चलती हैं,जिसका नाम हैं,बरहजिया ट्रेन.भटनी रेलवे स्टेशन से शुरु होकर 31 किमी की यात्रा तय करके यह ट्रेन पहुंचती बरहज बाज़ार,फिर वंही से दिन भर में दो चक्कर भटनी और दो चक्कर तक सलेमपुर से चलती हैं.भटनी से बरहज के दौरान यह पैसेंजर गाड़ी 7 रेलवे स्टेशन पर रूकती हैं,बरहज के भगौलिक स्थिति के चलते इसे बरहज की लाइफ लाइन भी कहा जाता हैं.


वर्ष 1896 में अंग्रेजों ने बरहज के औद्योगिक महत्व को देखते हुए इसे भटनी जंक्शन से जोड़ा था। तबसे इस रूट पर पांच बोगी की एकमात्र पैसेंजर ट्रेन चलती है। स्थानीय लोग इसे बरहजिया के नाम से जानते हैं। रविवार को छोड़ कर अन्य दिनों में कुल चार फेरा यह ट्रेन लगाती है। रविवार को सिर्फ एक चक्कर चलती है। इस यात्रा के दौरान इसे देवराहा बाबा-सतरांव स्टेशन के बीच चकरा ढाला पार करना होता है।


अनोखा रेलवे क्रासिंग


बरहजिया ट्रेन अपनी यात्रा के दौरान देवरहवा बाबा रेलवे स्टेशन के पास चकरा रेलवे क्रासिंग एक ऐसा रेलवे क्रासिंग हैं,जंहा ड्राईवर को ही ट्रेन रोक कर गेट बंद करना पड़ता फिर ट्रेन पास होने के बाद गेट को खोला जाता हैं.


बंद करने की सिफारिश


बरहजिया ट्रेन के घाटे में चलने के कारण रेलवे ने कई बार इसे बंद करने की सिफारिश या घोषणा की हैं,परन्तु स्थानीय लोगो के विरोध के चलते इसे चलाया जाता हैं.बरहजिया पैसेंजर ट्रेन अपनी यात्रा के दौरान भटनी, पिवकोल, सलेमपुर, देवराहा बाबा, सतरांव, सिसई गुलाब राय और बरहज से गुजरती है. इन स्टेशनों के लिए किराया मात्र 10 रुपए है. रेलवे के ऑकड़ो के अनुसार इस ट्रेन के लिए प्रतिदिन औसतन 350 से 400 सौ टिकट बिकते हैं। हलांकि रेलवे का यह भी दावा है कि यात्रियों की संख्या 45 सौ से पांच हजार के बीच है. रेलवे जब औचक छापेमारी करता है ,

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