![](https://hindisamaachar.com//images/featured_image//df1b8ae48b89a4149b1e99d3ff6baa2dc550123a.jpg)
आखिर कब तक पत्रकारों को सहना पडेगा जुल्म?
- दिनेश यादव, ब्यूरो चीफ भदोही
- Jun 14, 2019
- 2718 views
लेखक - सन्तोष तिवारी भदोही
पत्रकारिता को चौथे स्तम्भ के रूप में माना जाता है लेकिन कुछ लोग अपने रौब के सामने पत्रकारों को तुच्छ समझते है। और अपने असली चेहरे को दिखा देते है। देश के कुछ नेता अपनेे रौब के सामने पत्रकारों के साथ दुर्व्यवहार करते है। और अपनी गलती छुपाने के लिए दबाव बनाते है। कभी कभी तो झुठे केस में फंसाने और जान से मारने की धमकी दे देते है। लेकिन देश के भ्रष्ट, गुण्डा, बदमाश और अंगूठाछाप नेता यह जान ले कि जिस दिन कलम के सिपाहियों का मूढ आफ होगा तो सारी हेकडी तुरन्त निकल जायेगी।
एक ऐसा ही मामले में उत्तराखंड के खानपुर से बीजेपी विधायक कुंवर प्रवीण चैंपियन ने एक न्यूज़ चैनल के पत्रकार राजीव तिवारी को जान से मारने की धमकी दी। उन्होंने पत्रकार पर सरेआम हाथ भी उठाया। बताया जा रहा है कि चैंपियन चैनल में दिखाई गई किसी खबर से नाराज थे। उन्होंने पत्रकार को दिल्ली स्थित उत्तराखंड भवन बुलाकर धमकाया। पत्रकार राजीव तिवारी ने पुलिस से इस घटना की शिकायत की है।
इस तरह के नेता कभी भी पत्रकारों के साथ दुर्व्यवहार करने की हिम्मत न करते लेकिन पत्रकारों की जमात में ही कुछ ऐसे पत्रकार है जो पैसों के लिए अपनी कलम को नेताओं की रखैल बनाकर रख दिये है। और ये नेता पत्रकारों की कीमत को नही जान पाते है केवल उनको यह समझ में आता है कि पैसा व पद ही सब कुछ है लेकिन वे शायद यह भूल कर देते है कि जो पत्रकारिता करने के लिए उतरता है वह अपने सिर पर कफन बांधकर और जा हथेली पर रखकर निकलता है। दबंग व गुंडा बदमाशों से हमेशा सामना होता है। लेकिन ये बेचारे क्या जाने? इनको तोे वैसा ही समझ में आता है जैसे इनके साथ बर्ताव हुआ है।
देश में बहुत ऐसे भी नेता है जो पत्रकारों का सम्मान करते है क्योकि उनको पत्रकारिता की कीमत समझ में आती है और पत्रकारों का सम्मान करते है। एक चीज सर्वविदित है कि कुछ भ्रष्ट नेताओं के वजह से ही अधिकारी वर्ग भी भ्रष्टाचार करने में विवश होता है और जब तक नेताओं की जमात में गुंडा-बदमाश नेता रहेंगे। तब तक देश का विकास सही से नही हो पायेगा। और कलम के सिपाहियों को समाचार लिखने या लगाने में हमेशा से भ्रष्ट नेता अड़ंगा लगायेंगे। आखिर कब तक पत्रकारों पर भारी पडते रहेंगे नेता? कब तक दबाते रहेंगे सच की आवाज?
भारत भर में फैले पत्रकार भाइयों से निवेदन है कि भ्रष्ट नेताओं की गीदड भभकी से डरे नही। खुलकर इनके गलत कार्यों का विरोध करें। जिन्दगी में मौत केवल एक बार ही आयेगी चाहे ये नेता गोली से अथवा अपनी मौत से। पत्रकारों को सच कहने से रोकने की हिम्मत देश के किसी भी नेता में नही है। पत्रकारों के साथ आये दिन हो रही घटनाएं सच में चिन्ताजनक है। आखिर पत्रकारिता के ऊपर से गलत लोगों का ग्रहण कब हटेगा? आज पत्रकार समाज की आवाज को आगे उठाता है तो समाज को ठगने वाले कुछ भ्रष्ट लोग सच को दबाने का प्रयास करते है। देश के सभी पत्रकार एकजुट होकर पत्रकारों के साथ दुर्व्यवहार करने को मुंहतोड जबाब देना होगा।
रिपोर्टर