शोधकर्ताओं ने रोपवाया धान का उत्तम बिज ,नई तकनीकी के मशीन से

वाराणसी । पिण्डरा ब्लॉक के करखियाव गाँव में किसान प्रमोद कुमार मौर्या के यहाँ बायर ग्राफ साइंस अनुसन्धान केंद्र फ़ैजाबाद के शोधकर्ताओं ने प्रधानमंत्री के सपनो को साकार करने के लिए, कम लागत में किसानो को अधिक मुनाफा देंने के लिए, नयी तकनीक के मशीन से रोपवाया धान का बिज।यह मशीन एक दिन में तिन एकड़ धान की रोपाई करेगी।

शोधकर्ताओं ने ए जेड 6633 एस टी नामक धान के बिज को शोध के रूप में लगवाया।धान के इस बिज को 8 किलो में एक एकड़ लगाया जायेगा,जो 130 दिन से 135 दिन में तैयार हो जायेगा।एक एकड़ में इस फसल की पैदा वार 27 से 28 कुंतल तक होगी।इस धान के बिज को लगाने के लिए एक एकड़ में लगभग 45 किलो DAP और 25 किलो यूरिया का प्रयोग किया जायेगा तथा घास को खत्म करने के लिए 45 ग्राम टॉप स्टार नामक छिड़काव किया जायेगा।

शोधकर्ताओं ने इस  धान के बिज को सात तरीके से लगवाया ।पहला तरीका नाइट्रोज ट्रायल बिधि जिसमे तिन कियारी धान के बिज को लगाया गया है इसमे डाई और पोटास का मात्रा दिया गया है। दूसरा पोटास ट्रायल बिधि जिसमे पाँच कियारी धान के बिज को लगाया गया है इसमे सिर्फ पोटास का ही प्रयोग किया गया है ।तीसरा स्पेसिंग ट्रायल बिधि इसमे 15 से 20 सेमी पर धान के फसल को लगाया गया है।चौथा मृदा परीक्षण ट्रायल बिधि इस बिधि में मिट्टी का परीक्षण करके धान के फसल को लगाया गया है।पॉचवा सिल्का जेल ट्रायल बिधि है इस बिधि में पानी का प्रयोग कम करना होगा।छठवा आर एस टी ट्रायल बिधि है जिसमे 28 किस्म के धान के फसल के बिज का प्रयोग किया गया है।सातवा एम टी पी ट्रायल बिधि इस बिधि में मशीन द्वारा धान के बिज को लगाया गया है।



शोधकर्ताओं ने यह भी बताया की यह कार्य 6 जिलो में से एक जिले में किया जा रहा जिसमे वाराणसी जिला भी है।

इस अवसर पर बी डी ओ आसाराम वर्मा,एग्रो नामिस्ट प्रवीण सिंह,फिल्ड आफिसर महेश मौर्या,पूर्वप्रधान विक्रमादित्य सिंह,किसान गगन मिश्रा ,रामधनी,बिक्की,खरपत्तु,फूलचन्द गोड़,गुलाब समेत कई लोग।

वाराणसी से संवाददाता घनश्याम गुप्ता की रिपोर्ट

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