भोरी-महजुदा का शांतिपूर्वक सपन्न हुआ ऐतिहासिक कजली मेला


रिपोर्ट-अमर सिंह 

सुरियावा ।। सुरियावा क्षेत्र के भोरी महजूदा की ऐतिहासिक कजरी धूमधाम से मनाई गई मेले में भारी संख्या में भीड़ जुटी रही। लोग अपने मनपसंद के समान खरीदते रहे कोई अपने गृहस्ती का सामान तो कोई खाने पीने का सामान खरीद रहे थे महिलाएं अपने सौन्दर्य का सामान खरीद रही थीं मेले में महिलाएं बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया आपको बताते चलें दों गांव के मध्य भोरी व महजूदा के बीच में होता है। कुछ किदवन्ति के अनुसार आज के सैकड़ों साल पहले से यहां पर कजली के पर्व पर एक नाई तीज लेकर आया था गांव की महिलाएं उसे कजरी गाने के लिए कहने लगी वह कजरी गाना गाने  नहीं जानता था। मजाक ही मजाक में उस नाइ की मौत हो गयी मरने से पूर्व नाई ने उन गांव की महिलाएंमहिलाओं को शाप दे दिया था कि  कजरी के दिन दोनों गांव की महिलाएं उसकी मजार पर दोनों गांव की महिलाएं एक दूसरे पर ताना व ब्यग  कसती हैं इससे दोनों पक्ष एक दूसरे को नीचा दिखाने में गाली गलौज से मारपीट में बदल जाती है। सदियों से चली आ रही इस परंपरा को देखने के लिए दूर-दूर से पुरुष व महिला अपने परिवार के साथ  मेला देखने आते हैं इसके अलावा दोनों गांव में मेहमानों से गांव भर जाता है मेहमानों का स्वागत सत्कार वेहफईया मेला तक चलता है जैसा कि कजरी के बाद जो बृहस्पतिवार होता है उसी दिन सुरियावा में भी एक ऐतिहासिक मेला होता है और कजरी में आए मेहमान बेहफइया मेला देख कर अपने घर जाते है ।

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