भारतीय राजनीति के आर्थिक सुधारों के अरूण का अस्त
- संदीप मिश्र, ब्यूरो चीफ जौनपुर
- Aug 24, 2019
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भारत के पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली का आज दोपहर 12:07 पर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में निधन हो गया जहाँ से उनके पार्थिव शरीर को लोगों के अंतिम दर्शन हेतु उनके आवास कैलाश कॉलोनी ले जाया गया । यहां पर उनको श्रद्धांजलि देने वालों का ताँता लगा हुआ है । 9 अगस्त को सांस लेने की तकलीफ के चलते उनको एम्स में भर्ती किया गया था जहां आज दोपहर उनका निधन हो गया ।कल दोपहर 2:00 बजे निगमबोध घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा । मई 2018 में किडनी की बीमारी के चलते किडनी ट्रांसप्लांट हुआ था । जनवरी में डॉक्टरों उनके अंदर एक प्रकार के कैंसर का भी होना पाया।
अरुण जेटली जी का जन्म 28 दिसंबर 1952 को हुआ था। उनके पिता भी पेशे से वकील थे। 12वीं तक की शिक्षा इन्होंने दिल्ली के सेंट जेवियर से ली। इसके बाद श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से इन्होंने बीकॉम किया।
1977 में दिल्ली विश्वविद्यालय से इन्होंने बीकॉम की पढ़ाई पूरी की। इस दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्र नेता भी रहे । 1974 में दिल्ली यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट यूनियन के अध्यक्ष रहे । 1973 में जेपी नारायण और राज नारायण के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन में इन्होंने सक्रिय भूमिका निभाई। 1975 में देश में इमरजेंसी में 19 महीने तक तत्कालीन सरकार द्वारा नजरबंद रहे । इसके बाद इन्होंने जनसंघ पार्टी जॉइन की।
1980 में यह बीजेपी युवा मोर्चा के अध्यक्ष बने और दिल्ली इकाई का सचिव सचिव पद संभाला।
1987 से इन्होंने अपनी वकालत की शुरुआत की । 1990 में दिल्ली हाईकोर्ट ने इन्हें वरिष्ठ वकील घोषित किया। 1989 में विश्वनाथ प्रताप सिंह की सरकार में एडिशनल सॉलिसिटर जनरल नियुक्त किए गए। उन्होंने बोफोर्स के घोटाले की जांच की दस्तावेजी प्रक्रिया भी पूरी की थी ।1991 से बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य रहे । 1999 में बीजेपी ने इन्हें अपना पार्टी प्रवक्ता बनाया। जून 2009 में इन्होंने अपनी वकालत रोक दी क्योंकि उस समय यह राज्यसभा में विपक्ष के नेता के तौर पर 2009 से 2014 तक रहे । देश में 1999 में अटल बिहारी की सरकार में सूचना प्रसारण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार ) रहे । इसी सरकार में कानून मंत्री भी रहे । विनिवेश राज्य मंत्री भी इन्हें बनाया गया।
2000 में लोकसभा चुनाव के बाद कानून ,न्याय, कंपनी अफेयर्स, तथा शिपिंग मंत्रालय का मंत्री भी इन्हें बनाया गया ।
2014 में लोकसभा के चुनाव में जेटली जी कैप्टन अमरिंदर से चुनाव हार गए किंतु केंद्र में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार बनी और इन्हें वित्त मंत्री तथा रक्षा मंत्री जैसा पद संभालने का अवसर मिला । 2018 में उत्तर प्रदेश से इनको राज्यसभा का सदस्य चुना गया । इससे पूर्व 2000 से 2012 तक तीन बार गुजरात से राज्यसभा सदस्य बन कर आए थे । 2016 में नरेंद्र मोदी सरकार में वित्त मंत्री रहते हुए नोटबंदी की जिसमें 500 तथा 1000 की नोट का चलन बन्द हुआ था। एक देश एक टैक्स में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही । दिवालिया कानून लाने में जेटली जी का अहम योगदान रहा। अपने कार्यकाल के दौरान देश मे महंगाई को 10% से 2% तक पहुँचाने में सहयोग दिया।
2019 के लोकसभा चुनाव के संपन्न होने के बाद इन्होंने नरेंद्र मोदी को खराब स्वास्थ्य कारणों के चलते किसी अहम पद के न देने की सिफारिश की थी । दुर्भाग्य से 24 अगस्त दोपहर दुनिया से कूच कर गए । यह देश की एक अपूरणीय है । देश इनके योगदान को कभी नहीं भूल सकता ।अरुण जेटली जी राजनीतिक अजातशत्रु के रूप में सदैव जाने जाते रहेंगे।
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