दर्शन के माध्यम से ही मनुष्य के हिंसक प्रवृत्ति का होगा नाश---प्रो. रजनीश शुक्ला

भदोही ।। मनुष्य के हिंसक प्रवृत्ति का नाश केवल दर्शन ही कर सकता है और जो धर्म है, वहीं दर्शन हैं।भारतीय दर्शन केवल धर्म की ही बात नहीं करता अपितु सर्व दर्शन की ब्याख्या करता है।उपरोक्त अमृत वचनों की वर्षा महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीयहिंदी विश्वविद्यालय वर्धा के कुलपति प्रो.रजनीश शुक्ला ने महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ मे दर्शनशास्त्र विभाग की ओर से आयोजित, दर्शनशास्त्र और इसकी अनिवार्यता विषय पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में किया। संगोष्ठी की अध्यक्षता विद्यापीठ के कुलपति टी. एन सिंह ने किया। अतिथियों का स्वागत दर्शन विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. राजेश कुमार मिश्रा ने करते हुए कहा गया कि नवीनतम विचार के अनुसार दर्शन केवल गूढ़ एवं सूक्ष्म विचार ही नहीं वरन् यह समस्याओं पर विचार करने का ढंग है। इसके फलस्वरूप ज्ञान आदर्श मूल्य एवं अच्छाई मिलती है। दर्शन जीवन का लक्ष्य निर्धारित करता है, इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए शिक्षा उपाय प्रस्तुत करती है।बीएचयू के प्रो. अरविंद कुमार राय व प्रो. मुकूल राज मेहता व विद्यापीठ संकायाध्यक्ष प्रो. शशि देवी सिंह ने भी अपने विचार रखें। इस अवसर पर प्रो. सभाजीत सिंह यादव, प्रो. विष्णु दत्त पांडे, डा.नन्दनी सिंह, डा.आशुतोष त्रिपाठी सहित अन्य मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. पीतांबर दास द्वारा किया गया

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