सार्वजनिक वितरण प्रणाली से जुड़े कोटेदारों का आक्रोश

वाराणसी  : शहरी क्षेत्र के करीब 495 कोटेदार सड़क पर उतर गए और ई-पॉक्स मशीन के साथ जिलापूर्ति कार्यालय पर प्रदर्शन किया। उन्होंने एडीएम-आपूर्ति पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए उन्हें हटाने की मांग की। कहा, एडीएम के हटने तक उनका धरना जारी रहेगा।

कोटेदारों के आक्रोश को देखते हुए पूरे दिन जिलापूर्ति अधिकारी दीपक वाष्र्णेय दफ्तर से गायब रहे। देर शाम आफिस पहुंचे जिलापूर्ति अधिकारी को कोटेदारों ने मशीन सौंप दिया और तीन दिनों तक राशन वितरण कार्य ठप करने की घोषणा करते हुए हड़ताल पर चले गए।

कोटेदारों के मुताबिक शासनादेश महीने में 30 तारीख तक राशन वितरण का है मगर एडीएम आपूर्ति 15 दिनों के अंदर 90 फीसदी राशन वितरण के लिए दबाव बना रहे हैं। ऐसा न करने वाले कोटेदार पर अनावश्यक दबाव बनाया जा रहा है। आरोप लगाया कि एआरओ के माध्यम से जबरन वसूली की जा रही है। कोटेदारों का कहना था कि तमाम कार्डधारक महीने के अंत में आते हैं। ऐसे कार्डधारकों को घर से बुलाकर राशन नहीं दिया जा सकता। कोटेदारों का आरोप है कि बीते सप्ताह तीन दुकानदारों पर एफआईआर दर्ज एवं उनके दुकानों का निलम्बन केवल दबाव बनाने के लिए किया गया।

इसके खिलाफ दोपहर में शहरी क्षेत्र के 495 कोटेदार ई-पॉक्स मशीन लेकर कोटेदार एसोसिएशन के अध्यक्ष कैलाश सोनकर के नेतृत्व में जिलापूर्ति कार्यालय पहुंचे और मशीन सौंपने की जिद पर अड़ गए। जिलापूर्ति अधिकारी दीपक वाष्र्णेय का कहना है कि कोटेदारों की मांगों के संबंध में जिलाधिकारी को अवगत करा दिया गया है। कोशिश की जा रही है कि दुकानें खुलें और राशन का वितरण हो।

अधिकारी पर दबाव
कोटेदारों के साथ ही सहायक पूर्ति अधिकारी पर भी दबाव बनाए जाने का मामला सामने आया है। चर्चा है कि एक सहायक पूर्ति अधिकारी पर इतना दबाव पड़ा कि उनकी तबियत बिगड़ गई और उन्हें साथी कर्मचारियों ने अस्पताल में भर्ती कराया। इस जानकारी पर कोटेदारों ने एडीएम के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

रिपोर्टर

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