पुलिस के टार्चर के बाद छात्र की मौत बनी रहस्य

डॉक्टर की रिपोर्ट में लिप्टोसपेरिया से बताई गई मौत

मुंबई । मुम्बई के धारावी पुलिस द्वारा सिर्फ शक के आधार पर जिस नाबालिग छात्र को थर्ड डीग्री टॉर्चर कर वेंटिलेटर पर पहुंचाया था आखिर कार उस छात्र की मौत हो गयी है। जब की पुलिस ने डॉक्टर ने दिए रिपोर्ट के आधार पर बच्चे की मौत लिप्टोसपेरिया से मौत होने की पुष्टि किया है ।

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             जानकारी अनुसार मृत छात्र का नाम  सचिन रविन्द्र जैसवार ( 17 ) है धारावी का रहने वाला सचिन पास के ही स्कूल में 9वी कक्षा में पढ़ाई करता है।।दरअसल जुलाई 12-13 की मध्यरात्रि मे 1 बजे सिविल ड्रेस में आये 5 पुलिस वालों ने राजीव गांधी नगर, जय भवानी चाल के रहिवासी 17 वर्षीय सचिन रविन्द्र जैसवार के घर का दरवाजा खटखटाया, बड़े भाई सुनील द्वारा दरवाजा खोलने पर सचिन के बारे मे पूछताछ किया गया ।कुछ ही देर में सचिन पुलिस के पास था पुलिस सचिन को अपने साथ लेकर गयी। शुरुवात में पुलिस ने सुनील को बताया कि उसी रात  9 बजे मोबाइल चोरी की वारदात हुई है जिसमे पुलिस को शक है कि मोबाइल सचिन ने चुराया है रात के 3 बजे धारावी पुलिस ने सुनिल को यह बोलकर घर के लिए भेज दिया कि पूछताछ के बाद सुबह 8.00 बजे छोड़ देंगे। लेकिन पुलिस ने सचिन को सुबह 8 बजे नही बल्कि रात के 11 बजे छोड़ा सचिन के घर आते ही उसकी हालत बिगड़ने लगी उसे पास के क्लिनिक में ले जाया गया। लेकिन ठीक नही हुआ दूसरे दिन उसे शहर के बड़े सरकारी सायन हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां सचिन की हालात इतनी ज्यादा खराब होने लगी के उसे वेंटीलेटर के सहारे रखना पड़ा है। सुनिल के अनुसार सचिन पुलिस स्टेशन से वापस आने के बाद बताया कि पुलिस वालों ने उसे पूछताछ के बहाने बुरी तरह पिटाई की है। जिससे उसे चक्कर आने लगा और खून की उल्टियां और दस्त होने लगा था। सचिन की माँ ने रो रो कर मीडिया को बताया कि उनका बेटा पढ़ाई करता है और किसी भी तरह से मोबाइल चोरी की वारदात में लिप्त नही था पुलिस ने सचिन के पैरों , हाथ, सिर, और पीठ पर बुरी तरह डंडे और लात घूंसों से पिटाई किया है। सचिन का परिवार बेहद गरीब है अब सचिन के परिवार ने इंसाफ के लिए मुम्बई पुलिस से ही गुहार लगाई है। लेकिन अबतक कोई सुनवाई नही हुई है। 

रिपोर्टर

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