औषधीय एवं सगंध पौधों की उन्नत कृषि प्रौद्योगिकियों, प्रसंस्करण तथा विपणन पर ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत

लखनऊ ।। सीमैप में डी.बी.टी. द्वारा प्रायोजित परियोजना के अंतर्गत औषधीय एवं सगंध पौधों की उन्नत कृषि प्रौद्योगिकियों, प्रसंस्करण तथा विपणन पर ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत केन्द्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान (सीमैप), लखनऊ द्वारा आयोजित दो दिवसीय ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम का उदघाटन आज दिनांक 22.07.2020 को सीमैप के निदेशक डॉ. प्रबोध कुमार त्रिवेदी ने किया। दो दिन चलने वाले इस कार्यक्रम में बुंदेलखंड के 14 जिलों के किसानों ने भाग लिया । डॉ. प्रबोध कुमार त्रिवेदी ने प्रतिभागियों का स्वागत करते हुये कहा कि सुगंधित पौधों की खेती, प्रसंस्करण तथा विपणन विषय पर आयोजित इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उदघाटन कर हमें हर्ष का अनुभव हो रहा है। उन्होने आगे कहा कि बुंदेलखंड को एरोमेटिक हब बनाने हेतु सीमैप एवं तीन अन्य प्रयोगशालाओं जैसे सीएसआईआर-आईआईआईएम, जम्मू, एफएफडीसी, कन्नौज तथा बुंदेलखंड विश्वविध्यालय के द्वारा यह परियोजना चलाई जा रही है। इस परियोजना से बुंदेलखंड के किसानों की आर्थिक स्थित को बदलने के लिए सगंध फसलों की जानकारी प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से मिल रही है । उन्होने आगे कहा कि बुंदेलखंड के 14 जिलों में लगभग 900 एकड़ से अधिक का क्षेत्र सुगंधित पौधों से आच्छादित किया जा चुका है और 20 आसवन इकाइयों को किसानों के क्लस्टर बनाकर किसानों के खेतों पर स्थापित किया जाएगा । खेती के साथ-साथ प्रसंस्करण एवं भंडारण की भी जानकारी किसानों से साझा कि गई ताकि राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर की गुणवत्तायुक्त उत्पादों का उत्पादन किया जा सके । डॉ. आलोक कालरा ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया एवं औषधीय एवं सगंध पौधों के राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय महत्व पर प्रकाश डाला। डॉ. आर.के. श्रीवास्तव , कोआर्डिनेटर, डीबीटी प्रोजेक्ट ने परियोजना की गतिविधियों के बारें में जानकारी दी तथा भविष्य में के जाने वाली योजनाओं के बारें में बताया। आज के तकनीकी सत्र मे श्री एस.वी. शुक्ला, निदेशक, एफएफडीसी, कन्नौज ने वैश्विक परिदृश्य और भारत में आवश्यक तेलों की बाजार क्षमता विषय पर किसानों से चर्चा की। इसके पश्चात, डॉ. संजय कुमार ने नीबूघास तथा पामरोजा के उत्पादन की उन्नत कृषि क्रियाएँ को किसानों से साझा की । इस क्रम में इंजी. सुदीप टंडन ने सगंध फसलों की प्राइमरी प्रोसेसिंग एवं उनके भंडारण करने की तकनीकियों को किसानों से साझा की । ई मनोज सेमवाल ने कार्यक्रम का संचालन किया।

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