अवैध हथियारों के जखीरे के साथ आरोपी चढ़ा पुलिस के हत्थे
- राजेंद्र यादव, संवाददाता राजगढ़, मध्यप्रदेश
- Aug 24, 2020
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करनवास राजगढ़ ।। प्रभारी करनवास संदीप सिंह मीणा द्वारा उनकी पुलिस टीम के साथ मिलकर हथियारों की स्मगलिंग करने वाले आरोपी को धर दबोचा है।
संभावना थी कि आरोपी भारी मात्रा में हथियारों के जखीरे को इधर से उधर करने की फिराक में था वहीं पुलिस ने सतर्क कार्यवाही से आरोपी के मंसूबों को नाकामयाब कर दिया।
दिनांक 23.08.20 को मुखबीर-ए-खास से विश्वसनीय सूचना प्राप्त हुई कि एक सांवला सा व्यक्ति काले रंग की नीले पट्टे वाली हिरो एचएफ डीलक्स मोटरसाइकिल एमपी 10 एमवाय 6488 से जो पचोर से ब्यावरा तरफ निकला है, जिसने एक काले रंग का पिट्ठू बैग टांग रखा है, नीले रंग की शर्ट तथा सफेद रंग का पेंट पहन रखा है, यह सब तो ठीक था परंतु पुलिस टीम के होश तब उड़ गए जब उन्हें पता चला कि उसकी कमर में दोनों तरफ पिस्टल भी फंसी हुई है, साथ ही उसके पास और भी आग्नेय शस्त्र होने की संभावना है। मुखबिर सूचना पर तत्काल कार्रवाई करते हुए वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत करा कर मामले में तेजी दिखाते हुए थाना प्रभारी संदीपसिंह मीणा ने उनकी टीम को ताबड़तोड़ तैयार किया और वाहन लेकर थाने से निकल पड़े।
जैसे ही होटल अमर पैलेस के पास पहुंचे तो पचोर से ब्यावरा जाने वाली लेन पर मुखबीर द्वारा बताये वाहन तथा हुलिये का व्यक्ति जाते दिखाई दिया, संदेही की पहचान होने पर टीम ने हिक्मत अमली से उसका पीछा किया, पीछा करते हुए पुलिस टीम ने पुरुषोत्तम यादव की गिट्टी क्रेशर प्लांट के सामने एबी रोड पर उसकी मोटरसाइकिल के आगे अपने वाहन को लगाया और संदेही को रोकने का प्रयास किया, परंतु संदेही अपनी मोटर सायकिल छोडकर भागने का प्रयास करने लगा जिसे हमराह बल तथा गवाहान की मदद से बमुश्किल घेराबंदी कर पकडा। नाम पता पूछने पर उसने अपना नाम महेन्द्र उर्फ गोलू पिता पन्नालाल राठौर जाति राठौर उम्र 23 साल नि. ग्राम सिरवेल महादेव, हनुमान मंदीर के सामने थाना भगवानपुरा जिला खरगौन (म.प्र) का होना बताया, सूचना तो पुख्ता थी ही इसलिए टीम में देर न करते हुए संदेही की तलाशी ली तो उसके पास कमर में फंसी हुई दो पिस्टल प्राप्त हुई, साथी उसके कंधे पर टांगे बैग को खोलकर देखने पर भारी मात्रा में असलहा होना पाया गया।
महेंद्र राठौर उर्फ गोलू की कमर में दाएं तरफ एक काले रंग की लोहे की धातु की पिस्टल फसी हुई थी मैगजीन निकाल कर देखने पर उसने एक जिंदा राउंड भी था, वहीं कमर की दूसरी ओर फंसी एक और पिस्टल की मैगजीन निकालकर देखने पर उसमें भी एक जिंदा राउंड होना पाया गया।
देर न करते हुए पुलिस टीम ने तत्काल उसके बैग की तलाशी लेना शुरू किया और जो पाया है उसे देख कर पूरी टीम के होश उड़ गए संदेही के पुराने इस्तेमाली रेग्जीन के काले रंग के हरे पट्टेदार बैग को खोलकर चेक करने पर उसमें एक मटमैले रंग का पेंट रखा मिला जिसे हटाकर देखा तो उसके नीचे 6 अलग अलग प्रकार के देशी कट्टे , 01 लोहे जेसी धातू की सिल्वर रंग की पिस्टल जिस पर लाल रंग की फायबर की बट ग्रिप लगी हुई है तथा 01 लौहे जेसी धातू का अद्धा(देशी कट्टानुमा बंदुक) तथा एक गांठ बंधी हुई प्लास्टीक की थैली मे रखे हुए कुल 7 राउण्ड(कारतूस) होना पाए गए इस प्रकार महेन्द्र राठौर उर्फ गोलू राठौर के कब्जे से 3 नग पिस्टल , 6 नग देशी कट्टे, 1 नग देशी अद्धा( देशी कट्टा नुमा बंदूक) , कुल 10 फायर आर्म्स तथा कुल 09 नग राउण्ड (कारतूस), तथा एक हिरो एचएफ डिलक्स मोटरसाइकिल काले रंग की नीले पट्टे वाली जिसका रजि क्रमांक एमपी 10 एमवाय 6488 मिली महेन्द्र राठौर उर्फ गोलू राठौर से उक्त फायर आर्म्स (पिस्टले,कट्टे,अद्धा तथा कारतूस) रखने तथा परिवहन करने के संबंध मे धारा 91 जा.फौ का लिखीत नोटिस जारी कर लायसेंस/वैध दस्तावेज चाहे गये जिसके द्वारा कोई वैध दस्तावेज या लायसेंस प्रस्तुत नही किया गया ना ही कोई वैध दस्तावेज या लायसेंस होना बताया।
उक्त आरोपी महेन्द्र राठौर उर्फ गोलू का अपराध धारा 25,27 आर्म्स एक्ट के तहत दंडनीय पाया जाने से उक्त 3 नग पिस्टल कीमती 75,000 रुपये, 6 नग देशी कट्टे कीमती 30,000 रुपये, 1 नग देशी अद्धा कीमती 15,000 रु ,कुल 09 नग राउण्ड (कारतूस) कीमती 4500 रु एवं एक हिरो एचएफ डिलक्स मो.सा किमती 50,000 रुपये विधिवत समस्त पंचांन कुल 1,75,000 रु (एक लाख पचत्तर हजार रु) का मसरूका वजह सबूत के विधिवत मुताबिक जप्ती पत्रक के मौके पर ही जप्त कर कब्जा पुलिस लिया गया एवं उक्त अपराध के लिए आरोपी को गिरफ्तार किया गया।
उपरोक्त बड़ी कार्यवाही को सफलतापूर्वक अंजाम देने में थाना प्रभारी करनवास उप निरीक्षक संदीप सिंह मीणा एवं उनकी टीम प्रआर 487 मंगल सिंह, प्रआर 488 धन सिंह यादव, प्र आर 615 गोपाल सिंह, 798 सुनील सिंह राजावत, आर 746 रामकरन यादव, आर 729 रविन्द्र सिंह गुर्जर, आर 294 सुघर सिंह, आर संजय गौड़, 294 धर्मेन्द्र शर्मा का महत्वपूर्ण योगदान रहा साथ ही मामले में तकनीकी सहयोग आर 252 शशांक सिंह यादव, आर 816 रवि कुशवाह द्वारा दिया गया।
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