भिवंडी में फ्रेक न्युज चैनलों के कारण फैल रही है अफवाहें ! कारवाई कब ?

भिवंडी।। शहर में फेक न्यूज का चलन बढ़ता जा रहा है.शिक्षा विहीन पत्रकार पत्रकारिता को कलंकित करते हुए देश के प्रमुख चैनलों की भांति न्युज विडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर रहे है.जिसके कारण विभिन्न मुद्दों को लेकर शहरवासियो के बीच जमकर अफवाह फैलती है.जैसे देश में कोरोना महामारी फैली हुई है तो फेक न्यूज जैसी महामारी भी कहां पीछे रहने वाली है।

बतादें कि सोशल मीडिया आज हर हाथों मे अपनी पकड़ बना ली है.फेसबुक, ट्यूटर, वाट्शाप आदि सोशल साइटों पर पत्रकार का तमगा लगाकर वसूली पत्रकारों की गैंग ऊटपटांग विडियो बनाकर, लोगों का ध्यान आकर्षित करने के लिए सम्बंधित विषयों की हेडलाइन्स बनाकर जनता को भ्रमित करते आ रहे है.आश्चर्य की बात है ऐसे स्वयं घोषित व वसूलीबाज पत्रकारों को हिन्दी वर्णमाला का ज्ञान नहीं है.किन्तु शहर के तमाम विषयों और समस्याओं पर, लट्य में माइक व बूम बांधकर शासन व प्रशासन के आला अधिकारियों से इंटरव्यू लेते नजर आते है.हालांकि इनका मकसद उस इंटरव्यू से होता नहीं, किन्तु वसूली करने के खातिर, आला अधिकारियों से उनकी डायरेक्ट पहुँच को दिखाने के लिए उनके द्वारा दिये गये इंटरव्यू का न्युज जैसा विडियो बनाकर सोशल साइटो पर वायरल कर देते है.जिसके कारण ऐसे वसूलीबाज, स्वयं घोषित पत्रकारों की शहर में धाक जमी रहती है.इनके जालसाजी में शासन व प्रशासन के आला अधिकारी भी आ जाते है।
 
 आज देश का प्रत्येक शहर संकट से गुजर रहा है.चाइनीस वायरस कोरोना कहर बरसाते हुए, प्रत्येक दिन सैकड़ों नागरिकों को अपना शिकार बनाते फिर रहा है.राज्य सरकारें नागरिकों की जान बचाने के लिए एक बार पुनः शहर में तालाबंदी कर दिया है जिसके कारण प्रवासी मजदूरों में भगदड़ मची है.गत दिनों ऐसे ही अफवाह भिवंडी शहर में घटित हुई थी.जिसका खुलासा करने के शासन व प्रशासन के आला अधिकारियों को सामने आने पड़ा।           
   
 06 अप्रेल से 01 मई तक राज्य सरकार ने पुनः एक बार संचारबंदी लागू किया है इसके साथ ही आपदा प्रबंधन के कठोर नियम भी लागू कर नागरिकों को अपने घरों में रहने के आदेश दिया है.बिना कारण घर से बाहर निकलने तथा मास्क नहीं लगाने पर जुर्माना भी वसूला जा रहा है.अत्यावश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी किस्म की दुकानें बंद रखने के लिए फरमान जारी किया है.वही पर कल - कारखानों में मजदूरों की सुरक्षा करते हुए शुरू रखने के लिए आदेश भी दिया है.भिवंडी शहर पावरलूम उद्योग की नगरी है.जिसके कारण यहाँ पर छोटे छोटे व्यवसाय तथा दिहाडी मजदूरी करने के लिए दूसरे राज्यों से प्रवासी मजदूर आते रहते है.शहर में एक बार पुनः लाॅक डाउन की सूचना मिलने से प्रवासी मजदूरों‌ में भगदड़ मच गयी.क्योंकि शहर में पावरलूम उद्योग बंद होने को‌ लेकर सोशल मीडिया पर स्वयं घोषित पत्रकारो ने न्युज जैसा विडियो बनाकर वायरल किया गया.जिसके कारण शहर में पावरलूम बंद हो जायेगा इस तरह की अफवाह फ़ैली. इस अफवाह का खंडन करने के लिए शासन व प्रशासन के आला अधिकारियों को सामने आना पड़ा।

फ्रेक न्युज चैनलों पर कार्रवाई कब ?
शहर में एक दर्जन से ज्यादा फ्रेक न्युज चलाने वाले तथाकथित लोग सक्रिय है.शिक्षा विहीन होने के कारण आऐ दिन इनसे ही अफवाहें फैलती रही है अगर इन पर अंकुश नहीं लगा तो एक दिन शहर की शांति व्यवस्था खराब होने से इनकार नहीं किया जा सकता है बतादें कि अभी तो कोरोना महामारी है किन्तु लगभग एक वर्ष के भीतर ही भिवंडी मनपा के सदस्यों का चुनाव होने वाला है‌ जिसमें उम्मीदवारों द्वारा एक दूसरे का जमकर विरोध होता रहा है.ऐसे में स्वयं घोषित, शिक्षा विहीन सोशल मीडिया के पत्रकारों द्वारा अफवाह फैलने से इनकार नहीं ‌किया जा सकता.जिस तरह शरीर में कैंसर हो जाने पर पूरे शरीर में फैलता है‌ ठीक उ‌सी तरह समाज में इन फ्रेक न्युज चैनल रूपी कैंसर फैल चुका है.हालांकि पावरलूम कारखाना बंद होने की खबर पूरी तरह अफवाह थी. इसका खंडन भी पुलिस ने एक अधिकारी ने किया है. इसके साथ उन्होंने पावरलूम मालिकों को आह्वान किया है कि शासन द्वारा जारी दिशानिर्देश का पालन करना अनिवार्य होगा और अफवाहों पर खास कर के सोशल मीडिया के अनधिकृत मैसेजेस पर कतई ध्यान न दे और न ही इन्हें फॉरवर्ड करें।

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