एसडीपीओ पत्नी के साथ आईपीएस की वर्दी मे पति ने खिचवाई तस्वीर, फोटो वायरल होने के बाद पुलिस मुख्यालय ने बैठा दी जांच

चंदन पाल की रिपोर्ट 

भागलपुर के कहलगांव एसडीपीओ (अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी) डॉ. रेशु कृष्णा का पति के साथ फोटो खिंचवाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट करना भारी पड़ गया है। इस तस्वीर में जहां वह खुद यूनिफॉर्म में नजर आ रही हैं, वहीं उनके पति आईपीएस की वर्दी पहने दिख रहे हैं। वर्दी पर आईपीएस का बैच भी लगा हुआ है। अब तस्वीर वायरल होने के बाद पुलिस मुख्यालय ने जांच के आदेश दे दिए है ।

 इस तरह की तमाम तस्वीरों के बाद जब मामला किसी जानकार द्वारा PMO तक पहुचा दिया गया और जांच की मांग की गई तो फिर क्या था पीएमओ से बिहार पुलिस मुख्यालय  को जांच का आदेश दिया गया । इस फोटो के आधार पर पुलिस मुख्यालय ने जांच बिठाई है, जिसमें खुलासा हुआ है कि एसडीपीओ के पति आइपीएस अधिकारी नहीं हैं। भागलपुर एसएसपी निताशा गुड़िया ने पूरे मामले की जांच कर पुलिस मुख्यालय को रिपोर्ट भेज दी है। माना जा रहा है कि उक्त जांच रिपोर्ट के आधार पर पुलिस मुख्यालय कहलगांव एसडीपीओ पर कार्रवाई कर सकता है। वहीं तस्वीर को लेकर विभागीय जांच शुरू होने के बाद कहलगांव एसडीपीओ और उनके पति ने अपने-अपने सोशल मीडिया एकाउंट से पति का आईपीएस वर्दी पहने फोटो को हटा दिया है। हालांकि, फोटो के हटाने से पहले यह तेजी से वायरल हो गया

डीआईजी सुजीत कुमार ने बताया कि इस संबंध में पुलिस मुख्यालय के स्तर से मामले की जांच एसएसपी से कराई गई थी। मुख्यालय को जांच रिपोर्ट भेजी गई है। वहीं कहलगांव एसडीपीओ डॉ. रेशु कृष्णा से पूछे जाने पर उन्होंने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया है। 

मूल रूप से बिहार के पटना जिले की निवासी रेशु ने बीपीएससी परीक्षा में 13वीं रैंक हासिल कर डंके की चोट पर डीएसपी पद पर चयनित हुई। चयन प्रक्रिया और बाद में ट्रेनिंग (प्रशिक्षण) का समय पूरा किया और खाकी की जिम्मेदारिया निभाने लगी है। भोजपुर जिले में अपनी तैंनाती के दौरान कई कांडों का सफलता पूर्वक उद्भेदन किया

नियम के अनुसार सेना और पुलिस की वर्दी आम लोगों के पहनने पर प्रतिबंधित है। इससे जुड़ा सशस्त्र बल अधिनियम (एफए), आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम (ओएसए) और भारतीय दंड संहिता (आइपीसी) में कई प्रावधान है। आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम की धारा 6 में आम लोगों के वर्दी पहनने पर प्रतिबंध है और इसका उल्लंघन करने पर 3 साल की सजा व जुर्माने का प्रावधान है। आइपीसी की धारा 140 में 3 महीने तक की जेल और जुर्माने का प्रावधान है।

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