शोहदों के आतंक से त्रस्त छात्रा ने छोड़ी पढ़ाई

डेढ़ महीने से आईजी डीआईजी एसपी समेत पुलिस अधिकारियों की चौखट पर न्याय मांगने वाली छात्रा को नहीं मिल सका न्याय

बालिकाओं के संरक्षण के लिए बनाई जाने वाली तमाम सरकारी योजनाओं का कौशांबी में नहीं हो रहा पालन

कौशाम्बी ।। महिलाओं बालिकाओं की सुरक्षा उनके उत्थान और उन्हें संरक्षण देने के लिए सरकार द्वारा तमाम योजनाएं बनाकर उनकी सफलता का ढिंढोरा पीटा जा रहा है, लेकिन हकीकत यह है कि कौशांबी जिले में भ्रष्ट थाना पुलिस के कारनामे के चलते महिलाओं के उत्थान और संरक्षण के लिए बनाई जाने वाली सरकारी योजनाएं जमीनी हकीकत में नहीं लागू हो पाती हैं। सरकारी नुमाइंदों के लापरवाही और आरोपियों से साठगांठ धनादोहन के चलते महिलाओं बालिकाओं की आबरू सुरक्षित नहीं है।

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का सरकारी नारा जिम्मेदारों को मुंह चिढ़ा रहा है। महिला कल्याण विभाग द्वारा बालिकाओं के संरक्षण के लिए संचालित तमाम योजनाएं कौशांबी जिले में बेमानी साबित हो रही है। महिलाओं बालिकाओं को संरक्षण और उनके अधिकार देने के लिए थाने में महिला हेल्प डेस्क और वन स्टॉप सेंटर बनाए गए हैं, लेकिन यह सब केवल योगी सरकार को संतुष्ट करने के लिए औपचारिकता तक सीमित है।

सराय अकिल कस्बे में एक रिटायर्ड कमिश्नर का बेटा लंबे समय से इस थाने का दलाल है। इस दलाल के आवारा बेटा कस्बे के एक स्कूली छात्रा के साथ लगातार छेड़खानी कर रहा था। डेढ़ महीने पूर्व पीड़ित बालिका ने  छेड़खानी की लिखित तहरीर सराय अकिल कोतवाली पुलिस को दिया लेकिन कोतवाली पुलिस ने मामले में मुकदमा दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेजने की कोशिश नहीं की, जिससे शोहदे के हौसले बुलंद रहे और वह लगातार बालिका से छेड़खानी करता रहा। इतना ही नहीं थाने में तहरीर दिए जाने के बाद थाना पुलिस ने आरोपी युवक को उसके खिलाफ तहरीर दिए जाने की जानकारी दे दी जिस पर आरोपी युवक और उसका थाने के दलाल पिता बालिका के घर चढ़ गए और गाली - गलौज धमकी देते हुए बालिका के परिजनों को बेरहमी से पीट दिया।

इस मामले की फिर पुलिस को सूचना दी गयी लेकिन पुलिस रत्ती भर आगे नहीं बढ़ सकी। पीड़ित बालिका और उसके परिजन न्याय के लिए पुलिस अधीक्षक के चौखट पर पहुंचे, जांच कर कार्यवाही का निर्देश थाना पुलिस को हुआ लेकिन फिर भी थाना पुलिस ने आरोपी पर कार्यवाही नहीं की। न्याय न मिलने पर पीड़ित बालिका एडीजी और आईजी कार्यालय भी फरियाद करने पहुंच गयी वहां भी उसे न्याय दिलाए जाने का आश्वासन दे कर वापस भेज दिया गया लेकिन जब आला अधिकारियों का पत्र सराय अकिल थाना पहुंचा तो थाने में कई वर्षों से पलने वाले दलाल के दबाव में उसके शोहदे बेटे पर पुलिस ने कार्रवाई करने की जुर्रत नहीं जुटा सके, जिससे बालिका के साथ छेड़खानी करने वाले युवक के हौसले बुलंद रह गए।

जिले में महिलाओं - बालिकाओं की सुरक्षा को लेकर आए दिन मीटिंग और कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। मीटिंग कार्यक्रम और बालिकाओं महिलाओं की सुरक्षा के लिए तमाम योजनाएं संचालित कर सरकारी खजाने से करोड़ों की रकम बर्बाद की जा रही है, लेकिन बालिका सुरक्षा के नाम पर केवल ढिंढोरा पीटा जा रहा है। सराय अकिल की छात्रा के साथ घटी घटना ने महिला कल्याण की बात करने वाली पूरी व्यवस्था पर तमाचा जड़ दिया है। जिले में यह एक अकेला मामला नहीं है, आए दिन जिले में बालिकाओं महिलाओं के साथ अत्याचार हो रहे हैं और थाना पुलिस आरोपियों से धना दोहन कर मालामाल होने की व्यवस्था में लगी है। इस तरह के मामले में आला अधिकारियों को मामले को संज्ञान लेकर आरोपियों के साथ साथ दोषी पुलिस जनों पर भी कठोर कार्रवाई करनी होगी तभी महिलाओं और बालिकाओं को सुरक्षा संरक्षण और उनके अधिकार देने की बात लागू हो सकेगी

रिपोर्टर

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