नोटिस देने के 15 दिन बाद भी नहीं हुआ मोबाइल टाॅवर कंपनी के खिलाफ ‌मामला दर्ज

भिवंडी।। भिवंडी मनपा के प्रभाग समिति क्रमांक एक अंर्तगत स्थित जब्बार कंपाउंड की मुख्य सड़क पर अतिक्रमण कर 10×10 फुट का  आरसीसी चौतरा बांधते हुए मैसर्स इंडस टाॅवर लिमिटेड और हयातुल्ला तजमुल खान ‌ने सांठगाठ कर 40 फुट ऊँचा मोबाइल टार्वर लगाने का मामला प्रकाश में आया था। सुत्रों कि माने तो इस मोबाइल टाॅवर लगवाने में मनपा अधिकारियों के भारी भष्ट्राचार की चर्चा शहर में व्याप्त है। इस खबर को "खबरें आज तक" ने प्रमुखता से छापी थी। जिसके कारण कुलकर्णी नींद में सो रही मनपा प्रशासन ने कार्रवाई का नाटक करते हुए एक दिसंबर 2021 को आनन - फानन में मोबाइल टाॅवर कंपनी और जमीन मालिक के खिलाफ महाराष्ट्र प्रादेशिक व नगर रचना अधिनियम 1966 के कलम 53 व 152 के तहत तीन दिन के भीतर मोबाइल टार्वर निकाल देने के लिए नोटिस जारी किया था। किन्तु 15 दिन बीत जाने के बावजूद सहायक आयुक्तों ने ना तो मोबाइल टार्वर निकला और ना ही आगे पुलिस थाना में प्राथमिकता दर्ज करवाई गयी। 

बतादें कि नागांव -2 के सर्वे नंबर 91/14 जब्बार कंपाउंड के मुख्य सड़क किनारे फुटपाथ की जमीन पर कब्जा करते हुए सेठ हयातुल्ला तजमुल खान ने मनपा के भष्ट्र अधिकारियों से सांठगाठ कर मेसर्स इंडस टाॅवर लिमिटेड कंपनी का 40 फुट ऊँचा मोबाइल टार्वर लगा दिया है। जिसे लगाने के लिए मनपा प्रशासन ने अनुमति नहीं दी है। सहायक आयुक्त दिलीप खाने व वीट निरीक्षक विराज भोईर की गैर मौजूदी में लगा इस मोबाइल टाॅवर को लेकर दोनों की गैर मौजूदी पर भी सवाल उठना शुरू हो गया है। इसी दरमियान उनके पद का अतिरिक्त चार्ज संभाल रहे प्रभाग समिति दो के सहायक आयुक्त फैसल तातली ने अवैध रूप से टाॅवर लगाऐ जाने की सूचना मिलने के बाद अपने अतिक्रमण दस्ते के दल बल के साथ पहुंचकर निर्माणाधीन मोबाइल टार्वर का काम बंद करवाया था। वही पर मोबाइल टार्वर कंपनी और जमीन मालिक को स्वयं खर्चे से मोबाइल टार्वर निकाल देने के लिए नोटिस जारी किया था। किन्तु आज 15 दिन बीत जाने के बाद भी मोबाइल टार्वर तो निकाला नहीं गया बल्कि टार्वर का पूरा काम पूरा हो चुका है।

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