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पार्टियों द्वारा प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया क्या आप जनता को रास आती है ?
- राजेंद्र यादव, संवाददाता राजगढ़, मध्यप्रदेश
- Jun 13, 2022
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तलेन ।। इस चुनावी लोकतंत्र में हर पार्टी की एक अपनी गाइडलाइन होती है कि किस आधार पर पार्षद एवं महापौर को टिकट दिया जाए। परंतु यहां चुनावी गाइडलाइन आम जनता को रास आती है या नहीं इसके लिए कुछ कहना मुश्किल है ।
क्यों किसी को एक बार अध्यक्ष या पार्षद बन जाने पर इनके बारे में है राय रखना की इनको एक बार मौका मिल चुका है अब नए को मौका दिया जाना चाहिए यह कहां तक उचित है क्या यह न्याय संगत है। तो क्या फिर नए पार्षद , अध्यक्ष, महापौर, 5 वर्षों तक सेवा भाव से कार्य कर पाएंगे क्या ?
या फिर कैसे नए युवा चेहरे , या किसी नए व्यक्ति मौका दिया जाना चाहिए, जिसमें परिवारवाद हावी ना हो ना ही किसी बड़े नेता की सिफारिश ?
तो क्या ऐसे व्यक्ति को मौका मिलना चाहिए जो पार्टी का लंबे समय से कर्मठ कार्यकर्ताओं रहा हो तथा पार्टी के समस्त कार्यक्रम आयोजनों में लंबे समय से उसकी पूर्ण रूप से सहभागिता रही हो ।खैर पार्टियां किसी को भी टिकट दे। फैसला तो आम जनता को ही करना है किसको वोट दिया जाए या किसको नहीं।
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