गायत्री परिवार ने किया सामूहिक पित्र तर्पण

तलेन ।। रक्षाबंधन श्रावण पूर्णिमा पर हेमाद्रि पितृ तर्पण एवं यज्ञ का आयोजन आज सुबह 8:30 बजे गायत्री प्रज्ञा पीठ तलेन के द्वारा किया गया l जिसमें गायत्री परिवार के सदस्य एवं अन्य लोगों ने नेवज नदी बारवा रोड के तट पर उपस्थित होकर गायत्री परिवार के द्वारा दिए गए निर्देशानुसार मंत्र का उच्चारण करते हुए अपने-अपने पितरों, वीरगति प्राप्त भारतीय सैनिकों, कोरोना महामारी के दिवंगतो,महापुरुषों मित्र परिचित सभी के लिए नेवज नदी पर तर्पण किया I हमारे हिंदू धर्म-दर्शन के अनुसार जिस प्रकार जिसका जन्म हुआ है, उसकी मृत्यु भी निश्चित है; उसी प्रकार जिसकी मृत्यु हुई है, उसका जन्म भी निश्चित है। ऐसे कुछ विरले ही होते हैं जिन्हें मोक्ष प्राप्ति हो जाती है। पितृपक्ष में तीन पीढ़ियों तक के पिता पक्ष के तथा तीन पीढ़ियों तक के माता पक्ष के पूर्वजों के लिए तर्पण किया जाता हैं। इन्हीं को पितर कहते हैं। दिव्य पितृ तर्पण, देव तर्पण, ऋषि तर्पण और दिव्य मनुष्य तर्पण के पश्चात् ही स्व-पितृ तर्पण किया जाता है। इसमें सबसे पहले पवित्रीकरण, आचमन, शिखा वंदन, प्रणायाम, न्यास, पृथ्वी पूजन, चंदन धारण, रक्षा सूत्र, कलश पूजन, दीप पूजन, गुरुदेव पूजन, विभिन्न देव शक्तियों का आह्वान पूजन, नमन वंदन, षोडशोपचार पूजन, स्वस्तिवाचन, रक्षा विधान, यज्ञोपवित धारण कराकर जल के द्वारा पितरों को तर्पण किया जाता है। पित्र तर्पण के बाद गायत्री मंदिर पर यज्ञ हवन एवं प्रसाद वितरण के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया

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