भगवान शिव ही हैं सर्वधर्म जीवात्मा के पिता - ब्रह्माकुमारी सुरेखा दीदी

तलेन : प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय  तलेन के तत्वाधान में *यादव धर्मशाला मंडलोईपूरा में "सप्त दिवसीय श्रीमद भगवत गीता प्रवचन" का आयोजन जिसमें तीसरे दिन मातृ-शक्तियों के द्वारा दीप प्रचलित तथा शिव की पूजा अर्चना कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया , जिसमें डॉक्टर सरिता सहगल, पूर्व पार्षद काजल सोनी मालती श्रीवास , कल माता सेन , पुष्प चावड़ा , दुर्गा माता , टीना पालीवाल, पुष्पा मेवाड़ी , अनीता पवार , यशोदा बाई यादव  , तेजस्वी दीदी , राधिका दीदी एवं अन्य मातृशक्ति उपस्थिति रही। 

 प्रवचन के तीसरे दिन योगशक्ति ब्रह्माकुमारी सुरेखा दीदी* ने जगत नियंता परमात्मा का परिचय देते हुए कहांपरमात्मा वह है जो किसी जाति धर्म की सीमाओं में नहीं बंधते हो, जो सर्वधर्म मान्य हो, सर्वोच्च हो ,सर्वोपरे हो, सर्वज्ञ हो ,और अनंत व अपरिवर्तनशील हो । वसुदेव कुटुंबकम कहते हैं अर्थात पूरे वसुधा की आत्माओं का पिता एक है। लेकिन बड़ी विडंबना की बात है कि उस एक के नाम पर अनेकता में बटते  जा रहे हैं ।

दीदी ने श्रीमद् भगवत गीता, रामायण व अन्य धर्म का उदाहरण देते हुए कहा कि वास्तव में भगवान निराकार ज्योति बिंदु स्वरूप है  जिनकी हिंदू धर्म में शिवलिंग या ज्योतिर्लिंग के रूप में पूजा की जाती है, तो वही मुस्लिम धर्म में नूर ए इलाही कहकर उनकी इबादत करते हैं, ईसाई धर्म में भगवान को गॉड इस लाइट, व सिख धर्म में एक ओंकार,सतनाम ज्योति निरंजन के रूप में भगवान का ध्यान करते है।  वह एक भगवान शिव ही है जो सर्वधर्म की जीव आत्माओं के पिता है, देवों के देव महादेव ,कालों के काल महाकाल है। निष्काम भाव से उनकी आराधना करने से वह भोलानाथ पिता सहज ही प्रसन्न होकर सर्व पापों से आत्मा को मुक्त कर देते हैं इसलिए हमें सर्व धर्म को त्याग कर आत्मिक धर्म में स्थित होकर परमात्मा का नित्य ध्यान करना चाहिए। अंत में रंग-बिरंगे    गुणो के गुब्बारे द्वारा आनंद अनुभूति  वह परमात्म अनुभूति कराई। इस अवसर पर बड़ी संख्या में नगर के साथ ही आसपास के गांव के श्रद्धालु गण उपस्थित रहे। महिला शक्तियों द्वारा दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। बीके तेजस्वी दीदी व राधिका दीदी द्वारा आए हुए मेहमानों को ईश्वरी सौगात भेंट की गई अंत में  प्रसाद वितरण किया गया।

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