
करिश्माई नेता करुणानिधि की पुण्यतिथि धूमधाम से मनाई गई ।
- राजेश कुमार शर्मा, उत्तर प्रदेश विशेष संवाददाता
- Aug 07, 2025
- 275 views
दिल्ली : सामाजिक न्याय आंदोलन के टी और सम्राट अशोक वंशज संघ रजिस्टर्ड के बैनर तले माननीय जी के शर्मा संरक्षक /संस्थापक के अध्यक्षता में पुष्पांजलि कार्यक्रम संपन्न हुआ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शर्मा ने कहा कि आज पूरे देश में पिछड़ी जातियों को 69% आरक्षण देने वाला प्रदेश तमिलनाडु के महापुरुष के पुण्यतिथि पर पुष्प अर्पित करते कहां पीला गमछा काला चश्मा का रहस्य क्या है
मुथुवेल करुणा निधि का जन्म 3 जून 1924 को तमिलनाडु के थिरूक्कुवलाई गांव ईसाइ वेल्लालर संगीतकार परिवार में हुआ था जिन्होंने तीन बार शादियां किया पहली पत्नी पद् यावती से एक बेटा एमके मुत्तु पत्नी की मृत्यु के बाद दूसरी शादी दयालु आम्माल जिससे तीन पुत्र एक बेटी अलागिरी एमके स्टालिन और एमके तमिलासु पुत्री सेल्वी और तीसरी पत्नी राजत्तीयम्माल से इकलौती पुत्री कनिक मोझी हुई जो आज राज्यसभा सांसद हैं और दूसरी पत्नी के पुत्र एम के स्टाइलिंन तमिलनाडु के मुख्यमंत्री हैं ।
करुणानिधि जी पहले मांसाहारी थे बाद में शाकाहारी हुए और योगासन से स्वस्थ और स्पूर्ति महसूस करते थे अचानक तबीयत खराब होने पर 7 अगस्त 2018 को चेन्नई के कावेरी हॉस्पिटल में उम्र से संबंधित बीमारियों के इलाज के दौरान निधन हो गया जो देश और समाज के लिए सबसे ज्यादा क्षति हुई जस्टिस पार्टी के अलागिरी स्वामी के भाषण से प्रेरित होकर 14 वर्ष की उम्र में राजनीति में प्रवेश कर लिया हिंदी विरोधी आंदोलन में भाग लिया और युवाओं का संगठन बनाया तमिलनाडु तमिल मनावर मन्द्म छात्र संघ का निर्माण किया और मुरासोली नामक अखबार भारतीय राजनेता के साथ-साथ अभिनेता लेखक कलाकार आदि क्षेत्रों में महारत हासिल किया डीएमके के संस्थापक सीएन अन्नादुरई की मृत्यु के बाद 1969 से 76 1989 से 91 और2011 तक मुख्यमंत्री रहे 2004 में लोकसभा के चुनाव में 40 सीटें इन्होंने जीत लिया उनकी लोकप्रियता के कारण उनके समर्थक उन्हें कलाई नार कहके बुलाते हैं ।
अक्सर देखा गया की करुणा निधि जी हमेशा पीला गमछा अपने कंधे पर धारण करते थे बृहस्पति की शांति के लिए एक बड़े हादसे 1968 में बाई आंख खराब हो जाने के कारण वह हमेशा काला चश्मा पहनते थे यह उनका लुक समाज के लोगों को एक प्रेरणा देता था और लोग उन्हें अपना आदर्श मानते थे कार्यक्रम में मुख्य रूप से डॉक्टर सत्येंद्र ठाकुर एडवोकेट अशोक कुमार एडवोकेट वंदना हितेंद्र सैन डॉ अरुण सेन डॉक्टर यतेंद्र सैन कमता लाल ठाकुर रमेश सोनकर सुमन पाल सुरेश चंद कविता सावित्री बबीता पूजा वर्मा कंचन सेन राकेश सेन वीर सिंह देवभद्र चौहान रमेश पटेल देश के कोने-कोने से आए सभी महापुरुष के प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी कार्यक्रम का संचालन एडवोकेट सुनील कुमार ने किया
रिपोर्टर