भिवंडी मनपा के स्क्रैप टेंडर पर भ्रष्टाचार के आरोप, नेताओं ने जांच की मांग

भिवंडी। भिवंडी-निजामपुर शहर महानगरपालिका द्वारा जारी भंगार (स्क्रैप) लिलाव टेंडर में अनियमितताओं का मामला गरमाता जा रहा है। पूर्व नगरसेवक और स्थानीय नेताओं ने इस टेंडर को पक्षपातपूर्ण बताते हुए मनपा आयुक्त व प्रशासक को पत्र भेजकर तत्काल जांच की मांग की है।

नेताओं के अनुसार टेंडर नंबर BNCMC/1229282/1 (वर्ष 2025) में ऐसी कड़ी व अनावश्यक शर्तें शामिल की गई हैं, जिनके चलते छोटे व्यापारी और ठेकेदार प्रक्रिया में भाग नहीं ले पा रहे हैं। उनका आरोप है कि यह पूरा टेंडर किसी एक प्रभावशाली ठेकेदार को लाभ दिलाने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। नेताओं ने कहा कि मनपा भंगार खरीदना अब सोना खरीदने से भी मुश्किल हो गया है। इस टेंडर में पिछले पांच साल के आयकर रिटर्न, ऑडिटेड अकाउंट्स, 30 लाख की औसत वार्षिक उलाढाल का प्रमाण, EPF, ESIC, GST R1 और 3B चालान, MSME, जियो टैग सर्टिफिकेट, 20 लाख रुपये की बैंक सॉल्वेंसी की रंगीन प्रति, पांच साल का स्क्रैप अनुभव प्रमाणपत्र और ब्लैकलिस्ट न होने का शपथपत्र जैसी भारी-भरकम शर्तें शामिल हैं। शिकायतकर्ताओं का कहना है कि टेंडर की भाषा और प्रक्रिया में साफ झलकता है कि प्रतिस्पर्धा को सीमित करने और मनपा को आर्थिक नुकसान पहुंचाने की यह पूरी साजिश है। उनका आरोप है कि ई-टेंडरिंग प्रणाली में भी जानबूझकर बाधाएं डाली गईं ताकि एक ही कंपनी को फायदा मिले। स्थानीय व्यापारियों और नागरिकों में इसको लेकर आक्रोश बढ़ता जा रहा है। उनका कहना है कि जितनी कठिनाइयां भंगार लिलाव में सामने आ रही हैं, उतनी ही पारदर्शिता की उम्मीद कम होती जा रही है।

पूर्व नगरसेवकों और नेताओं ने चेतावनी दी है कि यदि अनावश्यक शर्तें तुरंत वापस नहीं ली गईं और मामले की जांच शुरू नहीं हुई, तो वे जन आंदोलन खड़ा करेंगे। भिवंडी में यह मुद्दा तेजी से तूल पकड़ रहा है और अब निगाहें मनपा प्रशासन की अगली कार्यवाही पर टिकी हैं।

रिपोर्टर

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