वन रूपी क्लीनिक का डीडी को-आॅपरेटिव बैंक का बता किया रद्द

भाजपा सांसद के पीए ने टेंडर के लिए रेलवे अधिकारियों पर डाला दबाव  


मुंबई। रेलवे द्वारा सभी रेलवे स्टेशनों पर जख्मी यात्रियों को इमरजेंसी उपचार के लिए  जीवन रक्षक दवाइयां, चिकित्सा उपकरण और उपचार मुहैया कराएगी। इसके लिए पश्चिम रेलवे द्वारा हाल ही में रेलवे स्टेशनों पर इमरजेंसी मेडिकल रूम के लिए निविदा (टेंडर ) मंगाया गया था। इसके बाद कई लोगों द्वारा टेंडर भरा गया था, लेकिन इस टेंडर में भाजपा सांसद किरीट सोमैया के पीए के रूप में पहचाने जाने वाले जितेश मटालिया द्वारा रेलवे के अधिकारियों पर राजकीय दबाव डाला गया। इसके बाद रेलवे द्वारा ‘वन रूपी क्लीनिक’ का डीडी को-आॅपरेटिव बैंक का बताकर रद्द कर दिया गया और चार स्टेशनों का टेंडर मानव कल्याण ट्रस्ट अस्पताल को दे दिया गया।

दिन प्रति दिन रेलवे से यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या बढ़ने के साथ साथ दुर्घटना होने के बाद मरने वालो की संख्या भी तेजी के साथ बढ़ रहा है । इसमें अधिकतर यात्रियों को समय पर उपचार नही मिलने के कारण मौत हो जाता है । इसको देखते हुए मुंबई हाईकोर्ट में याचिका दाखिल किया गया था । जिसके बाद न्यायलय ने रेलवे को इस मामले में गंभीरता लेते हुए इमरजेंसी मेडिकल रूम चालु करने का निर्देश दिया था  जिसके बाद पहले दादर रेलवे स्टेशन पर पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर मेडिकल रूम चालु किया गया । इसके बाद इस का विस्तार करते हुए मध्य रेलवे और वेस्टर रेलवे में सुरु किया गया । वर्तमान में मध्य रेलवे में वन रूपी क्लिनिक के माध्यम से रेलवे स्टेशनों पर इमरजेंसी मेडिकल रूम चालु किया गया । जिसके माध्यम से उपचार किया जाता है । इसी के तर्ज पर पश्चिम रेलवे ने भी इमरजेंसी मेडिकल रूम के लिए टेंडर मंगाया था । 

‘वन रूपी क्लिनिक’ का टेंडर किया रद्द 
पश्चिम रेलवे द्वारा मंगाए गए टेंडर के बाद मध्य रेलवे में इमरजेंसी मेडिकल रूम की सेवा दे रही ‘वन रूपी क्लिनिक’ द्वारा भी टेंडर भरा गया था। सूत्रों की मानें तो ‘वन रूपी क्लिनिक’ ने कुल 10 रेलवे स्टेशनों के लिए टेंडर भरा था। इसके साथ ही मानव कल्याण ट्रस्ट हॉस्पिटल ने भी टेंडर भरा था। इसके लिए बकायदा लगभग 40 हजार के डीडी भी ‘वन रूपी क्लिनिक’ द्वारा जमा किया गया था। 

◆ यह डीडी को-आॅपरेटिव बैंक का था। रेलवे  की तरफ से इस डीडी को गलत बताया गया। इस डीडी को को-आॅपरेटिव बैंक का बताकर टेंडर रद्द कर दिया गया। इस टेंडर को रद्द करने के बाद विरार, वसई, नालासोपारा, भायंदर रेलवे स्टेशन पर ‘इमरजेंसी मेडिकल रूम’ का टेंडर मंजूर किया गया है।  


प्री मीटिंग में उपस्थित हुए किरीट सोमैया के पीए जितेश मटालिया 
पश्चिम रेलवे के तरफ से जब ‘इमरजेंसी मेडिकल रूम’ के लिए टेंडर मंगाए गए थे। उसके बाद अलग-अलग संस्थाओं द्वारा टेंडर भरा गया। इस बीच 23 अप्रैल को दोपहर 3 बजे भाजपा सांसद किरीट सोमैया के पीए जितेश मटालिया मानव कल्याण ट्रस्ट हॉस्पिटल के लोगों के साथ चीफ मेडिकल सुपरिटेंडेट के पास पहुंचे। सूत्रों की मानें  तो वहां लगभग कई घंटे इसको लेकर चर्चा की गई। बताया जा रहा है कि इस दौरान जितेश ने किरीट सोमैया के पीए होने और रुतबे का इस्तेमाल करते हुए मानव कल्याण ट्रस्ट हॉस्पिटल को किसी भी हालत में टेंडर देने के लिए दबाव डालते नजर आए। सूत्रों की मानें तो इनडाइरेक्ट जितेश का मानव कल्याण ट्रस्ट हॉस्पिटल से संबंध है। इसीलिए इसे टेंडर दिलाने में जोर देते नजर आए।


प्री मीटिंग के बाद रद्द हुआ डीडी 
सूत्रों की मानें तो जितेश मटालिया ने रेलवे के चीफ मेडिकल सुपरिटेंडेट सहित कई अधिकारियों से मुलाकात किया। उसके बाद कुछ दिन बाद ही ‘वन रूपी क्लिनिक’ द्वारा 10 स्टेशनों पर ‘इमरजेंसी मेडिकल रूम’ के लिए भरा गया डीडी को-आॅपरेटिव बैंक का बताकर रद्द कर दिया गया। इसके बाद यह टेंडर मानव कल्याण ट्रस्ट हॉस्पिटल को चार स्टेशनों पर ‘इमरजेंसी मेडिकल रूम’ शुरू करने की अनुमति दी गई। फिलहाल इन रेलवे स्टेशनों पर ‘इमरजेंसी मेडिकल रूम’ बनाने का कार्य शुरूकिया जाने वाला है। ‘इमरजेंसी मेडिकल रूम’बनाने के बाद इसे मानव कल्याण ट्रस्ट हॉस्पिटल को सौंप दिया जाएगा।


★रेलवे किसी के दबाव में आकर काम नहीं करती है। मैं सिर्फ जानकारी लेने के लिए वहां गया था। जो भी आरोप लगाए जा रहे हैं, वे पूरी तरह से बेबुनियाद हैं।
    -जितेश मटालिया, पीए, किरीट सोमैया


★हमने अखबार में टेंडर का विज्ञापन आने के बाद भरा था। मानव कल्याण ट्रस्ट हॉस्पिटल सामाजिक कार्य करते आ रही है। उसके अनुसार हमें चार स्टेशनों का टेंडर मिला है। रेलवे द्वारा यह मेडिकल रूम बनाकर दिए जाने के बाद कार्य शूुरू किया जाएगा। इसमें जितेश मटालिया का कोई संबंध नहीं है। हम नहीं जानते।             
        -डॉ.सुनील सिंह, मानव सेवा ट्रस्ट हॉस्पिटल 



★मध्य रेलवे के इमरजेंसी मेडिकल रूम के लिए काम कर रहा हु । मध्य रेलवे में यही कोपरेटिव बैंक का डीडी जमा किया था । उसे स्वीकार किया गया । लेकिन पश्चिम रेलवे द्वारा इसी गलत बताते हुए रद्द कर दिया है । शायद हो सकता है की कुछ राजकीय दबाव डाला गया है । लेकिन पूरा जानकारी नही की आखिर कार क्यों इस तरह से डीडी को गलत बताकर रद्द किया गया । 
        -डॉ राहुल घुले ,सीइओ ,वन रूपी क्लिनिक

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