पूनम शुक्ल - मैं बेटी हूँ 2018 के सम्मान से पुरस्कृत

लखनऊ । लखनऊ में आयोजित 4 जुलाई के  समारोह में स्तंभ लेखिका और  समाजसेविका पूनम शुक्ल को मैं बेटी हूँ 2018 के पुरस्कार से नवाज़ा गया। सामाजिक और लेखन झेत्र में उनके उल्लेखनीय कार्यों ने उन्हें सामाजिक स्तर पर विशेष पहचान दी। पूनम शुक्ला ने अपनी लेखनी से महिलाओं  प्रति अपराधों  और  समाज - कानून  की संवेदनशीलता पर कई जागरूकता  लिखे जो पत्रिकाओं में सम्पादकीय लेखों के तौर पर प्रकाशित हुए। , नारी शक्ति अवार्ड 2016 , नेशनल वूमेन एचीवर अवार्ड ,जीवक राष्ट्रीय सन्मान अवार्ड , इंडियन आइकॉन अवार्ड 2015 , भारत गौरव अवार्ड जैसी कई सम्मानों और पुरस्कारों से विभूषित किया जाता रहा है। अन्तर्राष्ट्रीय संस्था इंडो उके इंटेलेक्चुअल फोरम द्वारा नेशनल एक्सीलेंस अवार्ड दिया गया।  ठाणे , महाराष्ट्र में उन्हें नवरत्न सन्मान मिला।  यूरोप के कामनवेल्थ टेलीकॉम आर्गेनाइजेशन के सेमीनार में टेलीकॉम के अन्तर्राष्ट्रीय दिग्गजों के सामने दूर दूरस्थ ग्रामीण इलाकों में ई -गवर्नेस के बारे में अपने विचार दिए।  लंदन में हुए अन्तर्राष्ट्रीय न्यायिक परिषद् के सेमीनार में जॉर्डन के भूतपूर्व प्रधानमंत्री , पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश और इंग्लैंड के कई न्यायविदों के साथ कई हस्तियों के सामने आतंकवाद पर बहस की। श्रीमती पूनम शुक्ल  सामजिक कार्यों में व्यस्त रहते हुए भी उद्यमी बन रही हैं। वे मर्शन प्राइवेट लिमिटेड की प्रबंध निदेशिका है जो  टेलीकॉम , आईटी टेक्नोलॉजी , स्मार्ट टेक्नोलॉजी , बिज़नेस एंड लीगल कंसलटिंग और स्किल डेवलपमेंट में सक्रिय है।

 पुर्वांचल की पिछड़ी स्थिति को लेकर भी पूनम बहुत सजग है उन्होंने अपनी लेखनी और कई कार्यकर्मों में पूर्वी उत्तरप्रदेश के बारे में देश का ध्यान आकर्षित किया। पूनम शुक्ल के संपादन में पुर्वांचल उत्थान ट्रस्ट द्वारा पुर्वांचल संगम पत्रिका का जल्द ही प्रकाशन हो रहा है। ठाणे परिसर में बसे पूर्वांचलियों के लिए पुर्वांचल उत्थान ट्रस्ट ने कई सराहनीय सामजिक कार्य

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