राजातालाब एनएच दो पर लगातार हो रही दुर्घटनाओं, मौत पर हादसे के डर में जी रही है जिंदगियां

वाराणसी से संवाददाता घनश्याम गुप्ता की रिपोर्ट

वाराणसी ।। रोहनियां राजातालाब एनएच 02 पर निर्माणाधीन पांच पाया वाले अंडरपास " पर लगातार हो रहे दुर्घटनाओं से चिंतित विभिन्न सामाजिक संगठनों की जाँच के लिए गठित " जाँच कमेटी " ने घटना स्थल का दौरा किया। इस दौरान कमेटी ने घटनास्थल के आसपास के लोगों, कार्य कर रहे मजदूरों को साथ ही सम्बंधित विभागों के अधिकारियो से भी सम्पर्क किया। राजातालाब सब्जी मंडी से राजातालाब चौराहे पर निर्माणाधीन अंडरपास के बीच स्थलीय निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होने पाया कि निर्माण स्थल पर आराजकतापूर्ण स्थिति है। इसके चलते ट्रैफिक जाम होता है। प्रारम्भिक जाँच में पाया गया कि विभागों में आपसी तालमेल का अभाव व मानकों की अनदेखी के चलते यहां हादसा हो रहा है। यही नहीं मानकों का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है। राजातालाब पुरानी पुलिस चौकी पर बड़े-बड़े पत्थर लगाकर विगत 6 माह से जक्खिनी, पंचकोशी मार्ग को बंद कर देने के चलते निर्माणाधीन उक्त अंडरपास के पास स्थित सब्जी मंडी, बाजार के हजारों लोगों का जीवन व आजीविका संकट में है। रोड संकरी होने और आयरन वाल (लोहे की सुरक्षा दीवार) नहीं लगाये जाने से यहां के लोगों को चौकाघाट की तरह उन पर भी मौत का पिलर कभी भी कहर बरपा सकता है। यही नहीं राजातालाब चौराहे पर इलाहाबाद, मिर्जापुर, भदोही, मिर्जापुर, चंदौली आदि कई जिलों से निकलने वाले हजारों यात्रियों की जिंदगी भी खतरे में है। जाँच कमेटी ने यह भी पाया की ट्रैफिक डायवर्जन किया गया होता तो भी यहां हों रहे लगातार दुर्घटनाएं हादसा और जाम रोका जा सकता था। 


कमेटी यह देखकर सन्न रह गयी कि जिस स्थान पर अंडरपास निर्माण कार्य किया जा रहा है वहां सङक की चौङाई इतनी कम है कि पिलर के नीचे लोहे के सुरक्षा दीवार बनाने के बाद भी शेष जगह इतनी ही बचती थी कि उसमें मात्र दो पहिया वाहन ही गुजर सकते थे। मानकों की अनदेखी कर सुरक्षा दीवार को दुर्घटना बाहुल्य राजातालाब चौराहे पर हाईवे सड़क की खुदाई करके आज तक नहीं लगाया गया था और वहां से बस, ट्रक जैसे भारी वाहनों को भी गुजरने दिया जा रहा था। इसके चलते लगातार जाम के कारण दुर्घटनाएं हो रही है और अब तक आधा दर्जन से ऊपर जिंदगी ले ली। और दर्जनों से अधिक लोग घायल हो चुके हैं।


कमेटी ने पाया कि निर्माणाधीन अंडर पास के दोनों ओर दो- दो मीटर दूरी पर लोहे की सुरक्षा दीवार बनायी जानी चाहिए थी। लेकिन इसे मानकों की अनदेखी कर दिया गया था। नतीजा रहा की महज 10 से 15 फीट चौङे मार्ग पर यातायात चल रहा था और पुल के नीचे से वाहन गुजर रहे थे। कमेटी ने पाया कि हादसे के बाद घटना स्थल पर रूट डायवर्ट कर यातायात शुरू करना, यह काम पहले भी हो सकता था लेकिन प्रशासन चेता तब जब कई जान चली गई। और कई लोग घायल हो रहे हैं।

यही नहीं क्षेत्र के लोग, संस्थाओं की शिकायतों की लगातार अनदेखी की गई। इस बावत स्थानीय आमजन, जनप्रतिनिधियों ने कई बार एनएचएआई को सूचना दी गयी कि निर्माणाधीन अंडर पास की वजह से राहगीर कभी भी हादसे के शिकार हो सकते है। इन शिकायतों पर भी ध्यान दिया गया होता तो मानकों के अनदेखी की कलई खुल सकती थी। समय से जाँच होती तो भी लगातार हो रहे दुर्घटनाएं और हादसा, कई मौते टल सकता था। कमेटी ने पाया कि इलाके के लोग और उधर से गुजरने वाले लोग आज भी दहशत में है सभी को भय सताता है कि निर्माणाधीन पुल के बगल से गुजरते समय कोई भी भारी भरकम चीज उन पर मौत बनकर गिर सकती है। बेलगाम वाहनों से दुर्घटनाग्रस्त हो सकतें हैं। कमेटी राजातालाब में जक्खिनी, पंचकोशी, जमुआ, जंसा, ब्लॉक, तहसील, भिखारीपुर, मेंहदीगंज मार्ग आदि कई रोड की व्यस्तता देखते हुए यहां पांच पाया वाले अंडरपास के स्थान पर पूर्व के मांग के अनुसार 40 पाया वाला फ्लाईओवर भी बनाये जाने की यहां आवश्यकता है। तथ्यों की पङताल के क्रम में कमेटी ने सम्बंधित विभागों के जिम्मेदार अधिकारियों से भी वार्ता की और उनसे संबंधित कागजात लेकर तथ्यों का अन्वेषण करने को बाद विस्तृत रिपोर्ट यह कमेटी राष्ट्रपति और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को सौंपेगी। साथ ही इसका विस्तृत विवरण जनसामान्य को जारी करेगी। खुलासा करेगी कि निर्माणाधीन उक्त अंडरपास निर्माण में कौन कौन सी खामियां है ?

जाँच कमेटी में सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार गुप्ता, ग्राम प्रधान कचनार विजय पटेल, अधिवक्ता हरिओम दुबे, व्यापारी नेता दिनेश यादव, अधिवक्ता शांति चौहान, सागर पटेल, श्याम लाल, महेंद्र राय, रामसेवक चौहान, संतोष यादव, विशाल मोदनवाल, अनिल यादव उर्फ गुड्डू, हरीश चंद्र चौबे आदि थे।

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