पत्रकारों के साथ सौतेला ब्यवहार कर रही है सरकार

रिपोर्ट-वरिष्ठ पत्रकार अमर सिंह 

सुरियावां ।। पत्रकारों के साथ सरकार सौतेला व्यवहार कर रही है चाहे सांसद हो या चाहे विधायक हो या कोई क्षेत्र का बड़ा आदमी हो या समाजसेवी हो जहां पर पत्रकार की बात आती है,पत्रकार अपनी जिंदगी को खुद जोखिम में डाल करके सरकार की आवाज को जनता तक पहुंचाने का काम कर रहे है और जनता की आवाज सरकार तक पहुंचाने का काम कर रहे है एंव इस कोरोना वायरस जैसी भयंकर महामारी में पुलिस अधिकारियों के साथ पूरा सहयोग कर रही हैं फिर वो इलेक्ट्रॉनिक मीडिया हो या प्रिंट मीडिया उसके बावजूद कोई उनको पूछने वाला नहीं है, कि 1 लीटर पेट्रोल कहां से आता है, आपके घर का कैसे खर्चा चलता है। वहीं पर उ0 प्र0 सरकार के मुख्यमंत्री के आदेशानुसार सरकारी कर्मचारियों को मास्क और दस्ताना  सैनिटाइजर साबुन सारी सुविधाएं उपलब्ध कराया गया है, लेकिन संविधान के चौथे स्तंभ के लिए कोई भी सुविधा की वस्तु उपलब्ध नहीं हो रही है। जबकि देश जब से आजाद हुआ है तब से संविधान का चौथा स्तंभ कहा जाता है।  लेकिन इस समय प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की खबर लेने वाला कोई विधायक या सांसद भदोही जनपद सुरियावां  के अलावा अन्य क्षेत्र कोई नही ख्याल करने वाला है । जबकि अन्त में कोई अच्छीअच्छा कार्य छपवाना चाहते हैं तो मीडिया के ही लोगों के द्वारा अच्छे कार्यों को छापा जाता हैं ,उसके बाद कोई पूछने वाला नहीं होता है। विधायक और सांसद अपनी निधि से तमाम पैसा खर्च कर रहे हैं। लेकिन पत्रकारों की समस्या और उनके व उनके परिवार का ख्याल करने की किसी सांसद, विधायक को समय या फुर्सत नहीं है, एक बार फिर आपको बता दूँ कि जहां पर पत्रकारों द्वारा किसी भी विधायक या सांसद को के कार्यक्रम करना है तो उसे छपवाने के लिए बड़े प्रेम से बुलाते हैं। अन्यथा नहीं, तो फिर नहीं बुलाते हैं। इस समय पत्रकार अपनी जान जोखिम में डाल करके पुलिस कर्मी का पूरा सहयोग कर रहे हैं। और राज्य सरकार का और प्रदेश सरकार का काम भी कर रहे है अपनी जान बिना परवाह किये हुए।  मैंने अपने पत्रकारिता अनुभव में ऐसा नजारा नहीं देखा जहां एक महामारी इतनी तेज़ी से फैल रही है। सभी को ये ज्ञात है कि कोरोना बीमारी में एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को आसानी से संक्रमित कर सकता है। पत्रकारिता धर्म हमें हर छोटी से बड़ी खबर हर सूरत में जनता तक पहुंचाने की ज़िम्मेदारी देता है और हमारे सारे पत्रकार बंधु हर सूरत में अपना ये धर्म बख़ूबी निभाते है फिर चाहे वो दंगे हो, युद्ध हो, कोई हिंसक प्रदर्शन हो या फिर कुछ और हो।

लेकिन इस बार परिदृश्य बेहद गंभीर है, क्योंकि संक्रमण फैलाने वाली बीमारी से यदि कोई भी व्यक्ति संक्रमित हो तो वो वही संक्रमण कई जगह पहुंचा सकता है।

एक पत्रकार दिन भर में कई जगह जाता है। आम जनता से लेकर अफसरों, राजनीतिज्ञों, स्वाथय्य कर्मियों इत्यादि से मिलता है, ऐसे में उसके संक्रमित होने का ख़तरा कई गुना बढ़ जाता है। और यदि वो संक्रमित हो जाए तो उससे ज़्यादा तेज़ी से संक्रमण फैलाने वाला माध्यम और कोई नहीं हो सकता। इसीलिए पत्रकार बंधुओं को सबसे ज़्यादा सावधानी रखने की आवश्यकता है। हमेशा मास्क पहने रहना, हर थोड़ी - थोड़ी देर में हाथ धोना या सेनेटाइज करें। अस्पताल और ऑब्जर्वेशन व क्वारांटेन क्षेत्र से दूरी बनाने के अलावा मेरे द्वारा छोटे से सुझाव हैं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के बंधु पत्रकार अति आवश्यक होने पर ही बाइट लें, और यदि लें तो बूम माइक को टेली मोड पर रख एक मीटर की दूरी बनाएं, मास्क पहने रखें और यदि हो सके तो बूम माइक स्पोंज को हर बाइट के बाद सेनिटाइजर से सेनेटाइज करें। साथ ही दिन में कम से कम दो से तीन बार माइक यूनिट व कैमरों को भी सेनेटाइज में भीगी हुई गौज से डिसिंफेक्ट करें। 

 प्रिंट मीडिया के बंधु फील्ड में खबर लिखते वक्त यदि डायरी पेन के इस्तेमाल करने की जगह अपने मोबाइल में सॉफ्ट नोट लिख डेस्क पर भेजें तो अधिक सावधानी उनको भी करनी रहेगी। साथ ही यदि फील्ड पर किसी प्रेस कॉन्फ्रेंस या कार्यक्रम में कलम लाना भूल गए हों तो किसी दूसरे की कलम लेने से बचें। और यदि किसी विशेष परिस्थिति में इस्तेमाल कर भी लिया हो, तो करने के तुरंत बाद हाथों को हैंडवाश करें या सेनेटाइज करें । 

सभी फील्ड के पत्रकार बंधु डेस्क ऑफिस आने जाने से बचे, उपलब्ध सॉफ्टवेयर या वाट्सएप के माध्यम से डेस्क तक खबरें पहुंचाए। 

 किसी भी भीड़ वाली जगह जैसे - एयरपोर्ट, बस अड्डा या रेलवे स्टेशन पर यदि चल रही स्क्रीनिंग का कवरेज या इन जगहों पर किसी संदिग्ध मरीज़ के मिलने का न्यूज प्वाइंट यदि बहुत आवश्यक हो तो ही कवर करने जाएं और उचित दूरी ज़रूर बनाएं रहे। अब अत्याधुनिक मोबाइल फोन कैमरे भी काफी दूरी तक के विजुअल साफ ले लेते हैं। टेक्नोलॉजी का उपयोग कीजिए। 

वैसे सभी प्रदेशों में प्रेस कॉन्फ्रेंस, गोष्ठी, या अन्य कार्यक्रम स्थगित कर दिए गए हैं, फिर भी यदि अति आवश्यक हो तो पूरी सावधानी से अच्छी गुणवत्ता का मास्क लगा के जाएं। खत्म होते ही तुरंत निकलकर अपने इक्विपमेंट व हाथ सेनेटाइज करें। 

अंतिम लेकिन सबसे महत्वपूर्ण, रोज के अपने मूवमेंट का रिकॉर्ड या लॉग अवश्य रखें, जैसे कि सुबह घर से निकल कर और वापस काम ख़त्म करके जब आप घर लौटे तो कहां कहां गए, इसका दिनांक समेत रिकॉर्ड रखें और ज़रा सी भी तबीयत ख़राब होने पर तुरंत स्वास्थ्य सहायता लें। इस परीक्षा की घड़ी में सभी पत्रकार बंधु अपने पत्रकारिता धर्म को निभाने के साथ अपने स्वास्थ्य का भी बहुत खयाल रखें ।


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