शैलेश तिवारी हिंदी भाषियों के मसीहा या विरोधक ?

शैलेश तिवारी की चुप्पी खड़े कर रही कई सवाल


विधायक गणपत गायकवाड़ को नही शहरी किसानों की चिंता - काटकर

कल्याण ।। कोलसेवाड़ी पुलिस स्टेशन के पुलिस निरीक्षक द्वारा नगरसेवक मनोज राय को लॉकअप में डाले जाने के बाद विधायक गणपत गायकवाड़ ने पुलिस स्टेशन में जाकर अधिकारी से सवाल जवाब किया जिस पर तत्काल राष्ट्र कल्याण पार्टी के महासचिव ने निवेदन पत्र दे विधायक को किसान का समर्थन करने पर बल दिया साथ ही पुलिस द्वारा की गई कार्यवाई को सही ठहराया, लेकिन हैरत की बात तो यह है कि राष्ट्र कल्याण पार्टी के अध्यक्ष शैलेश तिवारी इस मामले में चुप्पी साधे हुए है एक हिंदी भाषी पर हुए इस कार्यवाई के खिलाफ उन्होंने एक शब्द भी नही कहा जबकि उनकी ही पार्टी से इस तरह का निवेदन पत्र दिया जा रहा है शैलेश तिवारी की इस चुप्पी से यह प्रश्न उठ रहा है कि वे हिंदी भाषियों के मसीहा(समर्थक) है या फिर उनके विरोधक आखिरकार उनकी चुप्पी के पीछे क्या रहस्य है ।

संबंधितो पर किया जाय उचित कार्यवाई - राहुल काटकर 

विदित हो कि 14 अगस्त की शाम नगरसेवक मनोज राय  शिकायत लेकर कोलसेवाडी पुलिस स्टेशन पहुंचे जहां पर पुलिस ने उन्हें लॉकअप में डाल दिया जैसे ही इसकी जानकारी विधायक गणपत गायकवाड को लगी तो वे फौरन पुलिस स्टेशन में आ धमके और उन्होंने पुलिस अधीक्षक शाहूराजे साल्वे से सवाल जवाब किया कुछ घंटों के पश्चात पुलिस ने मनोज राय को वहां से घर जाने दिया परंतु उनके जाने के बाद मनोज राय व विधायक गणपत गायकवाड पर भी मामला दर्ज कर लिया वहीं इस मामले में राष्ट्र कल्याण पार्टी भी कूद पड़ी पार्टी के महासचिव राहुल काटकर ने पुलिस आयुक्त को निवेदन पत्र देकर शहरी किसानों पर होने वाले अत्याचार को रोकने की मांग की है राहुल काटकर का कहना है कि विधायक गणपत गायकवाड सिर्फ धनाढ्य लोगों की मदद के लिए ही सामने आते हैं वह शहरी किसानों के लिए कभी भी इस तरह आगे नहीं आए मनोज राय के लिए उनका जो स्वरूप देखा गया वह आज के पहले कभी किसानों के लिए नहीं देखा गया था काटकर ने कहा कि हमारी पार्टी किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है और उनके ऊपर किये गए अन्याय के खिलाफ वह हमेशा उनके साथ खड़ी रहेगी काटकर ने पुलिस आयुक्त सहित मुख्यमंत्री व गृह मंत्री को भी पत्र भेजकर उक्त मामले में संबंधित लोगों पर कार्रवाई करने तथा किसान को न्याय देने की मांग की है ।

अब तक क्यो आगे नही आये शैलेश तिवारी 

हैरत की बात तो यह है कि इस पार्टी के अध्यक्ष शैलेश तिवारी हैं जोकि हिंदी भाषा जनता के लिए हमेशा ही लड़ने को तैयार रहते हैं परंतु इस बार उन्होंने चुप्पी साध रखी हुई है ऐसा लगता है कि मानो उनको इस मामले का तनिक भी आभास नही है आज तक उन्होंने मनोज राय के समर्थन में एक शब्द भी नही कहा वरन उनके ही पार्टी का एक पदाधिकारी कार्यवाई की मांग कर रहा है यह बात किसी के पल्ले ही नही पड़ रही है वही शैलेश तिवारी की चुप्पी लोगों को काफी खल रही है आखिर वे किस दबाव के कारण कुछ भी नहीं बोल रहे हैं और ना ही एक हिंदी भाषी की मदद करने के लिए ही आगे आ रहे हैं शैलेश तिवारी के इस रवैये से जनता में यह प्रश्न किया जा रहा है कि वह हिंदी भाषियों के समर्थक है या फिर उनके विरोधक ? वे इस मुद्दे में क्यो कुछ भी बोलने से कतरा रहे है और उनकी पार्टी के पदाधिकारी ऐसा क्यों कर रहे है इन सब के पीछे उनकी क्या मंशा है उनकी ही पार्टी का पदाधिकारी इस तरह कार्यवाई की मांग कर रहा है वह भी बिना उनके शह के यह तो मुमकिन ही नही है वही सूत्रों द्वारा यह भी बताया जा रहा है कि राहुल काटकर पार्टी अध्यक्ष शैलेश तिवारी के काफी करीबी है ।

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