जनकवि धूमिल के चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर हर्षोल्लास के साथ मनाया गया 84 वां जयंती

वाराणसी से संवाददाता त्रिपुरारी यादव कि रिपोर्ट 

वाराणसी, सेवापुरी ।। आराजी लाइन विकासखंड क्षेत्र के जंसा थाना अंतर्गत खेवली पांडेयपुर गांव स्थित उनके पैतृक आवास पर जनकवि धूमिल की पत्नी मुरता देवी तथा आगन्तुक साहित्यकारों, कवियों,रचनाकारों व समाज सेवियों द्वारा जनकवि धूमिल के चित्र पर माल्यार्पण कर हर्षोल्लास के साथ उनका 84 वां जयंती मनाया गया।जिसके दौरान पौधरोपण कर पर्यावरण को बचाने का संकल्प भी लिया गया। जयंती समारोह की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार रामेश्वर त्रिपाठी ने कहा कि कवि धूमिल उसी गवई भाषा,लोकोक्ति और मुहावरों के कवि थे।उनकी कविताएं गांव से चलकर सड़क से होते हुए संसद तक पहुंचती हैं जो साहित्यिक समाज को एक दिशा देती है।धूमिल के ज्येष्ठ पुत्र रत्नशंकर पांडेय ने कहा कि धूमिल की कविताएं सम सामयिक व्यवस्था पर गहरा प्रहार करती है।आये हुए साहित्यकारों ,कवियों, रचनाकारों के प्रति धूमिल के पुत्र रत्नशंकर पांडेय व आनन्द शंकर पांडेय ने स्वागत कर आभार प्रकट किया। इस अवसर पर वरिष्ठ साहित्यकार रामेश्वर त्रिपाठी, डॉक्टर प्रभाकर सिंह,डॉ राम सुथार सिंह,डॉ सदानंद सिंह, ओमप्रकाश सिंह "बबलू", पर्यावरण प्रेमी मनीष पटेल व अनिल इत्यादि वक्ताओं ने विचार व्यक्त किया।

रिपोर्टर

संबंधित पोस्ट