भिवंडी मनपा का एक क्लर्क निलंबित, पांच को कारण बताओ नोटिस जारी

उच्च न्यायालय मुंबई ने इमारत तोड़ देने के लिए दिया था आदेश। टैक्स विभाग के अधिकारियों ने इमारत पर लगा दिया टैक्स।

भिवंडी ।। भिवंडी शहर महानगर पालिका के टैक्स विभाग में फैले भष्ट्राचार व मनमाने कार्यभार को देखते हुए मनपा आयुक्त ने, एक इमारत के टैक्स प्रकरण में एक क्लर्क को निलंबित कर दिया है। वही पर बीट निरीक्षक, टैक्स विभाग प्रमुख, कार्यालय अधीक्षक, विधि अधिकारी तथा उपायुक्त (कर) को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। टैक्स विभाग में पहली बार कार्रवाई होने से भष्ट्राचार में लिप्त अधिकारियों व कर्मचारियों में हड़कंप मचा हुआ है। बतादें कि प्रभाग समिति क्रमांक एक अंर्तगत नांगाव के सर्वे नंबर 2-9, 78 पैकी,79/2 पैकी,93/1 पैकी, 93/07 पैकी, भु.क्रमांक 33 व 34 पर अवैध रूप से बनी आठ मंजिला इमारत निष्कासित करने के लिए उच्च न्यायालय मुंबई में याचिका क्रमांक 608/2017 दाखिल थी। उच्च न्यायालय की खंडपीड ने 11 दिसम्बर 2019 में याचिका की सुनवाई के दरमियान उक्त जगह पर बनी इमारत के तीसरे मंजिल से लेकत आठ मंजिल तक यानी कुल 06 मंजिल को 04 सप्ताह के भीतर तोड़ देने के लिए आदेश जारी किया था। जिसके कारण तत्कालीन आयुक्त ने सहायक आयुक्त प्रभाग समिति क्रमांक एक व विधि अधिकारी को न्यायालय के आदेश का पालन करने के निर्देश दिया था। वही पर प्रभाग समिति क्रमांक 01 के तत्कालीन सहायक आयुक्त ने वर्ष 2017 मे इमारत की कर आकारणी नहीं करने के लिए कर मूल्यांकन विभाग को लिखित रूप से पत्र जारी किया था। न्यायालय के आदेशानुसार तत्कालीन उपायुक्त (अति व अ.बां.) ने शहर विकास विभाग प्रमुख व सहायक आयुक्त तथा बीट निरीक्षक को इमारत निष्कासित करने के लिए वर्ष 2017 में निर्देश दिया था। जिसके कारण प्रभाग समिति के तत्कालीन सहायक आयुक्त व बीट निरीक्षक ने शांतिनगर पुलिस थाना से बंदोबस्त लेकर इमारत तोड़ने का काम शुरू किया था। किन्तु मनपा प्रशासन के पास इमारत निष्कासित करने के लिए समुचित व्यवस्था व सामग्री नहीं होने के कारण इमारत निष्कासित करने का काम अधर में लटका रहा । लगभग एक महीने तक इमारत के कई हिस्सों को मनुष्य बल व हथौड़ा के सहारे तोड़क कार्रवाई हुई थी।किन्तु सदर इमारत संबंधी वर्ष 2021 में कर मूल्यांकन विभाग के क्लर्क सुनिल बाला साहेब कांबले ने उच्च न्यायालय के आदेश का उल्लंघन करते हुए उक्त इमारत की कर आकारणी करने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों के पास प्रस्ताव बनाकर सादर किया तथा मार्च 2021 में उक्त इमारत की कर आकारणी करने का प्रस्ताव को उच्च अधिकारियों ने मान्यता देते हुए कर आकारणी कर दी।‌ वही पर क्लर्क सुनिल कांबले ने कर आकारणी प्रस्ताव में उच्च न्यायालय के प्रकरण का भी उल्लेख किया था। उच्च न्यायालय मुंबई तथा वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा दिये गये दिशानिर्देश का जानबूझकर उल्लंघन किया। जिसके कारण मनपा आयुक्त सुधाकर देशमुख ने मंगलवार शाम कर मूल्यांकन विभाग में कार्यरत क्लर्क सुनील कांबले को निलंबित कर दिया है। वही पर तत्कालीन उपायुक्त (कर) नूतन खाड़े, विधि अधिकारी अनिल प्रधान, तत्कालीन कर मूल्यांकन विभाग प्रमुख गिरीष घोष्टेकर, तत्कालीन प्रभाग समिति क्रमांक एक के सहायक आयुक्त बालाराम जाधव, व बीट निरीक्षक विराज भोईर को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

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मनपा सुत्रों के अनुसार मनपा मुख्यालय के कर मूल्यांकन विभाग में संपत्ति टैक्स लगाने के लिए कर दाताओ द्वारा निवेदन पत्र,संबंधित कागज पत्र दिया जाते है जिसके बाद विभाग में कार्यरत क्लर्क उनके निवेदन का प्रस्ताव बनाकर उच्च अधिकारियों के पास सादर करते है। जिस पर कर आकारणी करना अथवा टैक्स लगाना वरिष्ठ अधिकारियों का काम होता है। क्लर्क के प्रस्ताव को रद्द करने का अधिकार भी उपायुक्त (कर) के पास होता है। किन्तु इस प्रकरण में तत्कालीन उपायुक्त (कर)  नूतन खाड़े ने प्रस्ताव रद्द ना करते हुए मान्यता दी है और टैक्स आर्डर में भी उच्च न्यायालय द्वारा दिये गये निर्देश का उल्लेख किया गया है। किन्तु उच्च अधिकारियों पर कार्रवाई करने के बजाय क्लर्क सुनील कांबले को बलि का बकरा बनाया गया है। 

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