प्रभाग समितियों में हजारों संपत्तियों का पंजीकरण नही।

भिवंडी।।‌ भिवंडी निजामपुर शहर महानगर पालिका के करमूल्यांकन व कर निर्धारण विभाग को नयें संपत्तियों  का टैक्स निश्चित करना और टैक्स लगाने का एकमेव अधिकार पालिका आयुक्त ने दे रखा है। किन्तु विभाग में फैले भष्ट्राचार के कारण नयें संपत्तियों पर लगे टैक्स आर्डर को प्रभाग समितियों में नही भेजने से प्रभाग के रजिस्टर में हजारों की संख्या में संपत्तियों का पंजीकरण नहीं हो सका है। जिसके कारण कर दाताओं को अर्सिमेंट उतारा नहीं मिलने ने उनके जरूरी काम अधर में लटके हुए है। बतादें कि भिवंडी पालिका प्रशासन ने कुछ माह पूर्व प्रभाग स्तर पर भूभाग लिपिकों द्वारा संपत्तियों का सर्वे करवाया गया था। जिसमें हजारों की संख्या में टैक्स से वंचित संपत्तियां मिली थी। इसमें वाणिज्य व रहिवासी दोनों का समावेश था। इसके आलावा कई नयें कर दाताओं ने अपनी बहुमंजिली इमारतों का टैक्स भी लगवाया था। किन्तु कर मूल्यांकन व कर निर्धारण विभाग द्वारा जारी संपत्तियों के टैक्स आर्डर को प्रभाग कार्यालयों में नही भेजा गया। जिसके कारण हजारों की संख्या में संपत्तियों का आर्डर रजिस्टर में पंजीकरण से वंचित है। सुत्रों की माने तो विभाग में बैठे भष्ट्र अधिकारी जानबूझकर कर नये संपत्तियों के टैक्स आर्डर को प्रभाग कार्यालयों में नहीं भेजते, ताकि संपत्तियों का खुलासा ना हो सकें। यही नहीं ज्यादातर टैक्स आर्डर को कंप्यूटर में फिट तक नहीं किये जाते। फ़ाइलें वैसे पेडिंग रखी जाती है। दो चार साल बीत जाने के बाद कर दाताओं को उसी संपत्ति का नया नंबर देकर नयें तरीके से पुन: टैक्स लगाने का सलाह विभाग में बैठे अधिकारियों द्वारा दी जाती है। इस भष्ट्राचार‌‌ के खेल में पालिका के अधिकारियों की मोटी कमाई होती  है किन्तु पालिका के राजस्व में बड़े स्तर पर नुकसान होता रहा है। शहर के जागरूक नागरिकों ने संपत्तियों‌ पर टैक्स लगाने सहित अन्य कार्यों को प्रभाग स्तर पर शुरू करने की मांग किया है। जिसके कारण उनके संपत्तियों के क्षेत्रफल,नाम रजिस्टर में पंजीकरण हो सकें।

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