धार्मिक कथा स्थल के मुख्य द्वार का नाम बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जी के नाम पर रखना अनुकरणीय एवं स्वागत योग्य पहल

राजगढ़ ।।  26 जून से राजगढ़ जिले के अंतर्गत खिलचीपुर में बागेश्वर धाम के विख्यात कथावाचक श्री धीरेंद्र शास्त्री जी की कथा का आयोजन किया गया है कथा आयोजकों द्वारा कथास्थल पर अनुसूचित जाति एवं जनजाति सहित सभी समाजो के  महान संत महापुरुष एवं स्वतंत्रता सेनानियों जिन्होंने आध्यात्मिक क्षेत्र में एवं सामाजिक समरसता के क्षेत्र में साथ ही देश की रक्षा के लिए,आजादी प्राप्त करने के लिए, स्वतंत्रता सेनानी के रूप में अपना बलिदान देने वाले  महापुरुषों के द्वार बनाकर समरसता का संदेश देने का कार्य किया गया है संत के रूप में आध्यात्मिक क्षेत्र के माध्यम से सामाजिक समरसता का संदेश देने वाले श्री वाल्मीकि जी, संत श्री रविदास जी, संत श्री कबीर दास जी, के चित्र परिसर में लगाए गए है इसी प्रकार नारी शिक्षा के क्षेत्र में काम कर शिक्षा की क्रांति लाने वाले ज्योतिबा फुले-सावित्रीबाई फुले के द्वार भी कथास्थल पर बनाए गए हैं इतना ही नही  देश की आजादी में अपना सर्वस्व न्योछावर कर प्राणों का बलिदान देकर देश के स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले श्रद्धेय बिरसा मुंडा जी, श्रद्धेय मामा टंट्या भील जी, श्रद्धेय राणा पूंजा भील जी के चित्र व जीवन परिचय भी  बनाकर इन के श्री चरणों में श्रद्धा सुमन अर्पित करने का पुनीत कार्य कथा आयोजकों द्वारा किया गया है। इसी दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाते हुए आयोजकों द्वारा अनेक संघर्षों को सहते हुए जीवन पर्यंत हिंदू समाज को एकजुट बनाए रखने के लिए आवश्यक सामाजिक समरसता, सद्भावना एवं सौहार्द्र के लिए कार्य करने वाले अनुसूचित जाति वर्ग के मसीहा एवं समाज के सभी वर्गों के श्रद्धा के केंद्र बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी का मुख्य द्वार बनाया गया है निश्चित तौर पर यह कदम सामाजिक समरसता के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम है क्योंकि समाज के अंदर लंबे समय से दो प्रकार की शक्तियां सदैव काम करती रही है एक शक्ति सकारात्मक कार्य एवं विचार के माध्यम से समाज को एकजुट बनाए रखने के लिए सामाजिक समरसता के क्षेत्र में लगातार काम करती रही है वहीं दूसरी शक्ति नकारात्मक कार्य एवं विचारों के माध्यम से अपने निजी स्वार्थों के लिए समाज को तोड़ने का काम लगातार कर रही  परंतु सामाजिक समरसता के क्षेत्र में कार्य कर रही ऐसी शक्तियों के समूह के प्रयासों का यह प्रतिफल है कि आज समाज का प्रत्येक वर्ग बाबा साहब के व्यक्तित्व और उनके विचारों से प्रेरित है और जैसा भारत बाबा साहब बनाना चाहते थे जिसमें समाज के सभी वर्गों में आपसी प्रेम, भाईचारा, सौहार्द्र एवं एक दूसरे की मदद करने की भावना हो बाबा साहब के सपनों का भारत बनाने की दिशा में कथा आयोजकों द्वारा उठाया गया यह कदम अनुकरणीय एवं स्वागत योग्य है और इससे प्रेरित होकर भविष्य में अन्य वर्ग भी जो बाबा साहब के विचारों और व्यक्तित्व से प्रभावित हैं और उनके आदर्श विचारों के प्रति अपनी आस्था रखते वह इस प्रकार के आयोजनों में उन्हें सम्मान देने का कार्य करेंगे *परंतु कुछ तथाकथित लोगों द्वारा सामाजिक समरसता और सद्भावना के क्षेत्र में उठाए गए इस कदम कि अपने निजी स्वार्थों एवं एवं राजनीतिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए विरोध किया जा रहा हैं जो कि निश्चित तौर पर निंदनीय है

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