भिवंडी में उद्घाटन की होड़: चुनावी मौसम में विकास का दिखावा या जनता की सेवा ?

भिवंडी। जैसे ही विधानसभा चुनावों का शंखनाद होने वाला है,भिवंडी के पूर्व और पश्चिम विधानसभा क्षेत्रों में विकास कार्यों के उद्घाटन का सिलसिला तेज हो गया है। ऐसा प्रतीत होता है कि चुनाव के नजदीक आते ही राजनीतिक नेता जनता के समक्ष अपनी उपलब्धियों को गिनाने के लिए अचानक सक्रिय हो गए हैं।

पूर्व विधानसभा क्षेत्र की स्थिति :::::

भिवंडी पूर्व विधानसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक रईस शेख अपने कार्यकाल के अंतिम दिनों में जोरशोर से विकास परियोजनाओं के उद्घाटन कर रहे हैं। उनके द्वारा स्कूलों,आरसीसी सड़कों, गटर निर्माण,और हेल्थ क्लब के उद्घाटन किए जा रहे हैं। उनके इस अचानक सक्रियता को लेकर शहर में कई सवाल उठ रहे है। लोगों का मानना है कि चुनाव नजदीक आते ही विधायकों को अपने क्षेत्र की जनता की याद आती है और वे ताबड़तोड़ उद्घाटन के जरिए वोट बैंक को साधने का प्रयास करते हैं।

पश्चिम विधानसभा की स्थिति :::

दूसरी ओर भिवंडी पश्चिम विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक महेश चौघुले भी अपने दस साल के कार्यकाल को किनारे रखकर अब सड़कों, पुलों और जिम का उद्घाटन करने में जुटे हुए हैं। उन्होंने चुनावी मैदान में उतरने से पहले अपने कार्यकाल के अंतिम दिनों में विकास परियोजनाओं को जनता के बीच रखने का अभियान छेड़ दिया है। यह प्रयास उन्हें आगामी चुनाव में कितना फायदा पहुंचाएगा, यह समय ही बताएगा।

जनता का नजरिया :

शहर में दोनों विधायकों के इस अचानक उद्घाटन अभियान को लेकर मिश्रित प्रतिक्रियाएं हैं। कुछ लोग इसे नेताओं की देर से जागी सक्रियता का प्रतीक मान रहे है।जबकि कुछ का कहना है कि यह चुनावी मौसम में वोट बटोरने का साधन मात्र है। कई स्थानों पर यह भी चर्चा है कि जो काम वर्षों से लंबित थे, वे अचानक चुनाव के नजदीक आते ही पूरे हो रहे है। जिससे साफ संकेत मिलता है कि जनता को लुभाने का यह एक बड़ा प्रयास है।

चुनाव में कितना कारगर होगा यह प्रयास ?‌:::

यह देखना दिलचस्प होगा कि यह उद्घाटन अभियान आगामी चुनाव में विधायकों के लिए कितना कारगर साबित होगा। जनता के सामने अपने किए गए विकास कार्यों को प्रस्तुत करना एक सामान्य रणनीति है,लेकिन क्या जनता इसे एक सकारात्मक दृष्टिकोण से देखेगी या इसे केवल चुनावी दिखावा मानकर नकार देगी, यह आने वाला चुनाव परिणाम ही तय करेगा। उद्घाटन के इस दौर ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भिवंडी में चुनावी माहौल गर्म हो चुका है। विकास कार्यों की गति अचानक तेज हो गई है,।लेकिन असली सवाल यह है कि क्या जनता इन परियोजनाओं को वास्तविक प्रगति के रूप में देखेगी या फिर इन्हें केवल चुनावी स्टंट मानकर नकार देगी ?.

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