भिवंडी मनपा में तबादला घोटाला ! रिश्वतखोरी के दलदल में डूबा प्रशासन। कर्मचारी भड़के – आंदोलन की चेतावनी

भिवंडी। भिवंडी -निजामपुर शहर महानगरपालिका में भ्रष्टाचार की गूंज अब सड़कों तक पहुंचने वाली है ! रिश्वतखोरी और मनमाने तबादलों ने कर्मचारियों के सब्र का बांध तोड़ दिया है। लाचलुचपत विभाग की छापेमारी अब रोजमर्रा की बात हो गई है, लेकिन सवाल ये उठता है –आखिर ये खेल कब तक चलेगा?

सूत्रों के मुताबिक, कुछ भ्रष्ट अधिकारी और कर्मचारी मोटी रकम देकर अपनी मनचाही पोस्टिंग खरीद रहे हैं, जिससे ईमानदार और वरिष्ठ कर्मचारियों के हक पर डाका डाला जा रहा है। खासतौर पर स्वच्छता विभाग में तबादलों की सुनामी आई हुई है ! एक ही दिन में कई-कई तबादले हो रहे हैं, और अगर किसी को मनपसंद जगह नहीं मिलती, तो तुरंत ऑर्डर कैंसिल कर नई लिस्ट जारी कर दी जाती है।

भिवंडी मनपा में बैठे "प्रभारी अधिकारियों" पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं। पिछले डेढ़ साल में इन अधिकारियों ने काले धन की गंगा बहाकर अकूत संपत्ति जमा की है ! अब इस मामले ने तूल पकड़ लिया है और कामगार नेता महेंद्र कुंभारे ने उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और मुख्य सचिव से इनकी संपत्ति और भत्तों की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।

कर्मचारियों का अल्टीमेटम – 8 दिन में नहीं हुई कार्रवाई तो भिवंडी की सड़कों पर गूंजेगा आक्रोश ! ::::::::

मनमाने तबादलों से त्रस्त कर्मचारी अब आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं। यूनियन के पास रोजाना शिकायतों का अंबार लग रहा है और अब कर्मचारियों ने साफ ऐलान कर दिया है – अगर अगले 8 दिनों में ये फर्जी प्रभारी नियुक्तियां रद्द नहीं हुईं, तो भिवंडी मनपा मुख्यालय के बाहर विशाल आंदोलन और भूख हड़ताल होगी ! भिवंडी मनपा को भ्रष्टाचार के शिकंजे से मुक्त करने की मुहिम अब केवल कर्मचारियों तक सीमित नहीं रही। शहर की जनता भी इस आंदोलन में शामिल होगी, और कई सामाजिक संगठनों ने इसे अपना समर्थन दिया है। अब सवाल ये है – क्या भ्रष्ट अधिकारियों की कुर्सी बचेगी या जनता का गुस्सा उन्हें उखाड़ फेंकेगा ? भिवंडी की जनता और कर्मचारी अब आर-पार की लड़ाई के लिए कमर कस चुके हैं। आने वाले दिनों में भिवंडी की सड़कों पर क्या होगा? प्रशासन कार्रवाई करेगा या आंदोलन की ज्वाला भड़केगी ? यह देखना अब बेहद दिलचस्प होगा!

रिपोर्टर

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