मुल्‍क में अमन और शांति की दुआ के साथ भदोही में अदा की गयी ईदुलजुहा की नमाज

ज्ञानपुर,भदोही ।। भदोही मे ईदुलजुहा के त्‍योहार की खुशियों को मुस्लिम बंधुओं ने नमाज के बाद एक दूसरे को मुबारक बाद के साझा किया। सुबह होते ही सभी ने नए वस्त्रो के आगोश में लिपट कर ईदगाहो और मस्जिदों का रुख किया। छोटे, बड़े, बूढे जवान सभी ने ईद उल फितर की नमाज अदा करके एक दूसरे को इस त्यौहार की मुबारक बाद दी। उसके बाद अल्लाह की राह में हर घरो में कुरबानी दी गई। बच्‍चों ने भी नमाज में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। ईदुलजुहा की नमाज अदा करके सभी ने देश में खुशहाली और अमन चैन की दुआ मांगी। इस्लाम धर्म में ऐसी मान्यता है की  ईदुलजुहा के दिन नमाज पढ़ने के बाद कुरबानी दी जाती है, अल्लाह ताला की रहमो करम बनी रहती है। भदोही के हाफिज शाहनवाज ने ईदुलजुहा की नमाज अदा करके देश में खुशहाली और अमन चैन की दुआ मांगी। उन्होंने अपने दुवा में कहा कि कश्मीर के बहके हुए युवाओं को भारत के साथ जुड़कर एकता की मिसाल पेश करना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि नमाज से हर बंदा अल्लाह के प्रति अपने समर्पण और इबादत का इज़हार करता है ऐसे में साल भर में ईद की नमाज़ अता करने का अपना अलग ही महत्व है।

ईदुलजुहा की विशेष नमाज़ के लिये भदोही के इबादतगाहों में खासी रौनक और भीड़ रही। क्या बच्चे और क्या बुजुर्ग सभी ईदगाह और मस्जिदों में जाकर विशेष नमाज़ में शामिल होते दिखे। भदोही में भी इस मौके पर लाखों नमाजियों ने विशेष नमाज़ पढ़ी और अल्ला ताला को याद किया और अल्लाह की राह में कुरबानी दी। सभी लोगों ने मुल्क की खुशहाली और अमनो अमन के लिए परवर दिगार से दुआ मांगी। जिले में बकरा ईद त्यौहार के पर्व पर भदोही डीएम एसएसपी नगर पालिका अध्यक्ष एसडीएम भदोही अभय कुमार अपर पुलिस अधीक्षक आरके वर्मा उपपुलिस अधीक्षक भूषण वर्मा थाना कोतवाल ए.के.राय. समेत भारी संख्या में जनपद के गणमान्य अधिकारियों एवं संभ्रांत नागरिकों के बीचईद उल अजहा बकराईद पर्व नगर व आस पास ग्रामीण क्षेत्रो में अकीदत व एहतेराम से मनाया गया।विभिन्न ईदगाहो में नमाज अदा करने के पश्चात मुस्लिम बंधु ईश्वर की राह में जानवरो की कुर्बानी दी।अजीमुल्लाह चौराहे पर नगर पालिका के कैम्प में डीएम राजेन्द्र प्रसाद, एसपी राजेश एस सहित पालिकाध्यक्ष अशोक जायसवाल व ईओ जी लाल सहित समाजसेवियों ने नमाजियों को बकराईद की बधाई दी।समाजसेवी व   खुद्दाम ए हज समिति प्रदेश अध्यक्ष नामित सदस्य नपा हाजी आजाद खान बापू ने कहा कि बकराईद पर्व हमे त्याग बलिदान व समर्पण का संदेश देता है।कुर्बानियो का पर्व बकराईद हजरते इस्माइल अलैहिस्सलाम की सुन्नत है।जिसे अकीदत से मनाया जाता है।डीएम व एसपी ने पालिका कैम्प में उपस्थित होकर ईदगाह से नमाज अदा कर निकलने वाले नमाजियों को पर्व की बधाई दी।पालिकाध्यक्ष ने छोटो बच्चो में टाफियां बाटी।इसी तरह नगर पंचायत नईबाजार में ईदगाह स्थित नगर पंचायत की ओर से कैम्प आयोजित कर मुस्लिम बंधुओ को बधाई दी।पंचायत अध्यक्ष विजय सोनकर ने सभी को पर्व की बधाई दी।इधर सुबह जानवरो के कुर्बानी के बाद दिन भर सेवई खाने खिलाने का दौर चला।पर्व का खास यह रहा कि हिंदु भाईयों ने मुस्लिम अपने दोस्तों के घर जाकर सेवई खाई।और बधाई दी।खुदा की राह में सबसे अजीज चीज कुर्बानी देने का पर्व ईद- उल -अजहा (बकरीद) समूचे जनपद में अकीदत के साथ मनाई गई।सुबह ईदगाहों और मस्जिदों में लोगों ने विशेष नमाज अदा की। इस दौरान अकीदतमन्दों ने मुल्क की सलामती और खुशहाली की दुआ मांगी। एक दूसरे से गले मिलकर त्योहार की मुबारकबाद दी। सुबह 8:00 बजे से 10:00 बजे तक ईदगाह और विभिन्न मस्जिदों में ईद उल अजहा की विशेष नमाज अदा की गई। नमाज पढ़कर ईदगाह व मस्जिद में से निकले लोगों ने एक दूसरे के गले मिलकर तोहार की मुबारकबाद देने के पश्चात खुदा की राह में बकरों की कुर्बानी दी। नमाज के बाद बाहर निकले लोगों ने मिलकर  बच्चों के साथ-साथ कहीं न कहीं लोग विशेष मेले में जमकर लुफ्त उठाया। बच्चों ने ज्यादातर झूलों का आनंद लिया। वहीं लोग खरीददारी में जुटे रहे।ज्ञानपुर नगर में ईद-उल-अजहा की नमाज सुबह 8:00 बजे पुरानी बाजार ज्ञानपुर के ईदगाह में हजरत मौलाना नजीर आलम (प्रिंसिपल मदरसा अरबिया नजीबुल उलूम) ने किबला इमामत फरमाया। इस मौके पर हजारों लोगों ने एक साथ शामिल होकर नमाज अदा की। गौरतलब है कि कुर्बानी की रस्म अदा करने के बाद उसे तीन हिस्सों में बांटने की परंपरा है। जिसका एक हिस्सा यतीमों-गरीबों में, दूसरा रिश्तेदारों में व तीसरा हिस्सा परिवार के लिए रखा जाता है। कुर्बानी का यह पर्व अभी मंगलवार और बुधवार यानी तीन दिन और चलेगा। मदरसा अरबिया नजीबुल उलूम के मौलाना नजीर आलम ने बताया कि ईद उल अजहा मनाने का मकसद दूसरों की खुशी के लिए खुद को बलिदान कर देना है। बताया कि हजरत इब्राहिम अलै० अपने पुत्र हजरत इस्माइल अलै०को इसी दिन खुदा के हुक्म पर कुर्बान करने जा रहे थे। तभी अल्लाह ने उनके पुत्र को जीवनदान दे दिया। उसी की याद में यह कुर्बानी का पर्व मनाया जाता है। इससे यह सीख मिलती है कि दूसरों की खुशी में यदि खुद को भी कुर्बान करना पड़े तो पीछे नहीं हटना चाहिए।इसी प्रकार  गोपीगंज नगर में भी त्याग और बलिदान का पर्व ईद-उल- अजहा पारंपरिक हर्षोल्लास पूर्वक मनाया गया। इस मौके पर मुस्लिम समुदाय ने बकरों की कुर्बानी देकर पाक परवरदिगार से मुल्क और समाज की सलामती की दुआ की। ईद-उल-अजहा को लेकर नगर में नमाज का प्रोग्राम गेराई़ स्थित ईदगाह में अदा किया गया। अपनी तकरीर में जामा मस्जिद के इमाम मौलाना अनीस ने कहा कि इन दिनों में अल्लाह के नजदीक कुर्बानी से पसंदीदा कोई अमल नहीं है।कुर्बानी के जरिए अल्लाह की कुरबत हासिल होती है। अल्लाह की राह में अधिक से अधिक कुर्बानी की जानी चाहिए। बकरीद पर कुर्बानी करना सिर्फ उन मुसलमानों के लिए फर्ज होता है जो आर्थिक रूप से मजबूत होते हैं। इस्लाम की मान्यता के अनुसार हजरत इब्राहिम खुदा के हुक्म पर खुदा की राह पर अपने बेटे हजरत इस्माइल को कुर्बान करने जा रहे थे, उन्होंने जैसे ही अपने प्यारे बेटे की गर्दन पर आंख बंद करके छूूरी चलाई तो पुत्र की बजाए दुम्बे (बकरे की आवाज सुनी और आंख खोला तो देखा इस्माइल के बजाय दुम्बे (बकरे) की गर्दन कटी थी। अल्लाह ने इब्राहिम के इस नेक जज्बे को देखते हुए स्माइल की जान बख्श दी। इस्माइल की जगह बकरा कुर्बान हो गया था। इसी की याद में ईद उल अजहा का पर्व मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि रसूल के बताए तरीके पर दुनिया में मोहब्बत, भाईचारा, खुशाहाली फैले, हमें इसका पुरजोर प्रयास करना चाहिए।इस क्रम में फूल बाग गोपीगंज स्थित ईदगाह में पेश इमाम हाफिज मुर्तुजा ने ईद उल अजहा की नमाज अदा कराई। नमाज के बाद मुस्लिम समुदाय के लोगों ने अल्लाह की बारगाह में दोनों हाथों को बुलंदी से फैला कर देश में खुशहाली,मुल्क की तरक्की एवं आपसी सौहार्द और भाईचारे के लिए सामूहिक दुआ मांगी। जिले के जंगीगंज बाजार, कटरा, कोइरौना , खमरिया, माधोसिंह, घोसिया ,औराई ,बाबूसराय, उगापुर ,चौरी ,सुरियावा,  भदोही ,नई बाजार आदि  मस्जिदों व ईदगाहों में ईद उल अजहा की नमाज अकीदत के साथ पढ़ी गई और बकरीद का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।

रिपोर्टर

संबंधित पोस्ट