तो क्या ? मुख्यमंत्री ठाकरे का महाजॉब्स पोर्टल सिर्फ डोमिसाइल धारकों के लिए....

मुंबई ।। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र के लिए 'महाजॉब्स पोर्टल' की शुरुआत करते हुए कहा कि महाराष्ट्र में नौकरी करने के लिए अब निवास प्रमाणपत्र (डोमिसाइल) देना अनिवार्य होगा वही मुख्यमंत्री ठाकरे के इस बयान को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री सीएम योगी पर पलटवार भी माना जा रहा है जिसमें उन्होंने प्रवासियों के लिए माइग्रेंट पॉलिसी बनाने व उनके प्रदेश के श्रमिकों की जरूरत होने पर उप्र सरकार से संपर्क करने की बात कही थी ।

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने महाजॉब्स पोर्टल की शुरुवात करने के साथ ही कहा कि यह पोर्टल नौकरी देने वालों और नौकरी चाहने वालों के बीच एक पुल का काम करेगा। इसमें कंपनियां अपनी जरूरत के श्रमिकों की जानकारी डाल सकेंगी और श्रमिक अपनी योग्यता, अनुभव के साथ अपना पूरा परिचय डाल सकेंगे। राज्य के उद्योग मंत्री सुभाष देसाई के अनुसार श्रमिकों को अपनी शिक्षा, अनुभव, कौशल के साथ-साथ डोमिसाइल प्रमाणपत्र की भी जानकारी देनी होगी। उद्धव और देसाई ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान अन्य राज्यों के श्रमिक अपने घरों को चले गए थे। अब वे लौटने की इच्छा जता रहे हैं। महाजॉब्स पोर्टल पारदर्शी तरीके से उन्हें नौकरियां उपलब्ध कराने में मददगार होगा। महाराष्ट्र सरकार के उद्योग, श्रम एवं कौशल विकास मंत्रालयों के संयुक्त प्रयास से यह पोर्टल उद्योग क्षेत्र के हित को ध्यान में रखकर शुरू किया गया है। हालांकि इसमें शामिल डोमिसाइल की शर्त एक नया राजनीतिक विवाद खड़ा कर सकती है। क्योंकि महाराष्ट्र में डोमिसाइल प्रमाणपत्र उसी को दिया जाता है, जो कम से कम 10 वर्ष यहां रहने का प्रमाण दे सके। जबकि ज्यादातर उद्योगों में काम करनेवाले अस्थायी श्रमिकों के पास तो यहां का राशनकार्ड भी नहीं होता। ऐसे में डोमिसाइल प्रस्तुत कर पाना उनके लिए कतई संभव नहीं होगा ठाकरे का यह बयान अब क्या नया राजनीतिक रंग लाता है यह तो आनेवाला वक्त ही बता पायेगा दूसरी तरफ डोमिसाइल की शर्त से यहां के उद्यमियों में भी हलचल मची हुई है तिहाड़ी मजदूरी करनेवाले मजदूरो के चले जाने से कई व्यापारों पर भी खासा असर पड़ा है ठाकरे सरकार का यह नया फार्मूला कितना कारगर होगा और भविष्य में यह किस तरह का नया रंग दिखलायेगा यह सवाल राजनीतिक महकमे में उफान पर है ।

रिपोर्टर

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