
गर्भवती महिला का उपचार से मना करने पर पालिका प्रशासन ने जारी किया अस्पताल प्रबंधक को नोटिस।
- महेंद्र कुमार (गुडडू), ब्यूरो चीफ भिवंडी
- Jul 07, 2020
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भिवंडी।। कोरोना वायरस से बढ़ते दुष्प्रभाव के डर से कई प्राइवेट अस्पतालों ने अस्पताल को बंद कर दिया है। जिसके कारण अन्य रोग से पीड़ित व्यक्ति भी उपचार के लिए दर दर भटक रहे है। समय पर उपचार नहीं मिलने से उनकी मृत्यु हो जा रही है। इस संकटकाल में अस्पताल प्रबंधको द्वारा अमानवीय कृत्य करने से सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने सभी प्राइवेट अस्पताल खुली रखने तथा सभी प्रकार के रोगियों का उपचार करने के लिए आदेश जारी किया है. इसके साथ भारतीय साथ रोग प्रतिबंध अधिनियम;1897 के कायदा 13 मार्च से लागू किया है।
भिवंडी मनपा प्रशासन ने 14 मार्च, सभी प्राइवेट अस्पताल प्रबंधको को नोटिस जारी कर इस संबंध में सुचना जारी किया है। इसके बावजूद भी कुछ अस्पताल प्रबंधको द्वारा मरीज़ों के उपचार नहीं करने तथा अस्पताल बंद होने की शिकायतें मनपा प्रशासन को मिल रही है। वर्तमान आयुक्त डाॅ. पंकज आशिया ने सभी अस्पताल प्रबंधको को बार बार विडियो संदेश जारी कर अस्पताल खुली रखने तथा सभी प्रकार के रोगियों का उपचार करने के आदेश जारी किया है। किन्तु सुप्रीम हॉस्पिटल 04 जुलाई को एक गर्भवती महिला का उपचार करने से इनकार कर दिया गया। हालांकि, वह महिला उसी अस्पताल में इलाज करवा रही थी. जिसके कारण उसकी हालत नाजुक हो गयी. जिसका विडियो सोशल मीडिया मिडिया पर वायरल हुआ। संकटकाल में कुछ सामजिक कार्यकर्ताओं द्वारा मरीज़ों के उपचार में मदद किया जा रहा है। जिससे मदद से उसका उपचार मुंबई के अस्पताल में चल रहा है। वही पर कांग्रेस पार्टी के नगरसेवकों ने इसका खुलकर विरोध करते हुए मनपा मुख्यालय गेट पर धरना आंदोलन किया गया था। तथा आयुक्त से मुलाकात कर इस प्रकार के अपराध करने वाले अस्पतालों पर कार्रवाई करने की मांग किया गया।
मनपा आयुक्त डाॅ. पंकज आशिया ने तत्काल कार्रवाई करते हुए सुप्रीम अस्पताल पर कारण बताऔ नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.इसके साथ ही कहा कि इस खुलासा जल्द करें अन्यथा भादंवि के धारा 188 के अंर्तगत फौजदारी गुनाह दाखल कर लाईसेंस रद्द किया जायेगा। इस प्रकार की जानकारी पालिका प्रशासन ने दिया है।
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