कर मूल्यांकन विभाग में फैले भष्ट्राचार के कारण मनपा की तिजोरी खाली

भिवंडी।। भिवंडी निजामपुरा शहर महानगर पालिका के मलाई वाला विभाग कर मूल्यांकन में कार्यरत कर्मचारियों के भष्ट्राचार व लापरवाह रवैया से मनपा प्रशासन की तिजोरी खाली पड़ी है.इस विभाग में भष्ट्राचार चरम सीमा पर है। सीसी - ओसी इमारत को भी टेक्स लागू करवाने के लिए पैसा देना पड़ता है.यही नहीं अवैध इमारतों को टेक्स लगवाने के लिए बकायदा एक भाव फिक्स किया गया है अगर पैसा नहीं तो टेक्स नहीं। इस विभाग में कार्यरत कर्मचारियों का यही मूलमंत्र बना चुका है.वही पर प्रभाग समितियों के भू- भाग, टेक्स वसूली लिपिको, मनपा के टेक्स वसूली के नाम पर अपनी वसूली करते हुई दिखाई पड़ते है जिसके कारण करोड़ों रुपया मनपा का टेक्स कर दाताओ के पास बकाया है।                           

आश्चर्य की बात है कि संपत्ति धारकों से नये टेक्स लगाने के नाम पर पैसे की मांग किया जाता है.जो मनपा प्रशासन को टेक्स देना चाहता है। पहले विभाग में कार्यरत कर्मचारियों को पैसा दें.बाद में मनपा प्रशासन का टेक्स का भुगतान करें.जिसके कारण बहुत से संपत्ति धारकों ने बिना टेक्स भरे ही संपत्तियों का इस्तेमाल करते रहे है। टेक्स चोरी की जानकारी होने के बाद भी मनपा कर्मचारी अपने हिस्से की रकम लेकर मनपा के राजस्व की नुकसान करते आ रहे है।

नये आसिमेंट के लिए फिक्स भाव से स्क्वायर फुट की मांग

मनपा क्षेत्र में प्रतिदिन अवैध निर्माण संपत्ति धारकों द्वारा किया जाता है इन अवैध संपत्ति धारकों से टेक्स लगाने के नाम पर अधिकारी फिक्स भाव से स्क्वायर फुट जोड़ कर पैसे की मांग करते है जिसके कारण संपत्ति धारकों को विवश होकर अधिकारियों को मोटी रकम देनी पड़ती है। शासन से आऐ नये नियमावली के अनुसार 00 से 600 स्क्वायर फुट तक संपत्ति धारकों को एक पट टेक्स, 600 से 1000 स्क्वायर फुट तक डेढ़ पट टेक्स तथा 1000 से ज्यादा स्क्वायर फुट की संपत्ति को तीन पट टेक्स लगाने का प्रावधान है। इसी प्रावधान को दिखाकर संपत्ति धारकों से एक पट संपत्ति टेक्स लगाकर मोटी रकम वसूल कर लिया जाता है।

साईजिग ,डाईग के टेक्स में बड़ा घोटाला :
मनपा परिक्षेत्र अंर्तगत लगभाग 200 डाईग,साईजिंग कंपनियां है जो ग्राम पंचायत, नगर परिषद व नगर पालिका के दरम्यान स्थापित हुई है. समय समय पर इन कंपनियों ने अपने संपत्ति का विस्तार किया तथा बिना टेक्स भरे ही संपत्ति का इस्तेमाल करते हुए आ रहा रहे। 2017 में तत्कालीन आयुक्त डां योगेश म्हासे ने इन कंपनियो के संपत्तियों की मोज माप कर नया टेक्स लगाने के लिए आदेश दिया था। जिसके फलस्वरूप इन कंपनियों का मोजमाप किया गया व नया टेक्स लगाकर इन्हें नोटिस भी जारी किया गया. किन्तु आश्चर्य की बात है आज तक इस नोटिस के हिसाब से ना तो टेक्स वसूल किया गया और ना तो टेक्स लागू किया गया। 
 
सुत्रों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार कंपनियो को जारी नोटिस में दर्शाया गया टेक्स को कम करने के लिए स्क्वायर फुट के हिसाब से पैसे की मांग किया जाता है जिसके कारण कंपनियाँ के मालिक टेक्स भरने के लिए कतराते है। बहुत सारी कंपनियों ने भष्ट्र अधिकारियों से सांठगांठ कर पुराना टेक्स ना भरते हुए 06 साल के पुराने टेक्स की रकम भरकर मनपा प्रशासन के करोड़ों रुपए के राजस्व नुकसान किया है।

मोटी कमाई के चक्कर में कर्मचारी कई वर्षों से एक ही विभाग में कार्यरत:
 मनपा के मलाई वाला मूल्यांकन विभाग में कई कर्मचारी या अधिकारी ऐसे भी है जो नेताओं व भष्ट्र अधिकारियों के सरंक्षण से इसी विभाग में कई वर्षों से कार्यरत हैं। इस पद पर रहकर मोटी मलाई नेताओं सहित अधिकारियों तक पहुंचाते रहते है जिसके कारण इन भष्ट्र कर्मचारियों पर अंकुश नहीं लगाया गया.
         
रिपब्लिकन पाटिल आँफ इंडिया (A) के भिवंडी शहर अध्यक्ष फहाद अंजुम शेख ने इस विभाग में फैले भष्ट्राचार का खुलासा करते हुए तथा अधिकारियों पर कार्रवाई करने के लिए मनपा आयुक्त डाॅ.पंकज आशिया व नगर सचिव से मांग करते हुए इस विभाग में कार्यरत सभी कर्मचारियों को दूसरे विभाग में ट्रांसफर कर भष्ट्राचार की जांच करने की मांग किया है।

रिपोर्टर

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