केंद्र सरकार की गलत नीतियों के कारण भिवंडी शहर के पावरलूम उद्योग भयंकर मंदी के शिकार - ग्यासूद्दीन अंसारी।

भिवंडी।।  देश में फैले कोरोना वायरस के कारण लगभग तीन महीने से पूरा देश तालाबंदी में था जिसके कारण सभी उद्योग, धंधे, कंपनियां ठप्प पड़ गयी थी.जिसमें यार्न बनाने वाली कंपनियों का  भी समावेश था.किन्तु धीरे धीरे कुछ प्राइवेट कंपनियां अपने उद्योग को चालू रखा.जिसके कारण उनका आर्थिक फायदा हुआ तथा सरकारी कंपनियां पूरी तरह से बंद रही. प्राइवेट यार्न कंपनियों के मालिक तथा मुंबई स्थित तांबा कांटा के कुछ व्यवसायी आपसी सांठगांठ से यार्न की कीमतें आसमान छू रही है.जिसके कारण भिवंडी व मालेगांव के कपडा व्यापारियों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है.किन्तु पावरलूम मालिक अपनी रोजी रोटी चलाने के लिए घाटे में व्यवसाय करने के लिए विवश हैं. इसके साथ ही यार्न के बढ़ती कीमतों के कारण अधिकांश पावरलूम उद्योग बंद होते जा रहे है.इसके साथ ही कुछ पावरलूम मालिक साप्ताहिक दो से तीन रजा देकर पावरलूम को चलाने के लिए मजबूर है.पावरलूम बंद होने के कारण अधिकांश मजदूर बेरोजगार होते जा रहे है। बतादें कि कुछ माह पूर्व टेक्सटाइल व कपड़ा मिनिस्टर स्मृति ईरानी का भिवंडी आगमन हुआ था. उस वक्त उन्होंने कपड़ा उद्योग से जुड़े प्रत्येक उद्यमी को मदद करने के लिए आश्वासन दिया था.किन्तु आज तक अमल नहीं किया गया.पावरलूम मालिकों की बढ़ती समस्या को देखते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के असंघटीत कामगार विभाग भिवंडी शहर अध्यक्ष ग्यासूद्दीन अंसारी ने सरकार से मांग किया है कि पावरलूम उद्योग सबसे ज्यादा रोजगार उपलब्ध करवाने वाला व्यवसाय है. जिसे देखते हुए बंद यार्न मीलों को सरकार तुरंत चालू करवाऐ. जिससे बंद हो रहे पावरलूम उद्योग को बचाया जा सकें. अन्यथा किसानों की तरह देश का बुनकर समाज और कामगार अपने हक व न्याय के लिए रास्ते पर उतरने के लिए  मजबूर होंगे।

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