
भिवंडी मनपा के प्रभाग समिति 04 अंर्तगत बीट निरीक्षक महेन्द्र जाधव के सरंक्षण में बन रही है अवैध इमारतें
- महेंद्र कुमार (गुडडू), ब्यूरो चीफ भिवंडी
- Aug 01, 2021
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भिवंडी।। भिवंडी शहर महानगर पालिका के प्रभाग समिति क्रमांक 04 में सबसे ज्यादा अवैध इमारतों के निर्माण व भष्ट्र प्रभाग के नाम से पहचाना जाता है.यही नहीं इस प्रभाग समिति कार्यालय में कर्मचारी भी कई ग्रुपों में बंटे हुए है.अधिकांश कर्मचारी किसी ना किसी नेता अथवा जनप्रतिनिधियों के सगे संबंधी अथवा दूर के रिश्तेदार होने के कारण प्रभाग में भारी भष्ट्राचार फैला हुआ है.उच्च नेताओं के संरक्षण प्राप्त कर्मचारियों पर मनपा प्रशासन कार्रवाई करने के बजाय उन्हें प्रमोशन देने के कार्य में जुटा हुआ है।
शहर विकास विभाग में फैला है भारी भष्ट्राचार :
प्रभाग समिति क्रमांक 04 सीमा अंर्तगत लगभग दर्जनों इमारतें अवैध रूप से निर्माणाधीन है.अवैध रूप से बन रही इन इमारतों पर शहर विकास विभाग में तैनात बीट निरीक्षक पद पर महेन्द्र जाधव ना तो कोई कार्रवाई करता हैं और ना तो अपने वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी जानकारी देता है.क्या कारण है कि एकता हॉस्पिटल, नाला पार, कनेरी, ईदगाह, दरगाह व आजमी नगर, भंडारी कंपाउंड आदि जगहों पर निर्माणाधीन अवैध इमारतों पर कार्रवाई नहीं किया गया ?
इसी प्रभाग के एकता हॉस्पिटल के पीछे तेली पाडा के गल्ली में मेहमूद उबेदुल्ला मोमिन नामक व्यक्ति खुली जमीन पर सात मंजिला टावरनुमा अवैध इमारत बनाने का काम शुरू किया है जिसका बांधकाम भी पांच मंजिल तक पूरा कर लिया है मनपा सुत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बन रही इस अवैध इमारत पर किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं किया गया है.एक कर्मचारी ने नाम नहीं छापने के शर्त पर बताया कि प्रभाग का एक रोड़ छाप कर्मचारी इसका संरक्षण किसी बड़े जनप्रतिनिधि अथवा नेता के इशारे पर करता आ रहा है इसकी चर्चा भी प्रभाग कार्यालय में खूब छाई हुई है।
जर्जर इमारतों के दुरुस्ती परमीशन व कार्रवाई में भी झोल :
मनपा से मिली जानकारी के अनुसार इस प्रभाग में कुल 289 जर्जर इमारतें हैं जिसमें सिर्फ 08 इमारतों पर मनपा का हथौड़ा चलाया है और 25 इमारतों के नल तथा पानी कनेक्शन खंडित किया गया है इसके साथ ही 34 जर्जर इमारतों को दुरुस्ती परमीशन भी दिया गया है.सुत्रों के मानें तो इस प्रभाग में सबसे ज्यादा अवैध इमारतों का निर्माण होता रहा है जिसे देखते हुए कई जमीन मालिकों को कायदा पहुँचाने के लिए उनसे सांठगांठ कर उनके जमीन पर बनी इमारतों में दादा परदादा के जमाने से रह रहे पगड़ी भाड़ेकरियों से इमारत खाली करवाने का ठेका भी वही रोड़ छाप कर्मचारी लेते आ रहा है।
इमारत तोड़ने तथा कार्रवाई नहीं करने पर नपे थे पूर्व बीट निरीक्षक उगड़े :
गत माह एक इमारत पर कार्रवाई नहीं करने व लापरवाही बरतने तथा भष्ट्राचार में लिप्त के कारण पूर्व बीट निरीक्षक उगड़े को तत्कालीन मनपा आयुक्त डाॅ.पंकज आशिया ने निलंबित कर दिया था.इसके बाद बीट निरीक्षक का पद कई महीने तक रिक्त पड़ा रहा.जिसके कारण पुनः अवैध इमारतें बनना शुरू हो गया था। जिसे देखते हुए उपायुक्त ने प्रभाग समिति क्रमांक 02 में कार्यरत क्लर्क महेन्द्र जाधव को प्रभाग समिति क्रमांक 04 में बीट निरीक्षक पद पर नियुक्त कर दिया. अनुभव विहीन और पैदल कर्मचारी महेन्द्र जाधव के साथ कामगार अमूल वारगडे को सहायक बीट निरीक्षक पद पर तैनात किया गया. इनके पद संभालने के बाद प्रभाग क्षेत्र में दनादन अवैध इमारतों का बांधकाम भी शुरू होगा.जिसका सबूत भी प्रत्यक्ष रुप से एकता हॉस्पिटल के पीछे बन रही सात मंजिला अवैध इमारत है। इस अवैध इमारत का पांच मंज़िल का बांधकाम पूरा हो जाने के बाद भी बीट निरीक्षक जाधव ने इमारत को अभी तक अवैध घोषित नहीं किया.जिसके कारण इमारत में मकान लेने वाले धोखाधड़ी के शिकार हो रहे है मनपा सुत्रों की माने क्लर्क से बने बीट निरीक्षक महेन्द्र जाधव जैसे ही पदभार ग्रहण किये,वैसे ही अवैध इमारतें बनना बदस्तूर जारी हो चुका है.रातदिन स्लैब पर स्लैब इमारतें पर चढ़ाऐ जा रहे है.इसमें भारी भष्ट्राचार होने से इनकार भी नहीं किया जा सकता है तेली पाडा एकता हॉस्पिटल के पीछे बन रही अवैध सात मंजिला इमारत पर मनपा द्वारा किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं होने से शहर के नागरिक अपने खुन पसीने की कमाई इस इमारत में एक मकान लेने में लगा दे रहे है.वही पर बिल्डर भी मोटी कमाई के चक्कर में घटिया सामग्री का इस्तेमाल कर आनन - फानन में इमारत का निर्माण में लगा हुआ है अगर इस इमारत से कुछ वर्षों के भीतर जिलानी बिल्डिंग जैसे हादसे की पुनरावृत्ति होती है तो इसका जबाव दार कौन होगा ? बन रही अवैध इमारत पर बीट निरीक्षक महेन्द्र जाधव क्यों मेहरबान है.क्या किसी राजनेता के डर से इमारत पर कार्रवाई करने से कतरा रहे है.या फिर आर्थिक लेनदेन हो जाने के कारण इस इमारत पर जानबूझकर कार्रवाई करने से वंचित रखा हुआ है ? ऐसे तमाम सवाल नागरिकों ने बीट निरीक्षक महेन्द्र जाधव पर उठाया है.क्या आयुक्त सुधाकर देशमुख सहायक आयुक्त सुनिल झलके स्वयं इसे संज्ञान में लेकर कार्रवाई करेंगे इस पर नागरिकों ने निगाहें बनाकर रखा हुआ है।
रिपोर्टर