कार्यालय अधीक्षक अधिकारियों की नियुक्ति नहीं होने से टैक्स वसूली व दैनिक कामकाजो में बाधा

भिवंडी।। भिवंडी निजामपुरा शहर महानगर पालिका के प्रभाग समिति कार्यालय दो और पांच में कार्यालय अधीक्षक नहीं होने के कारण कार्यालय के दैनिक कामकाजों सहित टैक्स वसूली में बाध्या उत्पन्न हो रहा है। वही पर प्रभारी प्रभाग अधिकारियों को भी कार्यालयों का अतिरिक्त काम का बोझ उठाना पड़ता है। प्रभाग अधिकारियों की कार्यालय में व्यस्तता के कारण भूमाफिया व बिल्डर बेखौफ होकर अवैध इमारतों पर दनादन स्लैब टू स्लैब मारते दिखाई देते है‌। सुत्रों की माने तो पहले शनिवार व रविवार छुट्टी के दिन अवैध इमारतों का निर्माण होता रहा है। किन्तु अब वही निर्माण बिल्डरों द्वारा दररोज खुलेआम किया जाता है.ऐसे निर्माणाधीन अवैध बांधकाम संबंधी नागरिकों की अनेक शिकायतों के बाद भी प्रभाग अधिकारी काम की व्यस्ता का बहाना बताकर कार्रवाई करने के लिए कतराते है। भिवंडी मनपा के प्रभाग समिति क्रमांक दो लगभग एक वर्ष से इसी तरह प्रभाग समिति क्रमांक पांच लगभग सात महिने से कार्यालय अधीक्षक का पद रिक्त पड़ा है। जिसके कारण नागरिकों व करदाताओं की संपत्तियों संबंधी काम काज बहुत ही मंद गति से किया जाता है। सुत्रों की माने तो उच्च अधिकारियों द्वारा जानबूझकर इन खाली पड़े पदों पर अधीक्षक अधिकारियों की नियुक्ति नहीं की जा रही है। जैसे मनपा के अधिकांश विभागों में प्रभारी अधिकारियों के सहारे कामकाज चलाऐ जाने की परंपरा चल पड़ी है। जिसके कारण रिश्वतखोरी व भष्ट्राचार अपने चरम स्थान पर है। मनपा के करमुल्यांकन विभाग में अधिकारियों द्वारा करदाताओं से संपत्ति टैक्स लगाने के नाम पर खुलेआम रिश्वत की मांग की जाती है। जिसकी कई शिकायतें के बाद भी अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाई नही की गयी। इसके आलावा आश्चर्य की बात यह की निलंबित चल रहे कई अधिकारी काम करने के लिए इच्छुक है किन्तु भष्ट्र प्रशासन के कारण इन्हें काम पर वापस नहीं लिया गया। जिसे काम पर वापस भी लिया जाता है उन्हें जानबूझकर उनके मूल पदों पर नियुक्ति कर दी जाती है। बतादें कि प्रभाग समिति क्रमांक दो में सोमनाथ सोष्टे कार्यालय अधीक्षक के रुप में कार्यरत थे। किन्तु उन्हें कुछ माह पूर्व निलंबित कर दिया गया। इसके साथ ही प्रभाग समिति क्रमांक पांच में कार्यरत कार्यालय अधीक्षक सुनिल भोईर को आपत्ति व्यवस्थापक प्रमुख बनाऐ जाने से कार्यालय अधीक्षक का पद रिक्त पड़ा है। ताज्जुब की बात यह है कि जो कौसिल अथवा अधिकारियों को मलाई पहुंचाता है उन्हें मलाई वाले पदों पर नियम कानून को ताक पर रखकर कई वर्षा से एक ही विभाग व एक ही पद पर नियुक्ति रखा जाता है। यही नहीं शासन से आऐ सहायक आयुक्तों को मनपा मुख्यालय में नियंत्रण अधिकरी तथा विभिन्न विभागों के प्रमुख का कार्यभार सौंप दिया गया है। उनके मूलपद पर प्रभारी सहायक आयुक्तों की नियुक्ति कर प्रभाग समितियों का कार्यभार चलाया जा रहा है। इनके नियुक्ति को लेकर सत्ता पक्ष व विपक्ष दोनों खामोशी बनाऐ हुए है। इस प्रकार का आरोप जागरूक नागरिकों ने लगाते हुए मनपा आयुक्त के दोनों प्रभाग समितियों में कार्यालय अधीक्षक की नियुक्ति करने की मांग की है.

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