भिवंडी पालिका का अजीबोगरीब कारनामा उजागर एक रूपये के वार्षिक भाड़े में पालिका प्रशासन ने कचरा ठेकेदार को दिया करोड़ों रूपये कीमत के वाहन

भिवंडी।। भिवंडी निजामपुर शहर महानगर पालिका प्रशासन ने सदैव आर्थिक तंगी को रोना रोती रही है। वही पर महानगर पालिका का एक अजीबोगरीब कारनामा उजागर हुआ है। हाल में करोड़ों रूपये खर्च कर शहर में कचरा उठाने का ठेका एक निजी कंपनी को दिया गया‌‌ है, वही पालिका प्रशासन ठेकेदार पर मेहरबान होकर अपने करोड़ों रूपये कीमत के वाहन भी उस ठेकेदार को वार्षिक एक रूपये भाड़े पर दे दिया है। जो शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है। बतादें कि भिवंडी पालिका प्रशासन ने सूखा व गीला कचरा उठाने के लिए आर.एंड बी.इन्फ्रा प्रोजेक्ट प्रा.लिमिटेड कंपनी को प्रति टन 1229 रूपये प्रमाणे मंजूर कर 6 वर्ष के लिए ठेका दिया है। जिसका भुगतान ठेकेदार को पालिका दरवर्षी 22 करोड़ 75 लाख 74 हजार 527 रूपये करेगी।
 
पालिका प्रशासन ने वर्ष 2020 में विभिन्न विकास निधियों से 3 करोड़ 25 लाख रूपये कीमत के 50 घंटा गाडियां और 6 करोड़ 25 लाख 61 हजार रूपये कीमत के 23 रेफ्युज कलेक्टर कुल 10 करोड़ कीमत के वाहन खरीदा था जो गोदामों में धूल खा रही थी। उसे मात्र एक रूपये वार्षिक भाड़े में ठेकेदार को पालिका प्रशासन ने भाड़े तत्वावर पर दे दिया है। स्थायी समिति के सदस्य अरूण राउत ने कहा कि देश की पहली महानगर पालिका भिवंडी है जहां पर अपने वाहनों को मात्र एक रुपये के वार्षिक भाड़े पर ठेकेदार को उपलब्ध कराया है। वही पर उन्होंने बताया कि डंपिंग ग्राउंड में पिछले दो वर्षों से वजन कांटा बंद पड़ा हुआ है तो ठेकेदार कचरा को कहां वजन करेगा ? इस ठेका में बड़ा भष्ट्राचार होने से इनकार नहीं किया जा सकता है। इसमें अधिकारी व जनप्रतिनि दोनों शामिल है। इस प्रकार का आरोप अरूण राऊत ने लगाया है। 

भिवंडी पालिका प्रशासन ने अॅथनी बेस्ट हॅडलिंग व भूमि बेस्ट हॅडलिंग को कचरा उठाने का ठेका इसके पूर्व में दिया था किन्तु नगरसेवकों द्वारा कचरा नही उठाने का आरोप लगाकर ठेका रद्द करवा दिये गये थे। इसके बाद से पालिका प्रशासन निजी वाहन ठेकेदार नियुक्त कर 90 घंटा गाडियां, 15 डंपर , 5 जेसीबी भाड़े पर लेकर वर्ष 2014 से शहर से कचरा ढुलाई का काम कर रही थी। इस कार्य में पालिका प्रशासन दर माह लगभग एक करोड़ 25 लाख रूपये खर्च करती थी। किन्तु अब नयें ठेकेदार को दर माह एक करोड़  80 लाख रूपये अदा करेगी। वही पर ठेकेदार को दर माह 50-55 लाख अधिक देकर एक वर्ष में लगभग 6 करोड़ अधिक लागत आऐगा। यही नहीं अपने वाहन को भी ठेकेदार मुफ्त में इस्तेमाल करेगा। जिसे लेकर जागरूक नागरिकों मे शंका व्यक्त किया है।
भिवंडी पालिका क अति आयुक्त ओमप्रकाश दिवटे ने कहा कि ठेकेदार को वाहन उपलब्ध कराते समय सभी मुद्दों का अध्ययन दिया गया है और छह साल के लिए ठेका देते समय आरटीओ विभाग से मानक शुल्क को ध्यान में रखते हुए, यह सुनिश्चित करने के रखा गया है और नाममात्र के वाहन किराए पर देने पर कोई नुकसान पालिका प्रशासन को नही होने वाला है।

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