हाईकोर्ट के आदेश का उल्लंघन हुआ तो करूंगा पालिका आयुक्त के खिलाफ कोर्ट में शिकायत - कामूर्ति 

भिवंडी।। भिवंडी निजामपुर शहर महानगरपालिका के प्रभाग समिति क्रमांक 3 के पद्मा नगर स्थित सब्जी मंडी में सरकारी जमीन के कब्जे व अतिक्रमण का मामला अब धीरे-धीरे गरमाने लगा है। हालांकि गत माह  उच्च न्यायालय मुंबई में दाखिल याचिका की सुनवाई करते हुए माननीय न्यायाधीशों ने सरकारी जमीन पर कब्जा कर बनाए गये 67 दुकानों को ध्वस्त करने के लिए आदेश जारी किया है। किंतु लगभग एक माह बीत जाने के बाद भी भिवंडी मुंसिपल कारपोरेशन के आयुक्त विजय कुमार म्हसाल व उपायुक्त ( अतिक्रमण) दीपक पुजारी और प्रभाग क्रमांक तीन के सहायक आयुक्त सोमनाथ सोष्टे ने अभी तक कोई कार्यवाही नहीं किया है। जिसके कारण शिकायतकर्ता पूर्व नगरसेवक सिद्धेश्वर कामूर्ति ने पालिका प्रशासक व आयुक्त विजय कुमार म्हसाल को निवेदन पत्र देकर अवगत करवाया है कि अगर पदमा नगर स्थित सब्जी मंडी के सरकारी जमीन पर कब्जा व अतिक्रमण कर बनाई गई 67 अवैध दुकानें कोर्ट के आदेश के बाद भी ध्वस्त नहीं किया गया तो पुनः कोर्ट में पालिका प्रशासन के खिलाफ अवमानना याचिका दाखिल करना पड़ेगा। जिसकी सारी जिम्मेदारी पालिका प्रशासन की होगी।

गौरतलब हो कि कामतघर गांव के सर्वें नंबर 42/अ/3, पद्ममा नगर, सब्जी मार्केट में सरकारी जमीन है। इस जमीन को शासन ने भिवंडी ग्रुप विविध कार्यकारी सेवा सोसाइटी को राइस मिल स्थापित करने के लिए दिया था। पूर्व काल में जब यहां की दुकानों का कुछ हिस्सा सड़क चौड़ीकरण के कारण प्रभावित हुआ, तो सोसायटी के अध्यक्ष कमलाकर काशीनाथ टावरे व बिल्डर राजकुमार ज्ञानोबा चव्हाण, संजय नारायण काबुकर ने आपसी सांठगांठ कर सरकारी जमीन कब्जा कर आनन - फानन में आरसीसी तल अधिक एक मंजिल स्वरूप की 67 दुकानें बनवा दी थी और इन दुकानों को उच्चे भाव में ग्राहकों को बिक्री भी कर दिया। सरकारी जमीन पर कब्जा कर अवैध रूप से बनाई गई दुकानों को ध्वस्त करने की शिकायत पूर्व नगरसेवक सिद्धेश्वर कामूर्ति ने मुंबई उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर किया था। जिसकी सुनवाई उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एस.वी गंगापुरवाला एवं संदीप मारने की खंडपीठ के समक्ष हुई। इस दरमियान न्यायालय ने सड़क चौड़ीकरण के अलावा अन्य अनाधिकृत बांधकाम को तत्काल ध्वस्त करने के लिए आदेश जारी किया है। साथ ही संबंधित सोसाइटी के लोगों द्वारा न्यायालय को गुमराह कर भिवंडी न्यायालय से प्राप्त स्थगन आदेश का अहवाल लेकर पालिका आयुक्त को अवैध रूप से निमित्त दुकानें ध्वस्त करने के लिए कहा है। इस मामले में सिद्धेश्वर कामूर्ति पक्षकार के वरिष्ठ वकील रामदास सब्बन ने प्रभावी ढंग से न्यायालय के समक्ष सच्चाई को रखा था। इस बीच सब्जी मंडी में अनाधिकृत दुकानों में लाखों रुपये खर्च करने वाले व्यवसायियों के पांव तले जमीन खिसक गई है। सिद्धेश्वर कामूर्ति ने पालिका आयुक्त को निवेदन देकर मांग किया है सब्जी मंडी में बने अवैध दुकानों को तत्काल ध्वस्त कर उक्त सरकारी जमीन का इस्तेमाल आम नागरिकों की भलाई के लिए किया जाना चाहिए अगर ऐसा नहीं हुआ तो पालिका प्रशासन के खिलाफ उच्च न्यायालय मुंबई में कोर्ट आदेश का अवमानना याचिका दाखिल करना पड़ेगा।।

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